सीएम चन्नी की नियुक्ति उपरांत– कांग्रेस के भ्रष्ट नेता तथा साथी सहित के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई—-धोखाधड़ी का पर्चा।
विद्यार्थियों के मां-बाप की खून-पसीने कमाई को बीवी बच्चों , रिश्तेदार के खातों में डाल दिए धोखाधड़ी के पैसे, बना ली शहर में खूब सारी संपत्ति।
लोगों की नज़रों में बना दानी मसीहा—अब हकीकत बाहर आने पर शहर में चल रही खूब चर्चा
आरएल बावा डीएवी कालेज प्रबंधक कमेटी का कहना- उनके विश्वास का अपराधियों ने गला घोटा
वर्ष 2018-2021 तक की आडिट टीम ने बैंक स्टेटमेंट तथा खातों की छानबीन करने पर पाया बहुत बड़ा घोटाला
कांग्रेस की राजनीति में बटाला के इस भ्रष्ट नेता के खिलाफ सबसे बड़ा गबन का आया मामला सामने, अब पार्टी के कुछ बड़े नेताओं पर उसे बचाने के लग रहे है आरोप, सवाल-क्या अपराधी को शह देने वाले बड़े नेताओं को भी पुलिस इस घोटाले में करेगी शामिल..?
नितिन धवन.गुरदासपुर।
अभी अभी बटाला से एक ब्रेकिंग न्यूज़ राजनीति से जुड़ी सामने आई है। पंजाब के नवनियुक्त कांग्रेसी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पार्टी के बटाला से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनीष अग्रवाल तथा उनके साथी के खिलाफ एक बहुत बड़े विद्यालय में करोड़ों का गबन करने के आरोप में बटाला के थाना सिटी में मामला दर्ज किया गया। इस कार्रवाई से तो एक बात साफतौर पर स्पष्ट हो जाती है कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री चन्नी ने साफ संकेत दे दिया है कि कानून के खिलाफ चलने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी तथा उन नेताओं को भी संदेश चला गया है कि जो किसी भ्रष्टाचार में लिप्त नेता है, उन्हें तो खासतौर पर नहीं बख्शा जाएगा। दिल्ली डीएवी प्रबंधक कमेटी की आडिट विभाग की जांच-पड़ताल में सामने आए 2 करोड़ 79 लाख 39 हजार 93 रुपए के घोटाला करने के आरोप में बटाला में स्थित आरआर बाबा कालेज , शाखा बटाला की कार्यकारी प्रिंसिपल शबनम प्रभा के ब्यान पर भंडारी मोहल्ला के रहने वाले अनीष अग्रवाल (कॉलेज में क्लर्क), मोहल्ला चंदन नगर निवासी, जितेंद्र कुमार (फीस क्लर्क) तहसील , बटाला , जिला गुरदासपुर के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी-किसी के साथ छल करना) , 408 (सेवक के रूप में विश्वासघात करके आपराधिक हनन करना), 465 (कूटरचना के लिए दण्ड) 468 (दस्तावेज के साथ छेड़खानी करना), 471 (बेईमानी की नीयत से दस्तावेज का गलत प्रयोग), 477 ए (दस्तावेज को खुर्दबुर्द करना), 201 (झूठी जानकारी मुहैया करानी), 34 ए (अपराध में एक से अधिक का हाथ) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। इस बात की पुष्टि डीएसपी बटाला सिटी ललित कुमार ने की। फिलहाल कथित फरार बताए जा रहे है तथा मोबाईल फोन स्विच ऑफ आ रहे है।
कथित अपराधियों में अनीष अग्रवाल विद्यालय में क्लर्क होने के साथ बटाला कांग्रेस में वरिष्ठ कांग्रेस नेता के रूप में जाना जाता है। इतना ही नहीं, उक्त नेता की पत्नी बटाला में कांग्रेस की मौजूदा पार्षद है। इस भ्रष्टाचार में सामने कई ऐसे तथ्य सामने आए। जिसके आधार पर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस कथित भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने या फिर संरक्षण देने में बटाला से लेकर माझा के उन कांग्रेसियों का हाथ भी रहा , जिनका मौजूदा सरकार में बहुत बड़ा कद है। बताया जा रहा है कि कथित घोटाला कांग्रेस नेता अनिश अग्रवाल तथा उसके फीस क्लर्क साथी जितेंद्र कुमार ने आपसी मिलीभुगत के साथ वर्ष 2018 से लेकर 2021 तक निरंतर जारी रखा। एक बड़ा सवाल है कि जिन नेताओं ने कथित अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया, क्या बटाला पुलिस, उन्हें भी इस केस में शामिल करेंगे, या फिर मामले की जांच का दायरा यहां तक ही समाप्त हो जाएगा।
वर्ष 2021 के शुरुआत में डीएवी कॉलेज दिल्ली की प्रबंधक कमेटी की आडिट टीम को महत्तवपूर्ण जानकारियां हासिल हुई कि बटाला के आरआर बावा डीएवी कॉलेज के खातों में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है तथा हिसाब-किताब में भी कोई मेल नहीं खा रहा है। उसके बाद आडिट टीम ने वर्ष 2018 से लेकर 2021 की बैंक स्टेटमेंट तथा खातों की सारी डिटेल को चेक करना शुरू कर दिया। डिटेल को जब चेक किया गया तो उसमें बहुत बड़ा घोटाला सामने आया।
घोटाले में पता चला है कि यह सारा पैसा गरीब तथा जरुरतमंद छात्राओं के मां-बाप की मेहनत की कमाई का पैसा था, जिसे कथित अपराधियों ने अपने बीवी-बच्चों को खुश करने के लिए उनके खातों में डाल दिया, जबकि बाद में इन पैसों की एफडी करा दी गई। इस मामले से संबंधित अनीष अग्रवाल तो शहर के दानी मसीहा के रूप में खासा जाने जाते है तथा इस बारे पता चलने पर शहर में खूब चर्चा हो रही है कि उन्हें दान दिया गया पैसा या फिर आटा मेहनत की कमाई का नहीं था। यह तो भ्रष्टाचार में कमाए गए, पैसे से उन्हें दान के रूप में दिया जाता रहा है।
उधर , इस पूरे प्रकरण में प्रबंधक कमेटी ने कहा कि इन दोनों कथित अपराधियों ने उनके विश्वास का सरासर गला घोंटा है। अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी के तरीके से नहीं निभाया। इतना ही नहीं, चेक पर प्रिंसिपल के फर्जी हस्ताक्षर कर अपने खातों में पैसा ट्रांसफर करते रहे।
प्रबंधक कमेटी द्वारा पुलिस जांच में बताया कि उनकी टीम द्वारा की गई जांच में लगभग 2 करोड़ से ऊपर गबन सामने आ रहा है तथा इनसे बिल या फिर दस्तावेज मांगे तो यह उक्त कर्मचारी पेश नहीं कर पाए। इस मामले को पुलिस ने पूरी गंभीरता से लिया। मामला पुलिस की थाना सिटी में अप्रैल 2021 को पहुंच गया। उसके बाद पुलिस ने जांच प्रक्रिया को शुरु किया। इस पूरे प्रकरण के लिए एसएसपी बटाला ने बटाला सिटी के डीएसपी ललित कुमार को सौंपी। जांच दौरान डीएसपी ने अनीष अग्रवाल तथा जितेंद्र कुमार (भ्रष्टाचार के कथित अपराधी) दोनों को परवाना भेजा गया कि वे दोनों पुलिस जांच में शामिल होकर अपने बयान दर्ज कराए। पता चला है कि पुलिस जांच में इन कथित अपराधियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। डीएसपी ने जांच रिपोर्ट एसएसपी बटाला अश्विनी कपूर को सौंप दी।
एसएसपी के निर्देश पर थाना सिटी पुलिस ने कथित अपराधियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के अधीन मामला दर्ज कर लिया।
इस प्रकार से हुआ घोटाला, तय तक जाकर जानी सच्चाई
एफआईआर के मुताबिक अपराधी अनीष अग्रवाल ने वाउचर नंबर-154 तिथि, 17.5.2018 को तीन लाख रुपए कॉलेज के खाता नंबर-1227010100000107 कालेज के दूसरे खाता नंबर-015257, चेक नंबर-3316002 को अपनी निजी खाता में पैसे को डाल लिया।वाउचर नंबर-1675 तिथि, 31.03.2017 रकम 3,67,200 चेक की रकम बदल कर 367930 लाख रुपए चेक नंबर -871429 किसी ओमकार तिवाड़ी के नाम पर रकम देना बताई गई। जबकि , अनीष अग्रवाल ने इन पैसों को सुखजिंदर सिंह नामक व्यक्ति के खाता में यह रकम डाल दी। इस बात की सच्चाई , आडिट टीम की जांच में अनीष अग्रवाल की बैंक स्टेटमेंट से स्पष्ट हो गया। वाउचर नंबर-501 तिथि-08-01.2018 रकम 59072 मरवाहा फिलिंग स्टेशन को देने का खाता में बताया गया, जबकि सच्चाई यह इन पैसों को अपने निजी खाता में डाल लिया गया। वाउचर नंबर-733 तिथि-19.12.2018 मैस प्रिंट वल को कालेज खाता में रकम 170,722 लाख रुपए देने का दर्शाया , जबकि इन पैसों को भी अपने निजी खाता में डाल लिए गए। मार्च 2020, रकम 1620000 लाख रुपए अंबाला की गोयल साइंटिफिक लैब कंपनी (लैब का सामान) खरीद के बारे चेक पास करने के बारे रिकार्ड में बताया गया, जबकि उन रिकार्ड्स का किसी प्रकार का कोई बिल नहीं पेश गया। बिल मांगने पर अपराधी पेश नहीं कर पाया। फीस क्लर्क जितेंद्र कुमार वर्ष 2018-19 में गरीब तथा जरुरमंद छात्रों की फीस 492797 लाख रुपए तथा वर्ष 2019-20 को 157825 लाख की फीस को खुर्दबुर्द कर दिया। ऊपर से छात्रों को नो ड्यू सर्टिफिकेट भी जारी कर दिए। इस कथित अपराधी ने कंप्यूटर में तकनीकी छेड़छाड़ करके अंजाम दिया।
पुलिस केस में कुछ अनसुलझे सवाल, जिसे जानना हर किसी के लिए अति जरूरी
पुलिस ने दर्ज मामले की शुरुआत में डीएवी कॉलेज, दिल्ली प्रबंधक कमेटी द्वारा कार्यकारी आरआर बावा डीएवी कालेज की कार्यकारी प्रिंसिपल के बयान पर 2 करोड़ 79 लाख 39 हजार 93 रुपए का घोटाला सामने आने का बयान दर्ज किया, जबकि मामले में दर्ज लाइनों में इस घोटाले में 31,68346 रुपए का घोटाला रकम को पेश किया गया जबकि 2 करोड़ 47 लाख 70 हजार 747 रुपए का घोटाला रकम के बारे क्यों नहीं , इस पर्चे में लिखी गई। इन अनसुलझे सवालों को लेकर पुलिस जांच प्रक्रिया में भी सवाल खड़े होते है। फिलहाल , इस केस को लेकर इस रकम के बारे अभी तक पुलिस तथा बयान कर्ता ने कोई भी अपना पक्ष नहीं बताया है।
अपराध साबित होने पर 7 साल की सजा तथा जुर्माना का प्रावधान
कानून के मुताबिक अगर किसी भ्रष्टाचार करने वाले अपराधी के खिलाफ अदालत में आरोप साबित हो जाते है तो उसे इन धाराओं (यानी 420,408,465,468,471,477-ए, 201,31 की आईपीसी धारा) के अधीन सात साल की सजा तथा कठोर जुर्माना जैसा प्रावधान भी लग सकता है।
भाजपा ने खोला मोर्चा, मांग-भ्रष्टाचारी नेता तथा संरक्षण देने वाले के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई
जिला भाजपा अध्यक्ष (बटाला) राकेश भाटिया ने कहा कि शुरू से ही कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी रही है। हमेशा ही इनके बड़े नेताओं के नाम भ्रष्टाचार की सूची में शामिल रहें, जबकि पार्टी उनके खिलाफ कोई कड़ी करने के बजाय राजनीति का हवाला देकर , उन्हें बचा लेती है। अब अनीष अग्रवाल जैसे कथित अपराधी को बचाने के लिए कांग्रेस जोर लगाएगी। इस बात का अंदाजा यहां से ही लग जाता है कि अप्रैल में इसके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पूरे प्रमाण के साथ गई, जबकि कार्रवाई अब जाकर सितंबर में हुई। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की कि इस भ्रष्टाचारी नेता तथा उसकी संपत्ति की निष्पक्षता से जांच की जाए तथा इस केस में अगर किसी बड़े कांग्रेस नेता या मंत्री के तार जुड़े है तो उन्हें बिना राजनीतिक दबाव के बेनकाब किया जाए। भाजपा हमेशा ही सच्चाई तथा झूठ के खिलाफ लड़ाई लड़ती आई है।