कवरेज करने गए पत्रकार के साथ बदसलूकी करने की पुलिस जांच शुरू, एक प्रसिद्ध उद्यमी एवं पंजाब कैबिनेट मंत्री के बेहद करीबी पर लगे आरोप

फोटो कैप्टन----बटाला की एमएस इंडस्ट्री , यहां के संचालक पर लगे पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने के आरोप।

उद्यमी का पलटवार-उल्टा पत्रकारों पर लगा दिए  ब्लैकमेलिंग के आरोप, बोले-हर जांच के समक्ष पेश होकर बेगुनाही के दूंगा सबूत

नितिन धवन.बटाला।

पिछले दिनों एक निजी चैनल के पत्रकार तथा उप-संपादक के साथ हुई बदसलूकी के मामले में पुलिस जांच शुरू हो गई। यह जांच पंजाब पुलिस निदेशक , इकबाल सिंह सहोता तथा जिला बटाला पुलिस प्रमुख मुखविंदर सिंह भुल्लर के निर्देश पर आरंभ हुई। जांच-पड़ताल डीएसपी सिटी ललित शर्मा के पास है। उधर, अपने ऊपर लगे आरोपों के बारे खंडन करते उद्यमी ने पत्रकारों पर पलटवार करते हुए , उलटा उन पर ही ब्लैकमेलिंग के आरोप जड़ दिए। 

फोटो कैप्शन- पत्रकार रमेश बहल द्वारा उसके साथ हुई बदसलूकी के बारे पंजाब पुलिस के निदेशक को भेजा गया पत्र।

उद्यमी ने कहा कि वह पुलिस जांच में इस बात के प्रमाण सहित पेश होकर अपने ऊपर लगे आरोपों की बेगुनाही साबित करेगे। दरअसल, 21 अक्टूबर की रात बटाला में स्थित एक प्रसिद्ध इंडस्ट्री में आग लग गई। विभिन्न न्यूज़ चैनल, अखबार के पत्रकारों को इस बात का पता चला तो वे अपनी जान की बेपरवाह किए कवरेज करने के लिए निकल पड़े।

फोटो कैप्शन-पत्रकार रमेश बहल द्वारा उसके साथ हुई बदसलूकी के बारे जिला पुलिस प्रमुख को भेजा गया पत्र।

उनमें एक निजी चैनल लाइट आफ नेशन के बेबाक, निडर पत्रकार रमेश बहल तथा उप-संपादक मोहन हंस अपना कैमरा सहित निकल पड़े। फैक्ट्री में बुरी तरह से आग लगी हुई थी। बार-बार वहां पर विस्फोट हो रहा था। इतने में फैक्ट्री मालिक ने पत्रकारों को कवरेज करने से रोक दिया। पत्रकार के मुताबिक , उसका मोबाईल जलती आग में फेंक दिया। विरोध किया तो फैक्ट्री संचालक ने बदसलूकी तथा उनके साथ गाली-गलौज तक किया। उन्होंने खास तथा अहम बात का पत्र में जिक्र करते कहा कि फैक्ट्री में कुछ संदिग्ध वस्तुओं की वजह से आग तथा विस्फोट का कारण बना। 

इन सब बातों का विवरण एक पत्र में लिख कर डीजीपी तथा स्थानीय एसएसपी को दिया गया। फिलहाल , पुलिस ने इस केस में अपना प्राथमिक जांच प्रक्रिया आरंभ कर दी। पत्रकार रमेश बहल के मुताबिक, उन्होंने थाना सिविल लाईन पुलिस को अपने बयान लिखवा दिए। मांग की कि इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल पूरी ईमानदारी से होनी चाहिए। जिसके खिलाफ आरोप साबित होते है, उसके खिलाफ कड़े कानून के प्रावधान मुताबिक मामला दर्ज होना चाहिए। 

पुलिस पर उठ रहे सवाल

बताया जा रहा है कि जिस उद्यमी के खिलाफ आरोप लगे है , वह पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री का बिल्कुल निकटतम है। इसलिए, पुलिस पर आरोप लग रहे है कि इस केस में हर हालात में उद्यमी को बचाने का प्रयास हो रहा है। जांच अधिकारी डीएसपी ललित शर्मा भी इस केस को लेकर खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। मामले की जांच का ठीकरा थाना सिविल लाईन के प्रभारी पर थौप रहे है। इससे एक बात तो साबित हो जाती है कि पुलिस जांच में कुछ न कुछ तो छुपाया जा रहा है। 

जांच डीएसपी को सौंपी-एसएसपी

जिला बटाला पुलिस के एसएसपी मुखविंदर सिंह भुल्लर ने बताया कि मामले को लेकर पुलिस पूरी ईमानदारी के साथ जांच-पड़ताल में जुट गई। जांच डीएसपी सिटी ललित कुमार को सौंपी गई। जांच के हर पहलू की खबर ली जा रही है। इस केस में जो भी सच्चाई होगी, उसी के आधार पर कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई होगी। 

फैक्ट्री संचालक ने किया आरोपों का खंडन

फैक्ट्री संचालक ने अपने ऊपर लगे एक-एक आरोपों का खंडन किया। उसने बताया कि जानबूझ कर उसे फंसाया जा रहा है। बहसबाजी की बात को स्वीकार किया, जबकि धक्का मुक्की तथा मोबाइल फेंकने की बात को सिरे से नकार दिया। उलटा पत्रकारों पर आरोप लगाते कहा कि उसे ब्लेकमेल कर रहे है। फिलहाल, इस बारे उसने कोई प्रमाण पेश नहीं किया तथा बैठक में व्यस्त होने का हवाला देकर अपना फोन बंद कर दिया। 

फोटो कैप्शन- पत्रकार रमेश बहल। 

लाईव होकर पत्रकार ने लगाए आरोप

पत्रकार रमेश बहल ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर सरेआम पुलिस, सरकार तथा उद्यमी के खिलाफ आरोप लगाते कहा कि जानबूझकर इस केस में उद्यमी को हर तरफ से बचाया जा रहा है। पत्रकार ने कहा कि कवरेज करना, उनका दायित्व है। उनके अधिकार के प्रति कोई प्रतिबंध नहीं लगा सकता। अगर, उनकी कवरेज करने में कोई रुकावट डालता है तो भारतीय संविधान के मुताबिक कानूनी रूप से कार्रवाई हो सकती है, जबकि पुलिस उसे (उद्यमी) को सरेआम बचाने का प्रयास कर रही है। एक तरह से उनके साथ धोखा हो रहा है। चुप नहीं बैठने वाले है। हमेशा से ही सच्चाई का साथ दिया। इंसाफ लेकर ही दम लेगे। चेतावनी दी कि अगर उन्हें, इस केस में इंसाफ नहीं मिला तो वह जरुरत पड़ने पर धरना तथा अनशन करने से भी नहीं पीछे हटेगे। अगर, इस दौरान, उनके साथ कुछ हो जाता है तो उसके लिए पुलिस तथा मौजूदा सरकार का एक मंत्री जिम्मेदार होगा। 

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