‘चेयरमैन पम्मा’ का बेटा ‘शिवा सरीन’ गुरदासपुर जेल भेजा, ‘इलाज’ का बहाना लगाकर दाखिल था अस्पताल

90 करोड़ फर्जी बोगस बिलिंग का कथित आरोपी है शिवा सरीन, सीजीएसटी का दावा बड़े होंगे खुलासे, बस करिए इंतजार

ट्रस्ट चेयरमैन की भी शुरू हुई जांच, इस घोटाले में पम्मा के भी जुड़े है तार

नितिन धवन.गुरदासपुर (चंडीगढ़)।

नवनियुक्त बटाला नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन पवन पम्मा के बेटे शिवा सरीन के मामले की जांच कर रही एजेंसी सीजीएसटी की स्पेशल टीम ने उसे गुरदासपुर की केंद्रीय जेल में भेज दिया। विभाग के मुताबिक पिछले लंबे दिनों से बीमारी का बहाना बनाकर , यहां के एक अस्पताल में इलाज करा रहा था। शिवा सरीन पर विभाग के मुताबिक 90 करोड़ रुपए के फर्जी बोगस बिलिंग के मामले में एफआईआर दर्ज की। सीजीएसटी के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इस केस में आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा किया जा सकता है, बस थोड़ी देर का इंतजार कीजिए।


 उधर, विभाग के विश्वसनीय सूत्रों से एक बड़ी जानकारी हासिल हुई है कि शिवा के बाप नव-नियुक्त ट्रस्ट के चेयरमैन पवन कुमार पम्मा के खिलाफ भी इस मामले को लेकर जांच शुरु कर दी गई। क्योंकि, इस केस उनके साथ भी तार जुड़ रहे है। पूर्व में सीजीएसटी विभाग ने खुलासा किया था कि उनकी जांच में सामने पाया गया कि अपराधी के रिश्तेदार के नाम पर 100 से ऊपर फर्जी कंपनियां बनाई गई। इसके लिए स्कैनिंग के जरिए , उनके हस्ताक्षर भी सामने आए। इसी के आधार पर टीम उनके तक पहुंच पाई।

 
जिस प्रकार से जांच एजेंसी की पड़ताल चल रही है, उससे इस बात का संकेत मिल रहा है कि अपराधी के रिश्तेदारों तक कभी भी सीजीएसटी की टीम पहुंच सकती है। विभाग ने राजनीति दबाव की बात को सिरे से नकार दिया। उनके मुताबिक यह एक स्वतंत्र एजेंसी है तथा हर कार्य कानून के मापदंड के मुताबिक करती है। इससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि पम्मा तथा उसके रिश्तेदारों की आने वाले दिनों में मुश्किलों का पहाड़ टूटने वाला है। 


 सूत्रों से यह बात भी सामने आ रही है कि इस केस को लेकर अपराधी का राजनीति का रसूखदार बाप अपने आकाओं के साथ संपर्क में है। उनसे बातचीत चल रही है कि कैसे इस केस को दबाया जा सकता है। क्योंकि, इस केस ने कांग्रेस तथा पम्मा के राजनीति छवि को काफी धूमिल किया। मगर, संकेत इस बात के भी मिल रहे है कि कांग्रेस अपने आपको को इस केस से अलग रखना चाहती है। क्योंकि, पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव है। समय बहुत कम रह गया है। इसलिए पार्टी तो इतना बड़ा जोखिम नहीं लेंगी। 

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