लुधियाना विस्फोट में मारा गया गगनदीप सिंह केस में जुड़ रहे इस बात के तार…..चुनाव माहौल खराब करने का अंदेशा
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
पंजाब में आतंकियों का खतरनाक मंसूबा सामने आया है। पता चला है कि इनके निशाने पर पंजाब के कई वीआईपी निशाने पर है। लुधियाना विस्फोट जांच में जुटी एजेंसियां की पड़ताल में इस बात का खुलासा हो रहा है। जबकि, इस पूरे प्रकरण को लेकर अब तक कोई औपचारिक रूप से जानकारी नहीं मुहैया हुई। मगर,जांच में गगनदीप सिंह विस्फोट से पहले, शिअद के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की खन्ना रैली दौरान , वहां पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के साथ बातचीत करते पाए जाने के प्रमाण सामने आए। जांच में गगनदीप सिंह के इस बात के पुख्ता सबूत होने की पूरे-पूरे तार भी जुड़ रहे हैं।
पंजाब में विधानसभा चुनाव का माहौल खराब करने की पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के इशारे पर साजिश को अंजाम देने का प्रयास जारी है। इस बात का अंदेशा सामने आने पर सुरक्षा एजेंसियों अब पूरी तरह से मुस्तैद हो चुकी है। फिलहाल, एक वीआईपी को टारगेट करने की बात सामने आई है, जबकि उनकी सूची में अन्य कौन-कौन है, इस बारे पता लगाने में एजेंसियां जुट चुकी है। मगर, गगनदीप की मौत के उपरांत आगे के मंसूबों का राज ढूंढ पाना एजेंसियों के लिए काफी मुश्किल काम है।
विदेश (जर्मनी) में पकड़ा गया आईएसआई प्रतिबंधित समर्थित सिख फॉर जस्टिस का आतंकी मुल्तानी को भारत में प्रत्यर्पण करना कोई आसान काम नहीं है। चाहे भारत की जर्मनी के साथ संधि तो जरुर है। लेकिन, उससे पहले वहां के अदालत की प्रक्रिया तथा उसके बाद सरकारी दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरा करने में भी लंबा समय लग सकता है।
चाहे, इस केस को लेकर भारत की एजेंसियां , वहां पर उससे पूछताछ करने के लिए जा चुकी है। जबकि, उनके समक्ष क्या मुल्तानी जांच-पड़ताल में सहयोग दे पता है के नहीं। इस बारे अभी कहना ठीक नहीं होगा। भारत तथा विदेशी कानूनी प्रक्रिया में काफी अंतर है।
एजेंसियां , उसके साथ सख्ती से भी पूछताछ नहीं कर सकती है। सिर्फ,वहां के पुलिस के समक्ष , इसके खिलाफ प्रमाण पेश कर सकती है। आगे, निर्भर वहां की अदालत पर करता है कि वह इस केस में क्या सुनवाई करती है या फिर उसका प्रत्यर्पण कराने में सहमति जताती है या फिर किसी प्रकार से कानून बाधा, इस केस में न आ जाए। इस बात की भी पूरी पूरी आशंका है।
महिला मित्र बर्खास्त, पूछताछ जारी
गगनदीप सिंह की महिला मित्र से लगातार एजेंसियां पूछताछ कर रही है। फिलहाल, पूछताछ के मुताबिक, एजेंसियों की अगली जांच प्रारंभ हो चुकी है। पूछताछ में कई राज सामने आ रहे है, उसी के आधार एजेंसी काम कर रही है। बताया जा रहा है कि गगनदीप सिंह को हवाला के माध्यम से भी विदेश से पैसा आया था। फिलहाल तीन लाख रुपए की फंडिंग का पता चला है। जबकि, इसमें कौन-कौन अन्य लोग शामिल हैं, उनके बारे भी पता लगाया जा रहा है।
जेल से शुरू हुई थी योजना
पता चला है कि पिछले समय गगनदीप सिंह नशे की तस्करी के केस में दो वर्ष जेल में बंद रहा। वहां पर उसकी आतंकी गतिविधियों से जुड़े कुछ कैदियों से संपर्क बना। उन्होंने , इसका लिंक विदेश में बैठे मुल्तानी तथा पाकिस्तान में बैठे रिंदा, वाधवा के साथ कराया। बताया जा रहा है कि बातचीत इंटरनेट मीडिया तथा व्हाट्सएप के माध्यम से होती थी। इस काम को अंजाम देने के लिए मोटे पैसा देने की बात हुई थी।
जबकि, बम लगाते समय विस्फोट हो गया। चपेट में आने से गगनदीप सिंह के शरीर के चिथड़े उड़ गए। बाजू के धार्मिक चिन्ह से शव की पहचान हुई थी।
मंसूबों का पता लगाना बड़ी चुनौती
चाहे एजेंसियां , इस केस को लेकर काफी गहनता से जांच-पड़ताल कर रही है। काफी कुछ जांच में साफ भी हो चुका है। कड़ी के साथ कड़ी जोड़कर, कईयों को पकड़ भी लिया गया। जबकि, सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आतंकियों के आगे का क्या मंसूबा है तथा कितने लोग इनके साथ जुड़े है। तथा उनके आगे का क्या टारगेट है। उन्हें अंजाम देने से पहले , उनका पकड़ा जाना भी बहुत जरूरी है।