एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
पंजाब की जेलों में बार-बार मोबाइल फोन व नशे की सामग्री बरामद होना चिंता की बात है। वह भी खासकर सीमावर्ती जिलों की केंद्रीय जेल से मिलना। लुधियाना की सेंट्रल जेल में कैदियों से 22 मोबाइल फोन और बीस चार्जर मिलने से जेल की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं। बीते सप्ताह एक ही दिन में फरीदकोट जेल से सात और बठिंडा व पटियाला की जेल से 5-5 मोबाइल और चार्जर कैदियों के पास से बरामद हो चुके हैं। सीमावर्ती जिले फिरोजपुर की जेल से तो एक सप्ताह में 13 मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं।
प्रदेश की जेलों में कई आतंकवादी और गैंगस्टर भी बंद हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जेलों में कैदियों के पास मोबाइल फोन व नशे की सामग्री कैसे पहुंच जाती है? किसी भी कैदी को अदालत में पेशी पर ले जाने से लेकर वापस लाए जाने तक सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। कैदियों से मिलने वालों की भी जेल में सघन तलाशी ली जाती है। ऐसी स्थिति में कैदियों के पास मोबाइल फोन पहुंचने से जेल प्रशासन पर सवाल उठना स्वाभाविक है। सुरक्षाकर्मियों की मिलीभगत के बिना जेल के अंदर आपत्तिजनक सामग्री का पहुंचना संभव नहीं है। कैदियों के पास से मोबाइल फोन इत्यादि बरामद होने पर उनके खिलाफ तो मामला दर्ज कर लिया जाता है, लेकिन इसकी जांच शायद ही होती है कि उनके पास फोन पहुंचे कैसे?
सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ हुई कार्रवाई का नहीं पता चलता
कुछ मामलों में सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ यदि केस दर्ज होते भी हैं तो बाद में यह पता नहीं चलता है कि कार्रवाई क्या हुई। जेलों में बंद गैंगस्टरों द्वारा फेसबुक अपडेट करने की खबरें भी कई बार सामने आ चुकी हैं। जेलों से ही गैंगस्टरों द्वारा रंगदारी मांगने और धमकाने की शिकायत भी सामने आ चुकी हैं। प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को जेलों में व्याप्त अनियमितता को गंभीरता से लेना होगा। नाभा जेल ब्रेक की घटना के अलावा लुधियाना सहित कुछ और जिलों में कैदियों द्वारा जेल में उपद्रव व तोड़फोड़ की घटनाएं हो चुकी हैं।
आप सरकार के लिए बड़ी चुनौती
जेल में बंद कैदियों से मोबाइल, फेसबुक तक चलाने कई मामले सामने आने की वजह से, इस पर पूर्ण रुप से रोकथाम लगाने के लिए मौजूदा आप सरकार के लिए काफी बड़ी चुनौती है। चूंकि, सीएम भगवंत मान इस बात को स्पष्ट कर चुके है कि जेल में सुधार किया जाएगा। गैंगस्टर तथा बड़ी गतिविधियों में शामिल जेल में बंद कैदियों के खिलाफ बड़े स्तर की प्रणाली बनाने का भी विश्वास जताया है। अब देखना होगा, भगवंत मान सरकार, इस मामले को लेकर जितनी सजगता दिखाती है।