इन बड़े चेहरों में उप-मुख्यमंत्री सोनी का नाम भी शामिल…फिलहाल कांग्रेस ने औपचारिक रूप से नहीं जारी किया बयान
सोशल मीडिया तथा एक बड़ी न्यूज़ एजेंसी अपनी रिपोर्ट में कर रही है बड़ा दावा
सच्चखंड श्री हरमंदिर साहिब में हुई बेअदबी तथा कपूरथला के मॉब लिंचिंग मामले में सरकार के रवैये से आहत है नेता
नितिन धवन.चंडीगढ़।
पूर्व कैबिनेट राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी का भाजपा में शामिल हो जाने से राजनीति में इस प्रकार की अटकलें शुरू हो चुकी है कि पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा सहित कांग्रेस के सरकार में शामिल 15 बड़े नेता भाजपा में शामिल हो सकते है। इस बात की पुष्टि तो पंजाब भाजपा ने पहले कर दी थी कि कांग्रेस के 15-20 ऐसे चेहरे जो पंजाब कांग्रेस में मंत्री, विधायक है, उनके संपर्क में है। उनका भाजपा में शामिल होना लगभग तय है।
इस सूची में प्रदेश सरकार के उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी का नाम आ रही है, जबकि कांग्रेस की तरफ से अभी तक , इस बारे कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया।सोशल मीडिया तथा देश की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसी ने इस बात को अपने प्रमाण के साथ दोहराते हुए बड़ा खुलासा किया।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस का एक बड़ा दल पिछले दिनों सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में हुई बेअदबी तथा कपूरथला में मॉब लिंचिंग जैसे मामले को लेकर सरकार के रवैये से परेशान है। जबकि, राज्य सरकार ने इन मामलों में गंभीरता दिखाते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की बात कहीं थी। सरकार के इस फैसले पर अविश्वास जताते , सिक्खों की सिरमौर संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक ने अपनी तरफ से विशेष जांच दल गठित करने का निर्णय लिया था।
अगर, इन नेताओं की भाजपा में शामिल होने का दावा सच में साबित होता है तो कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव-2022 की राह कठिन हो सकती है। क्योंकि, कांग्रेस में इस समय कुछ अच्छा चल नहीं रहा है। सरकार में तो सिर्फ तो सिर्फ नवजोत सिंह सिद्धू की ही चल रही है। यह बात तो कई बार पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली हाईकमान के समक्ष दोहरा चुके है। इतना ही नहीं, चन्नी की कई घोषणाएं को लेकर सिद्धू मीडिया के समक्ष निशाना साध चुके है। यह सब वो बातें है, जिसका अब कांग्रेस के बड़े नेताओं को डर सताने लगा है।
कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा लंबे समय से शांत हो कर रह गए। उनकी क्षेत्र में अपनी गतिविधियां तक काफी कम हो चुकी है। हमेशा ही राजनीति तथा विकास कार्यों को लेकर सरगर्म रहने वाले बाजवा की पार्टी के साथ भीतर ही भीतर नाराज़गी चल रही है। किंतु, बाजवा इस बात को जाहिर नहीं कर रहें है। मगर , उनका चुप रहना भी कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। क्योंकि, माझा के सबसे बड़े दिग्गज नेताओं में बाजवा शुमार करते है।
उनके पीछे वर्करों तथा नेताओं की बड़ी फौज है। बाजवा पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के भी काफी खास थे। जब कैप्टन पंजाब के सीएम थे तो बाजवा की नंबर दो की पोस्ट थी। अब जब से चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री बने है तब से बाजवा की सरकार में पकड़ काफी कमजोर हो चुकी है। इस समय सुखजिंदर सिंह रंधावा की सरकार में उप-मुख्यमंत्री होने के नाते खूब चल रही है।
भाजपा में शामिल होने वाले चेहरों की चर्चा
भाजपा में शामिल होने वालों में सबसे ऊपर तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, विजय इंदर सिंगला, ओम प्रकाश सोनी, ब्रह्म महिंद्रा, भरत भूषण आशू समेत 15-20 कांग्रेसी मंत्री एवं विधायक शामिल है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर चेहरे सरकार में अच्छी पोस्ट होने के बावजूद उनकी बिल्कुल ही नहीं चल रही है। इस बात को लेकर वह काफी खफा है।
फिलहाल, औपचारिक रूप से उन्होंने इस बारे कोई घोषणा नहीं की, जबकि चर्चा इस बात की पूरी है कभी वे बड़ा कदम उठा सकते है।
संकेत,भाजपा की पंजाब में स्थिति मजबूत
अब संकेत, इस बात के भी मिलने शुरू हो चुके है कि भाजपा की पंजाब में राजनीति पकड़ मजबूत होने शुरू हो गई। पिछले दिनों से जिस प्रकार से अन्य पार्टियों को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए, उससे इस बात का प्रमाण मिल जाता है कि भाजपा की पंजाब में राजनीति स्थिति अब सुधरने लगी है।
इसका बड़ा कारण यह भी है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ रही है। कैप्टन की तरफ से भी पंजाब की राजनीति हवा बदलने में कई प्रकार के उचित कदम उठाए जा रहे है। इतना ही नहीं, उनकी टीम ने पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए ग्राउंड लेवल पर काम करना शुरू कर दिया। परिणाम भी अच्छे मिलने शुरु हो चुके है।
कांग्रेस को सताने लगा हार का डर
हाईकमान के विश्वसनीय सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक , उसे पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का डर सताने लगा है। यह बात का प्रमाण बुधवार को हुई पंजाब चुनाव प्रचार सीमित तथा मंत्री, सांसदों की बैठक से साबित हो गई। उसमें कई नेताओं ने इस बात पर चर्चा की पंजाब कांग्रेस के हालात काफी बुरे है। हर कोई अपनी मर्जी तथा दिशा के हिसाब से चल रहा है।
इकट्ठे चलने की रणनीति पर कोई काम नहीं हो रहा है। अगर हालात ऐसे ही रहें तो कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा हो सकती है। इनका इशारा चन्नी तथा सिद्वू के खिलाफ था।
असल वजह है सिद्धू
पार्टी के सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, पंजाब कांग्रेस सरकार तथा संगठन में बनी दूरियां के पीछे नवजोत सिंह सिद्धू को कसूरवार ठहरा रहे हैं। उनके मुताबिक , सिद्धू सरकार के विकास कार्यों की सरेआम आलोचना करते है। जिसका प्रभाव सरकार तथा संगठन का जनता के बीच गलत जा रहा है। अगर, किसी प्रकार की कोई दुविधा है तो इसे इकट्ठे बैठकर दूर किया जा सकता है, नाकि सार्वजनिक मंच पर ऐसा करना चाहिए।
सैलिब्रेटी तथा गीतकार हो सकते है भाजपा में शामिल
चर्चा, इस बात की खूब चल रही है कि पंजाब भाजपा में आने वाले दिनों में सैलिब्रेटी तथा गीतकार शामिल हो सकते है। इस बात का संकेत , पिछले दिनों भाजपा पंजाब अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने मीडिया समक्ष दे दिया था। उनके मुताबिक, ईमानदारी तथा साफ-सुथरी छवि वाले नेता तथा आमजन की पार्टी में शामिल होने के लिए हमेशा से पार्टी के दरवाजे खुले है। हम उनका गर्मजोशी से स्वागत करते है।