एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिंगला पंजाब पुलिस के एंटी करप्शन विंग ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें मोहाली पुलिस थाने में रखा गया है, जहां पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। खास बात यह है कि पंजाब का स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए विजय सिंगला ने 23 मार्च को कहा था कि वे भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा भी किया था। उस बयान के ठीक 62 दिन बाद यानी 24 मई को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के मामले में ही उन्हें पद से हटा दिया।
मान ने खुद भ्रष्टाचार की जांच की
सिंगला के भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री भगवंत मान तक पहुंची थी। उन्होंने गुपचुप तरीके से इसकी जांच कराई। अधिकारियों से पूछताछ की, फिर मंत्री सिंगला को तलब किया गया। मंत्री ने गलती मान ली, इसके बाद उन्हें बर्खास्त किया गया। इधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सीएम भगवंत मान की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उन्हें इस फैसले पर गर्व बताया है।
राजिंदर सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला
पुलिस की जांच-पड़ताल में पता लगा है कि डॉ. विजय सिंगला के खिलाफ मोहाली के रहने वाले राजिंदर सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। इसमें बताया गया कि 58 करोड़ के निर्माण कार्य की स्वीकृति के बदले सिंगला ने लगभग 2 करोड रुपए मांगे थे। राजिंदर सिंह ने बताया कि एक महीने पहले मंत्री ने उन्हें पंजाब भवन के कमरा नंबर 203 में बुलाया था। उस वक्त मंत्री और उसका ओएसडी प्रदीप कुमार वहां मौजूद था।
राजिंदर सिंह ने बताया कि कई दिनों से लगातार मंत्री का ओएसडी प्रदीप कुमार वॉट्सऐप पर कॉल कर परेशान कर रहा था। उससे कमीशन मांगा जा रहा था। 20 मई को राजिंदर सिंह से फिर 90 लाख रुपए मांगे गए थे। एसई राजिंदर सिंह की 30 नवंबर को रिटायरमेंट है। इसलिए उन्होंने रिश्वतखोरी में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया और सीएम भगवंत मान को इसकी शिकायत कर दी।
स्टिंग में फंसे सिंगला, 10 दिन में कार्रवाई
पंजाब पुलिस के विजिलेंस विंग ने मंत्री सिंगला के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके मुताबिक मंत्री और उनके करीबियों ने टेंडर में १त्न कमीशन की मांग की थी। अफसर ने इसकी शिकायत सीएम भगवंत मान को की। 24 मई को सीएम मान के पास इसके बारे में जानकारी पहुंची। इसके बाद मान ने अफसर को भरोसे में लिया। कमीशन मांगने की रिकॉर्डिंग करवाई गई। जिसमें मंत्री और उनके करीबियों की कमीशन मांगने की रिकॉर्डिंग हो गई। जिसके बाद मंत्री को बुलाकर मान ने उनके सामने यह सबूत रख दिए और मंत्री ने गलती कबूल कर ली।