एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
स्वप्न में शायद किसी ने नहीं सोचा था कि पंजाब के इतिहास में दिल्ली की आम आदमी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में 90 पार सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आएगी। कयास, इस बात के ज्यादा लगाए जा रहे थे कि पंजाब में किसी पार्टी को बहुमत स्पष्ट रूप से नहीं मिलने वाला है। हां, इस बात की जरूर चर्चा थी कि पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी प्रथम नंबर में रहने वाली है, जबकि बहुमत मिलता स्पष्ट नहीं दिखाई दे रहा है। इसलिए, उसे किसी अन्य पार्टी के साथ सरकार बनाने के लिए समर्थन की जरुरत पड़ सकती है। इस चुनाव में परंपरागत पार्टियों ने खूब पैसा तथा प्रचार में खून पसीना एक कर दिया, जबकि बाजी अंत में आम आदमी पार्टी मार गई। आप की जीत किसी परंपरागत पार्टी से हजम भी नहीं हो रही है, इसलिए पंजाब के कई पूर्व सीएम तथा बड़े कद के नेता गम में चले गए है। खबरें, यह भी सामने आ रही है कि पूर्व उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी अपनी हार बर्दाश्त नहीं कर पाए तथा उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। आईसीयू में उपचाराधीन है।
चुनाव प्रचार दौरान ही आम आदमी पार्टी ने हर कार्य बड़ी ही धैर्य तथा सोच-समझ का परिचय देकर शांतमय तरीके से किया। प्रत्येक आप प्रत्याशी ने चुनाव दौरान पैसे पर खर्च कम, जबकि तालमेल का बढ़िया प्रदर्शन रखा। प्रत्याशियों की मदद के लिए वालंटियरों की टीम ने जीत की ग्राउंड लेवल तैयार की। प्रत्याशी तक उस क्षेत्र से जुड़ी समस्या तथा लोगों के साथ कैसे संपर्क बनाए रखना है। उस पर खाका तैयार किया गया था। इसी के आधार पर चुनाव प्रचार किया गया। लोगों की नब्ज टटोलने तक काम वालंटियर ने खूब बढ़िया तरीके से निभाया।
दिलचस्प पहलू इस बात का रहा है कि परंपरागत पार्टियों ने अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पैसे से लेकर प्रचार तक अपने मापदंड को अपनाया। किसी प्रकार से कोई कसर नहीं रह जाए, इसके लिए परंपरागत पार्टियों के प्रत्याशियों ने मतदाता को खरीदने तक का काम किया। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पैसे देकर , उनसे अपने समर्थन में मत डालने के लिए विवश किया। शायद, यह नेतागण इस बात को बिल्कुल भूल गए थे कि इस बार लोगों ने भी फैसला कर लिया था कि पैसे सभी से ले लिए जाए, जबकि मत उन्होंने सिर्फ आप को ही करने का फैसला किया था।
एक परंपरागत पार्टी के उच्च कद के नेता पर तो चुनाव प्रचार दौरान नशा बांटने के भी आरोप लगे। उसने अपने चुनावी क्षेत्र में पोस्टर चिस्पाने के लिए नशा भी बांटा। लोगों ने उन नशेडि़यों को बखूबी देखते हुए इस हरकत को उस दौरान नजरअंदाज तो जरुर कर दिया। मगर चुनाव में उसके खिलाफ मत करने का फैसला तो मन में कर लिया। उस प्रत्याशी की मतगणना पूरी होने के उपरांत तीसरे नंबर पर स्थान रहा। फिलहाल, ड्रग्स मामले में जेल में बंद है।
मजे की बात तो यह रही की कि इस बार सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के दो सीट श्री चमकौर साहिब, भदौड़ से लड़ रहे थे। उन पर भी वहां की जनता को पैसे तथा मनचाहे गिफ्ट बांटने के आरोप लगा। बताया जा रहा है कि सीएम चन्नी के खिलाफ चुनाव आयोग के पास शिकायत भी गई। जबकि, चन्नी दोनों सीट से आप के प्रत्याशी से बुरी तरह से पीटे।
आम आदमी पार्टी की पंजाब में जीत से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि आप की पंजाब में पूरी-पूरी हवा थी। इस हवा के झोंके ने बड़े-बड़े दिग्गजों समेत जीत का दावा करने वालों को एक साथ खाक में मिला दिया। अब देखना होगा कि चूंकि पंजाब में आप की सरकार जल्द ही बनने जा रही है तो जिन वादों को जनता के समक्ष पेश किया। उसे किस हद तक पूरा करने में कामयाब रहती है।