पंजाब के दो किन शीर्ष नेताओं ने सुनील जाखड़ को लिया आड़े हाथ..पढ़े…इस खबर में विस्तार के साथ….?

वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.गुरदासपुर/चंडीगढ़।

पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह पराजित होने के उपरांत शीर्ष नेताओं की एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी काफी तीव्र हो चुकी है। कांग्रेस के शीर्ष नेता द्वारा कुछ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करना, अब उनके लिए महंगा साबित हो रहा है। पंजाब के दो शीर्ष नेताओं ने सुनील जाखड़ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उनमें राष्ट्रीय कांग्रेस में उच्च कद के नेता की छवि रखने वाले डॉक्टर राज कुमार वेरका का नाम सबसे ऊपर है। जिन्होंने जाखड़ के खिलाफ आरोप लगाया कि इन्होंने दलित समुदाय के खिलाफ गलत भाषा का प्रयोग किया। दूसरा नाम सामने आया है  पंजाब के भोआ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके जोगिंदर पाल का। उन्होंने कहा कि जाखड़ के एक बयान ने पार्टी तथा आम वर्कर को आहत किया। कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के चेयरमैन होने के बावजूद कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। 

इन दो बड़े शीर्ष नेताओं का अपने ही एक शीर्ष नेता के खिलाफ बड़ा बयान दे देना , एक प्रकार से भविष्य में कांग्रेस की परेशानी बढ़ने जैसा है। वैसे भी कांग्रेस की हार के उपरांत नेता एक दूसरे से काफी दूर चल रहे है। किसी प्रकार से कोई आपस में बैठक तक नहीं हो पा रही है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष को लेकर हर कोई अपना-अपना दावा पेश कर रहा है। इतनी ही नहीं प्रतिपक्ष नेता कांग्रेस नहीं घोषित कर पाई। कुल मिलाकर कांग्रेस की काफी मुश्किलें बढ़ चुकी है। दरअसल, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव समिति के चेयरमैन बनाए गए थे। चुनाव दौरान उन्होंने पार्टी के लिए कुछ खास प्रचार भी नहीं करने के आरोप लगते रहे है।

पार्टी की हार को लेकर भी कई नेताओं ने जाखड़ को जिम्मेदार ठहराया। अब जाखड़ के एक बयान ने पार्टी के भीतर भूचाल ला दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेता राजकुमार वेरका ने इस बयान को दलित समुदाय के साथ जोड़ते हुए जाखड़ को माफी मांगने के लिए बोला। उन्होंने कहा कि जाखड़ तथा पार्टी से दलित समाज नाराज है। पार्टी को जाखड़ के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना होगा। अन्यथा दलित समाज जाखड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगा। 

उधर, कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता जोगिन्दर पाल ने इतना तक कह दिया है कि जाखड़ ही चुनाव में हार के लिए जिम्मेदार है। छोटी मानसिकता की सोच रखते है। चुनाव प्रचार के लिए सीमित क्षेत्र ही रह गए। दलित समुदाय के खिलाफ गलत भाषा का प्रयोग करना ठीक नहीं है। जाखड़ को माफी मांगनी होगी। 

उधर, सुनील जाखड़ ने कहा कि उन्होंने किसी जाति समाज के खिलाफ कोई भी गलत शब्द नहीं बोली है। सिर्फ, उन्होंने इतना कहा था कि कुछ नेता दिल्ली दरबार में डेरा जमा कर बैठे है। इससे अधिक उन्होंने कुछ भी नहीं कहा है। जानबूझकर तरोड मरोड़ कर बयान पेश किया जा रहा है। वह हर जाति तथा धर्म-समाज का सम्मान करते है। 

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