अधर में लटका रोडवेज कच्चे मुलाजिमों के लिए सरकार का वादा—-दो घंटा पंजाब की सरकारी बसों का रहा चक्का जाम, मुसाफिर रहे परेशान

चेतावनी-चन्नी सरकार ने भी अगर नहीं उनकी मानी मांगे तो बजा देंगे ईट से ईट, पिछले पंद्रह साल से लंबित मांगों के लिए सरकार के समक्ष कर रहे है जद्दोजहद

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

पंजाब रोडवेज, पीआरटी, पनबस के लगभग 10 हजार कच्चे मुलाजिमों ने शुक्रवार को पूरे पंजाब के बस अड्डा  में बसों का चक्का जाम कर लगभग दो घंटा अपना विरोध-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन दौरान सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की गई तथा अंत में सरकार का पुतला फूंका गया। यह हड़ताल अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, गुरदासपुर , मोगा, बठिंडा, रुपनगर के अलावा अन्य सभी बस स्टैंड के कच्चे मुलाजिमों द्वारा की गई। वैसे, भी पिछले कुछ समय पहले सरकार द्वारा एक हफ्ता के भीतर मांगे मान लेनी की बात उनका मामला नई सरकार के गठन उपरांत अधर में पड़ा गया। चक्का जाम से आम मुसाफिर खासा परेशान रहे। चेतावनी देते रोडवेज के कच्चे मुलाजिमों ने कहा कि अगर चन्नी सरकार ने भी उनकी जायज मांगों को नहीं माना तो उस सरकार के खिलाफ ईंट से ईंट बजा देंगे। जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह कच्चे कर्मचारी पिछले पंद्रह साल से अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते आ रहे है। 


 पंजाब रोडवेज कच्चा मुलाजिम के प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह ने जानकारी दी कि कुछ दिन पहले उन्होंने अपनी हड़ताल इस शर्त वापिस ली थी कि सरकार ने उनसे वादा किया था कि एक हफ्ते के भीतर उनकी हर जायज को मान लिया जाएगा तथा उनके वेतन में बढ़ाए पैसे मिलेगे। जबकि सरकार ने अपने वादे पर अब तक नहीं खरा उतरते हुए इस मंजूरी के लिए किसी प्रकार से कोई नोटिस नहीं जारी किया। चन्नी सरकार ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि वह कच्चे मुलाजिमों की हर मांग मान लेगी, जबकि इसका बयान ही जारी हुआ। हकीकत में इस पर कोई अधिनियम लागू नहीं किया गया। इसी वजह से पूरे पंजाब रोडवेज तथा संबंधित अन्य कच्चे मुलाजिमों के खिलाफ हड़ताल करने के लिए आज मजबूर होना पड़ा। 


  खबरों के मुताबिक पंजाब के कुछ हड़ताली कर्मचारियों तथा निजी बस चालकों के बीच तनातनी होने का भी पता चला, जबकि, हड़ताली कर्मचारी इस बात को सिरे से नकार रहे है तथा कह रहे है कि उन्होंने बिल्कुल ही शांतमय तरीके से अपने आंदोलन को जारी रखा। बताया जा रहा है कि निजी बस चालकों को बस स्टैंड में घुसने की अनुमति तक नहीं दी गई। जिस कारण, इन्हें बस स्टैंड के बाहर अपनी बसों को खड़े करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 


  आज का पूरा दिन बस में सफर करने वाले मुसाफिरों के लिए काफी परेशान से भरा रहा। उन्हें बस स्टैंड में सरकारी बसों में सफर करने का अवसर ही नहीं मिला। निजी बसें बस-स्टैंड से बाहर खड़ी होने के कारण , उन्हें वहां से जाना पड़ा। बसों में मुसाफिरों की भीड़ से लोग खासा परेशान रहे तथा निजी बस चालकों द्वारा मनमानी तरीके से टिकट के रुप में अधिक पैसे यात्रियों से वसूलने की भी काफी शिकायतें सामने आई। 

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