………. अपने संदेश में राज्यपाल ने पत्रकार की प्रकाशित खबर की पढ़ी थी लाइने….हमेशा दिवंगत पत्रकार लोकेश ने पंजाबी भाषा को अपनी पत्रकारिता में किया प्रचार

दिवंगत शीर्ष पत्रकार लोकेश ऋषि

देश के प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री पंजाब तक एक ही गुहार…..लोकेश के नाम बटाला में बने एक यादगारी मार्ग

एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।

पंजाब की पत्रकारिता में एक अलग पहचान बनाने वाले दिवंगत शीर्ष पत्रकार लोकेश ऋषि चाहे हम सब के बीच नहीं है लेकिन उनके किस्सों के हर कोई चर्चा कर रहा हैं। उनके कार्य करने का अंदाज सबसे अलग था। पंजाब के युवा श्रेणी से लेकर हर आयु के वर्ग का सदस्य उनकी कलम का कायल था। वर्ष 2019 में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 26 जनवरी (गणतंत्रता दिवस) के अवसर पर उनकी लिखी कॉरिडोर पर पॉजिटिव स्टोरी को अपने संदेश में पढ़ा था। हमेशा दिवंगत पत्रकार ऋषि ने अपनी पत्रकारिता द्वारा लिखे उल्लेख एवं खबर को पंजाबी भाषा में लिखकर इसका बढ़ चढ़कर प्रचार किया। देश के प्रधानमंत्री से लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से लोकेश के नाम पर एक यादगारी मार्ग बनाने की चर्चा शुरु हो गई हैं। अब देखना होगा कि क्या राजनीति से ऊपर उठकर इस देश भक्त पत्रकार की याद में सरकार बड़ा फैसला ले पाती हैं। इंतजार , इस बात का जरूर रहेगा। 

सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले लोकेश बचपन से ही कुशल स्वभाव के थे। बचपन से ही उन्होंने ठान लिया था कि वह देश के लिए कुछ अलग करेंगे। मां-बाप तथा बड़े भाई परमवीर ऋषि को भी अपने छोटे भाई पर भरोसा था कि वह जिंदगी में कुछ बड़ा ही करेगे। अपनी शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत वर्ष 2006 में पत्रकारिता की लाइन में कूद पढ़े। देश के बड़े-बड़े मीडिया घरानों के साथ ईमानदारी, निष्ठा तथा लगन के साथ काम किया। जिस दायरे में ऋषि ने काम किया। वहां पर वह अपनी अलग पहचान छोड़ गए। वर्तमान में वह विदेशी पंजाबी चैनल तथा देश के एक बड़े चैनल के साथ काम कर रहे थे। उनकी देहांत के उपरांत, सभी ने परिवार के साथ संवेदना जताई। 

हमेशा गरीब की आवाज उठाई

लोकेश ऋषि ने हमेशा ही गरीबों की आवाज उठाई। मन इतना नरम था कि जब कोई गरीब या फिर बेसहारा उनके पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचता था। उसकी समस्या सुन मन एकदम से पिघल जाता। उसकी आवाज को अपनी कलम के माध्यम से उठाते तथा उसका काम को पूर्ण रूप से करवा कर ही छोड़ते थे। वर्तमान में लोकेश ऋषि के देहांत की खबर उपरांत , सभी के मन में उदासी छा गई है तथा आंखों में सिर्फ तो सिर्फ आंसू शेष हैं। 

कॉरिडोर पर कई एक्सक्लूसिव स्टोरियां की

लोकेश ऋषि ने डेरा बाबा नानक पर स्थित कॉरिडोर खुलवाने में अहम भूमिका निभाई। किसानों के पास जाकर , उनके दिल की आवाज को देश की सरकार तक पहुंचाया। कई किसानों ने अपनी जमीन कॉरिडोर के लिए देने की सहमति को अपनी कलम की माध्यम से अच्छी तरह से पिरोकर प्रकाशित किया। सरकार तक आवाज पहुंची तो उक्त का निर्माण कार्य तीव्र गति से शुरू हुआ।  कॉरिडोर पर कई एक्सक्लूसिव स्टोरियां की।

परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा पेंशन की मांग की

देश की प्रख्यात पत्रकार यूनियनों ने दिवंगत शीर्ष पत्रकार लोकेश ऋषि के देहांत पर दुख जताया तथा दो मिनट का मौन भी रखा हैं। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब सरकार से इस बात की मांग की है कि दिवंगत पत्रकार के परिवार को सरकारी नौकरी के साथ-साथ पेंशन भी दी जानी चाहिए। 

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