अमृतसर रेड में तथ्य छिपा रही जीएसटी विभाग की टीम…जीएसटी कानून के मुताबिक लाखों की फर्जीवाड़ा में नहीं किया जा सकता अरेस्ट…जानें, इस खबर में चौक जाएंगे आप सब..?

प्रतीकात्मक तस्वीर

एसएनई नेटवर्क.अमृतसर/लुधियाना/चंडीगढ़।

वस्तु एवं कर टीम (चंडीगढ़) ने गुरुवार देर सायं अमृतसर के एक व्यापारी के घर जीएसटी बोगस बिलिंग फर्जीवाड़ा को लेकर दबिश दी गई। लेकिन सवाल इस बात के उठ रहे है कि जीएसटी विभाग इस रेड में सामने आ रहे असली तथ्य को छिपा रही है। टीम के मुताबिक, व्यापारी से  लगभग 37 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया तथा उसे गिरफ्तार कर लिया। 

जबकि, सूत्रों से मिली खबर मुताबिक, रेड दौरान लगभग आठ करोड़ रुपए के बोगस बिलिंग का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है।जीएसटी कानून के मुताबिक लाखों के फर्जीवाड़ा में किसी आरोपी को टीम पकड़ नहीं सकती है। यह एक प्रकार से कानून के खिलाफ है। लगभग 2 करोड़ के फर्जीवाड़ा में अपराधी को गिरफ्तार किया जा सकता है। फिलहाल खबर, यह भी सामने आई की कि व्यापारी को दिल का दौरा पड़ने की वजह से एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। उधर, विभाग इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया साफ तौर पर जाहिर नहीं कर रही है। सिर्फ विभाग के आयुक्त का हवाला देकर कार्रवाई करने के बारे बताया जा रहा है। 

गुरुवार की देर सायं, अमृतसर की एक पाश कालोनी में जीएसटी चंडीगढ़ विभाग के नेतृत्व में लुधियाना , जालंधर की टीम एक व्यापारी के घर दबिश देती है। व्यापारी का काम काफी बड़े स्तर होने के बारे जानकारी प्राप्त हुई। विभागीय पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक, जिस व्यापारी के घर रेड हुई। वह बोगस बिलिंग के साथ लंबे समय से फर्जीवाड़ा कर रहा था। सरकार तथा विभाग को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा था। विभाग के रडार पर कुछ दिन से चल रहा था।

चंडीगढ़ की टीम के नेतृत्व में लुधियाना तथा जालंधर की टीम ने दबिश दी। पता चला है कि टीम ने लुधियाना, जालंधर, अमृतसर में व्यापारी के चल रहे व्यापारिक प्रतिष्ठान में एक साथ रेड की। सूत्रों से बड़ी बात सामने आ रही है कि इस रेड में लगभग 8 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया है। बड़ा सवाल, अगर इतना बड़ा घोटाला है तो इसके पीछे तथ्य को जीएसटी क्यों छिपा रही है।

सवाल यह भी है कि अगर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया तो चंडीगढ़, लुधियाना तथा अन्य शहर की टीम को क्यों अमृतसर में रेड करने की जरुरत पड़ गई। जानकारों के मुताबिक, हमेशा ही छोटी रेड (लाखों का फर्जीवाड़ा) में सिर्फ स्थानीय स्तर की टीम करती है। कानून के मुताबिक, इतने छोटे फर्जीवाड़ा में आरोपी को नहीं पकड़ा जा सकता है, सिर्फ उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। 

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