कहा….सब भगवान देख रहा है, जिन दो राजनीतिक परिवारों ने उनके साथ अच्छा नहीं किया , उन्हें भगवान ने सिखा दिया सबक
एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
आप से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले वर्तमान में विधानसभा हलका उत्तरी के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपनी शांति का सबर तोड़ते हुए फेसबुक पर सच्चाई के कुछ लाइनें बयां कर राजनीति में भूचाल ला दिया। हालांकि, कुछ समय उपरांत विधायक कुंवर ने इन लाइनों को हटा भी दिया। सच्चाई के शब्दों में लिखी लाइनों में कुंवर ने लिखा कि बेअदबी कांड की विशेष जांच दल (एसआईटी) में प्रथम तथा दूसरी पंक्ति के पुलिस अधिकारियों ने राजनीतिक परिवार के पक्ष में अपनी रिपोर्ट दी। अब आप सरकार ने एक को डीजीपी इंटेलिजेंस तथा दूसरे को गुरु नगरी में पद देकर उन्हें इनाम दिया। यहीं राजनीतिक परिवार उनके कार्य में अडिंग डालते थे अब भगवान ने उन्हें करारी हार दी। भगवान सब कुछ देख रहा है। उन्हें भगवान ने सबक सिखा दिया।
हमेशा से ही अपनी ईमानदारी तथा जांबाजी की वजह से पहचान रखने वाले कुंवर विजय प्रताप सिंह पुलिस अधिकारी के तौर पर भ्रष्ट राजनेता के राडर पर रहें, जबकि इन्होंने पूर्व में किसी की परवाह नहीं करते हुए अपने काम को ईमानदारी से किया। पद से इस्तीफा देने के उपरांत जनता की सेवा करने की इच्छा जताई। दिल्ली के सीएम तथा आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में झाडू का हाथ थामा। पार्टी ने इन्हें विधानसभा हलका उतरी से प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया। लोगों के प्रति कुवंर की ईमानदारी तथा जांबाजी को देखते हुए उन्हे मत देकर जीत दिलाई।
हैरान करने वाली बात यह रही है कि कुंवर को पार्टी का सत्ता में आ जाने के उपरांत भी मंत्रालय नहीं मिला। सूत्रों से पता चला है कि अब कुंवर शांत होकर बैठ गए। लोगों के बीच जाकर उनकी मांगों को उठा भी रहे है, यद्यपि पार्टी के प्रति उनकी कोई खास एक्टिविटी नहीं दिखाई दे रही है। हर किसी को उम्मीद थी कि पार्टी कुंवर को जरुर प्रदेश की सत्ता में मंत्री बनाएंगी। लेकिन, उन्हें मंत्रिमंडल में नजरअंदाज ही किया गया।
अब चूंकि, पुलिस के दो अधिकारियों को बड़े पद पर बैठाया गया। इसके प्रति कुंवर ने अपने सोशल मीडिया फेसबुक अकाउंट पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार ने इन दो अधिकारियों को इनाम के रूप में बड़े पद से नवाजा गया। यह वहीं अधिकारी है, जिनका प्रदेश के खास राजनीति परिवार के साथ बेहद नजदीकियां है। इस पोस्ट के उपरांत कुंवर के फॉलोअर्स को लाइक तथा आगे शेयर करना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया में कुंवर की यह बात आग की तरह फैली तो पार्टी हाईकमान के दबाव की वजह से उन्हें फेसबुक से अपनी लाइन हटाने के मजबूर होना पड़ा।