एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
पंजाब कांग्रेस का अंतर्कलह पार्टी का भीतर ही भीतर से बेड़ा गर्क होने का प्रमाण मिलना शुरू हो गया। कैप्टन-सिद्धू की आपसी गुटबाजी ने पार्टी तथा सरकार गिराने के लिए मजबूर कर दिया। फिलहाल, इस बात को सिरे से बिल्कुल ही नहीं नकारा जा सकता कि सिद्धू गुट इस समय काफी मजबूत दिखाई दे रहा है। किसी समय बेहद करीबी रहे कैप्टन के दोस्त तथा मौजूदा सरकार के मंत्री धीरे-धीरे सिद्धू गुट में शामिल हो चुके है। इनका निगला जहर कांग्रेस की नैया को डूबाने में पूरा जोर से काम कर रहा है।
लगभग कांग्रेस के 40 विधायक तथा कुछ मंत्री कैप्टन की डोर से कई गुणा दूर निकल चुके है। उनका सिर्फ एक ही मकसद है कि कैप्टन को सीएम पद से कैसे निकाला जाए। इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले कार्यकारी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने का उनसे समय तक मांगा था, जबकि सोनिया गांधी ने इनसे मुलाकात करने से साफतौर पर इंकार कर दिया था। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत को इनकी समस्या सुलझाने के लिए लगा दिया गया। कैप्टन-सिद्धू गुट के विधायकों से मुलाकात कर , उनकी हर बात को ध्यान से सुनते हुए सुलझा लेने का दावा भी किया गया।
मगर, अब जिस प्रकार से पंजाब कांग्रेस में आग लग चुकी है। उसे बुझाने का समय समाप्त हो चुका है। अब तो यह आग पार्टी को राख करने की तरफ बढ़ चुकी है। इतना ही नहीं, सिद्धू के इशारे पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने विधायकों से सीएम को कुर्सी से हटाने के लिए पत्र हस्ताक्षर अभियान छेड़ दिया। सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी मुताबिक 40 कांग्रेस विधायकों के साथ-साथ कुछ मंत्रियों ने तो इस बात पर अपनी सहमति जताते हुए हस्ताक्षर भी कर दिए।
रोचक बात है कि किसी समय यहीं मंत्री तथा विधायक सीएम कैप्टन के बेहद करीबी होने के साथ-साथ कैप्टन के हर बात पर हां में हां मिलाते थे। इनमें कुछ ऐसे मंत्री भी थे, जिन्हें कैप्टन ने सत्ता की पूरी ताकत दे रखी थी। मंत्री पद पर रहते हुए, इन मंत्रियों के खिलाफ गलत काम करने के आरोप भी लगते रहे। इन सबके बावजूद सीएम ने अपने खास मंत्रियों को हर जांच से बचाया तथा उनके ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया।
खैर, कांग्रेस के भीतर इतनी बड़ी जग अब विपक्षी पार्टियों को सुनहरी अवसर देने का एक रास्ता दिखा रही है। विधानसभा चुनाव 2022 काफी निकट है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह आपसी कलह सत्ता से दूर रखने के लिए नींव पत्थर के रूप में काम करने शुरु हो गया है।चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि आलाकमान ने पंजाब कांग्रेस की आपसी खींचतान से हाय तौबा कर ली।