बटाला वासियों की लंबे समय से ‘इंतजार’ की ‘घड़ियां’ समाप्त-बटाला को अगले हफ्ते मिलने जा रहा है ‘जिला’, का दर्जा
सीएम तक पहुंची आवाज, तृप्त-सरकारिया को मिला मुलाकात का समय
रजिंदर दर्दी.नितिन धवन.गुरदासपुर/ चंडीगढ़
लंबे समय से जिले के लिए संघर्ष करने वाले बटाला निवासियों तथा समाजसेवी-संस्थाओं, कुछ राजनीति पार्टियों से ताल्लुकता रखने वाले लोगों के इंतजार करने की घड़ियां अब कुछ ही पलों में समाप्त होने जा रही है। क्योंकि, सत्ता में उपस्थित कांग्रेस सरकार अगले हफ्ते बटाला को जिला बनाने की घोषणा कर सकती है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करने के लिए बटाला की पांच विधानसभा से नियुक्त दो कांग्रेसी मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुख सरकारिया ने एक पत्र लिखा है। पत्र में सीएम से इस मुद्दे पर समय मांगा है। सीएम ने इन मंत्रियों का जवाब देते हुए सोमवार को चंडीगढ़ बुलाया। संभावना पूरी है कि सीएम सोमवार को बटाला जिला घोषित कर सकते है।
बटाला शहर का इतिहास काफी प्राचीन तथा पुराना है। यह शहर महाराजा रणजीत सिंह के शासक ने बसाया था। इसके साथ-साथ सिक्खों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की ससुराल परिवार भी इस शहर में है। प्राचीन गुरुद्वारा श्री कंध साहिब, श्री सतकरतारिया गुरुद्वारा जैसे पुराने गुरुद्वारों की गुरु नानक देव जी के साथ काफी पुराने यादें जुड़ी है। बाबे द विवाह , देश-विदेश में प्रसिद्ध है। देश-विदेश श्रद्धालु माथा टेकने के लिए पहुंचते है।
लगभग तीन लाख के करीब जनसंख्या वाला बटाला तहसील जिला गुरदासपुर से क्षेत्रफल के हिसाब से बड़ा है। यहां पर जिला बटाला पुलिस को मान्यता सरकार की तरफ से वर्ष 1989 में मिल चुकी है। यहां की औद्योगिक इकाइयां पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। दो साल पहले बटाला नगर-कौंसिल को नगर-निगम का दर्जा मिल चुका है। सिर्फ तो सिर्फ जिला बनाने के घोषणा अभी तक कोई भी सरकार नहीं कर सकी। वादे तो हर सरकार के प्रतिनिधि ने जोरशोर से किए। लेकिन, इसे अंत तक ले जाने में हर कोई असफल रहा।
इतना ही नहीं कि बटाला को जिला घोषित होने की कोई कमी भी जरा सी नज़र नहीं आती है। इस जिला में हर वह चीजें उपलब्ध है जोकि एक जिला के हिसाब से होनी चाहिए। बताया जाता है कि बटाला को जिला घोषित कराने के लिए आजाद पार्टी के सुरेंद्र सिंह कलसी ने काफी लंबे समय तक संघर्ष जारी रखा। कई प्रकार के धरने दिए तथा प्रशासन एवं सरकार को लिखित में जिला घोषित करने के लिए पत्र भेजा गया।
विपक्षी पार्टियों ने जिला बनाने की बात का सरकार का समर्थन तो जरूर किया, किंतु विधानसभा चुनाव नजदीक आने की वजह को मेन कारण बताकर राजनीति भी शुरू कर दी। अब सीएम पर पूरा दबाव है कि बटाला को जिला बनाने के लिए अधिकृत मंजूरी दें, अन्यथा इस मुद्दे को हल्का लेने के बारे जरा सा भी न सोचें। नहीं तो इसके विपरीत चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान हो सकता है।