वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.नितिन धवन.मानसा चंडीगढ़।
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस को पंजाब पुलिस बुधवार अलसुबह साढ़े 3 बजे मानसा लेकर पहुंची। तड़के 4 बजे ही उसे ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर दिया। 7 दिन का रिमांड मिलते ही पुलिस ने उसे तुरंत सीक्रेट लोकेशन पर शिफ्ट कर दिया।
इस पूरी कवायद की वजह रही गैंगस्टर लॉरेंस की सेफ्टी जिसकी अंडरटेकिंग पंजाब पुलिस दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में देकर आई है। कई गैंगस्टर ग्रुपों की धमकियों के बाद पंजाब पुलिस ने लॉरेंस को दिल्ली से पंजाब लाने के लिए 80 किमी लंबा रूट चुना।
पंजाब पुलिस की 32 गाड़ियों का काफिला गैंगस्टर लॉरेंस को लेकर दिल्ली से वाया सोनीपत-पानीपत-करनाल-अंबाला होते हुए पंजाब में दाखिल हुआ। यह सबसे व्यस्ततम हाईवे है जहां किसी गैंग के लिए लॉरेंस पर अटैक करने का खतरा सबसे कम था। लॉरेंस को दिल्ली से पंजाब लाने और यहां उसे सीक्रेट लोकेशन पर शिफ्ट करने की पूरी प्लानिंग सोच-समझकर की गई।
चकमा देने के लिए 2 बुलेटप्रूफ गाड़ियां..
पंजाब पुलिस मंगलवार को जब गैंगस्टर लॉरेंस को लेने के लिए दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची तो वह एक नहीं बल्कि 2-2 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो लेकर गई। लॉरेंस का ट्रांजिट रिमांड मिलते ही लॉरेंस को इनमें से एक बुलेटप्रूफ गाड़ी में बैठा दिया गया। लॉरेंस किस वाली गाड़ी में है? इसका पता सिर्फ उसके साथ चल रहे पुलिस अफसरों को था। रास्तेभर में दोनों बुलेटप्रूफ गाड़ियों को आगे-पीछे किया जाता रहा, ताकि उसके बारे में अंदाजा न लग सके।
लंबा रूट चुनने की वजह
दरअसल दिल्ली से रोहतक-नरवाना और दिल्ली से रोहतक-फतेहाबाद होते हुए मानसा पहुंचने के रूट छोटे तो थे मगर वहां रिस्क अधिक था। इन दोनों हाईवे पर ट्रैफिक अपेक्षाकृत कम रहता है और कई हिस्से सुनसान रहते हैं। 30-40 किमी तक कोई बड़ा शहर या कस्बा नहीं पड़ता। इन हाईवे पर चलने की सूरत में लॉरेंस या पुलिस काफिले पर अटैक का रिस्क अधिक था। इसके अलावा मूसेवाला की रेकी वगैरह करने वाले कई लोग फतेहाबाद-सिरसा एरिया के ही हैं। ऐसे में दोनों हाईवे पर लॉरेंस के गुर्गे हो सकते थे।
इन तमाम पहलुओं को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली से सोनीपत-अंबाला का रूट पकड़ा। पुराना जीटी रोड कहलाने वाला यह सबसे व्यस्ततम हाईवे है। इस पर हर 10-15 किलोमीटर बाद कोई न कोई कस्बा बसा है। रास्ते भर हाईवे के दोनों किनारे बड़े-बड़े ढाबे हैं। इस रूट पर लॉरेंस या पुलिस काफिले पर अटैक करना आसान नहीं था।
पुलिस के पास 24 घंटे , फिर रात में ही पेशी क्यों
मंगलवार शाम को दिल्ली से लॉरेंस को लेकर चली पंजाब पुलिस के पास उसे मानसा कोर्ट में पेश करने के लिए २४ घंटे का वक्त था। इसके बावजूद उसे तड़के 4 बजे ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर दिया गया। इसका मकसद लॉरेंस को जल्द से जल्द किसी सेफ लोकेशन पर पहुंचाना था। अगर पुलिस बुधवार दोपहर या शाम तक लॉरेंस को मानसा कोर्ट में पेश करती तो वहां लोगों का जमावड़ा लग जाता।
दिन में मूवमेंट के समय रोड पर ट्रैफिक भी अधिक रहता। दिन के समय में लॉरेंस के लिए रूट सैनिटाइज करते हुए ट्रैफिक रोका जाता तो रूट एक्सपोज हो जाता। ऐसे में पुलिस ने सुबह ४ बजे ही लॉरेंस को मानसा में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर 7 दिन का रिमांड ले लिया और सुबह होने तक उसे मोहाली में खरड़ स्थित क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी सीआईए) के ऑफिस में शिफ्ट कर दिया।
लॉरेंस को इनसे है खतरा
गैंगस्टर लॉरेंस और उसके साथियों ने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने इसे लॉरेंस के करीबी विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल का बदला बताते हुए मूसेवाला को बंबीहा गैंग से जोड़ दिया। इसके बाद बंबीहा गैंग ने मूसेवाला के मर्डर का बदला लेने की धमकी दी है। बंबीहा गैंग से ही जुड़े ‘दिल्ली के दाउद’ नाम से मशहूर गैंगस्टर नीरज बवाना ने भी लॉरेंस को धमकी दी है। गैंगस्टर भूप्पी राणा भी मूसेवाला का कत्ल करने वालों का पता बताने वाले को 5 लाख रुपए के ईनाम की घोषणा कर चुका है। पंजाब में इस समय बंबीहा गैंग के साथ बवाना, भूप्पी राणा, कौशल चौधरी, टिल्लू ताजपुरिया समेत कई गैंग लॉरेंस के खिलाफ एकजुट हो चुके हैं।