एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
जालंधर और लुधियाना में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में घोटाला उजागर होने के बाद तीन और जिलों के नगर सुधार ट्रस्ट विजिलेंस के निशाने पर आ गए हैं। विजिलेंस अब पटियाला, बठिंडा और अमृतसर के ट्रस्टों की फाइलें भी खंगालने जा रही है। विजिलेंस ट्रस्ट के भूखंडों के गलत आवंटन कर 1000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की संभावना जता रही है।
इसके साथ ही जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में एलडीपी श्रेणी के तहत बड़ी संख्या में भूखंडों के गलत आवंटन का एक और मामला भी विजिलेंस ब्यूरो को जांच के लिए भेजा गया है। विजिलेंस ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि करोड़ों रुपये का घोटाला हो सकता है। विभिन्न सुधार ट्रस्टों में स्थानीय रूप से विस्थापित व्यक्तियों (एलडीपी) की श्रेणी के तहत आवासीय भूखंडों का आवंटन स्थानीय सरकार विभाग की जांच के दायरे में है।
अनियमित आवंटन का मामला दर्ज किया था
सुधार ट्रस्टों का कामकाज स्थानीय सरकार विभाग द्वारा शासित होता है। गत सप्ताह गुरुवार को विजिलेंस ब्यूरो ने लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट द्वारा अपात्र व्यक्तियों को एलडीपी श्रेणी और अन्य योजनाओं के तहत भूखंडों के अनियमित आवंटन का मामला दर्ज किया था। स्थानीय रूप से विस्थापित व्यक्तियों की श्रेणी के तहत, जिन लोगों की भूमि नगर पालिका द्वारा अधिग्रहित की जाती है, वे संबंधित सुधार ट्रस्टों द्वारा शुरू की गई योजनाओं के तहत रियायती दर पर एक भूखंड के हकदार हैं।
राजनीतिक रूप से जुड़े लोग शामिल
विभिन्न सुधार ट्रस्टों की ओर से एलडीपी श्रेणी के तहत भूखंडों को आवंटित करने के प्रस्तावों को चंडीगढ़ में स्थानीय सरकार के मुख्यालय को अनुमोदन के लिए भेजा जाता है। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान स्थानीय सरकारी विभाग के स्तर पर गठित एक समिति बहुत प्रगति करने में विफल रही लेकिन परिवर्तन के साथ ही आप सरकार ने अब मामलों को खोल दिया है, क्योंकि इसमें राजनीतिक रूप से जुड़े लोग शामिल हैं।
वाहनों और ई गजेट्स खरीद में छह करोड़ का दुरुपयोग
जांच में वाहनों की खरीद और इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स के लिए छह करोड़ रुपये से अधिक के विकास कोष का दुरुपयोग भी जांच के दायरे में है। स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इंदरबीर सिंह निज्जर से मंजूरी लेने के बाद मामले को विजिलेंस ब्यूरो को भेजने का निर्णय लिया गया। इस साल अप्रैल में स्थानीय सरकार ने 120 से अधिक लापता फाइल दर्ज की गई हैं। ये सभी फाइलें एलडीपी श्रेणी के भूखंडों के आवंटन से संबंधित हैं, इसके अलावा गैर-निर्माण शुल्क और जालंधर एमसी कर्मचारियों को दिए गए अग्रिम से संबंधित हैं।
सिद्धू के समय भी उठा था मुद्दा
यह मुद्दा पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यकाल के दौरान उठा। उन्होंने 2018 में अमृतसर और लुधियाना में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की स्थानीय रूप से विस्थापित व्यक्तियों की श्रेणी के तहत 133 भूखंडों के आवंटन का रिकॉर्ड तलब किया था। उन्होंने इंगित किया था कि भूखंडों को नाममात्र दरों पर आवंटित किया गया था लेकिन बाद में इन्हें बाजार दर पर दूसरों को बेच दिया गया, जिससे इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को करोड़ों का वित्तीय नुकसान हुआ।