‘उपमुख्यमंत्री सोनी’ के ‘लाडले’ ‘जीएनडीएच’  अधीक्षक ‘डॉ.केडी’ की वजह से श्री गुरु नानक देव अस्पताल का ‘बुरा हाल’, अव्यवस्था की मार से  ‘डेंगू’ का डंक ले रहा बेकसूर मरीजों की ‘जान’, शिकायत-अधीक्षक जी, संपर्क करने पर रहते है हमेशा ‘वीआईपी’ काल में व्यस्त

गरीबों की हमदर्द सरकार होने का दावा करने वाली  ‘मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी’ पर बड़ा सवाल,क्या-गरीब तथा बेसहारा मरीजों की सुनी जाएगी फरियाद?

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

पंजाब के जिला अमृतसर का गुरु नानक देव अस्पताल सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में हर सुख-सुविधा के हिसाब से पूर्ण तरीके से लैस है, जबकि सच्चाई के मुताबिक, यह सुविधा सिर्फ तो सिर्फ खादी या फिर वीआईपी मरीजों के लिए उपलब्ध है। गरीब मरीजों को तो सिर्फ यहां के डॉक्टरों की बदसलूकी या फिर उनकी प्रताड़ना ही झेलनी पड़ती है। इन दिनों उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी के लाडले जीएनडीएच के अधीक्षक डा.केडी की वजह से श्री गुरु नानक देव अस्पताल का बुरा हाल है। अव्यवस्था की वजह से डेंगू का डंक गरीब तथा बेसहारा मरीजों की जान ले रहा है। इतना ही नहीं, शिकायत इस बात की भी मिल रही है कि जिन्होंने अधीक्षक जी से संपर्क करना हो तो उनका फोन हमेशा ही व्यस्त रहता है। आरोप इस बात के लग रहे है कि ‘साहब’ हमेशा वीआईपी काल में व्यस्त रहते है। 

श्री गुरु नानक देव अस्पताल का बाहरी दृश्य

गरीबों तथा असहाय लोगों की हमदर्द सरकार होने का दावा करने वाली प्रदेश की चरणजीत सिंह चन्नी पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है क्या गरीब तथा बेसहारा मरीजों की कब सुनी जाएगी फरियाद? इससे एक बात तो साफ स्पष्ट हो जाती है कि चन्नी सरकार सरकारी अस्पतालों में गरीबों को बढ़िया इलाज की सुविधा मुहैया कराने में एकदम से विफल रही है। इतना ही नहीं, हमेशा से ही विपक्ष के निशाने पर रहने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ , उन्हें विरोध करने का एक बड़ा मुद्दा हासिल हो गया। 

जांच-पड़ताल से पता चला है कि डेंगू  के  डंक से पंजाब के जिला अमृतसर में सबसे अधिक बुरा हाल है। घर-घर में डेंगू की बीमारी से कोई न कोई सदस्य ग्रस्त है। गरीब तथा बेसहारा मरीज इस बीमारी के चपेट में आने से अमृतसर के श्री गुरु नानक देव अस्पताल में इलाज के लिए जा रहे है, जबकि, उनके इलाज को लेकर डॉक्टरों की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ चुकी है। मरीजों के साथ बुरा व्यवहार करने की शिकायतें सामने आ रही है। इतना ही नहीं, अस्पताल के अधीक्षक डा.केडी इन शिकायतों का निपटारा करने में असफल साबित हुए है। 

 डेंगू वार्ड का हाल, इतना बुरा है कि उसकी परिस्थितियों से यह प्रतीत होता है कि यहां पर सफाई नाम की कोई चीज नहीं है। गंदगी चारों तरफ है। मरीज तड़प रहे है। डॉक्टर अपनी वार्ड में मजे ले रहे है। लगता है डॉक्टरों को उनके दर्द का बिल्कुल ही नहीं अहसास है। 

दवा तक नहीं उपलब्ध

पंजाब का स्वास्थ्य विभाग तथा मंत्रालय की सरकारी अस्पतालों में दवा निशुल्क उपलब्ध कराने का दावा , उस समय विफल हो जाता है, जब श्री गुरु नानक देव जैसे सरकारी अस्पताल में दवा मरीजों को देने में स्टॉक समाप्त होने का हवाला देता है।  ऐसे में सरकार तथा विभाग पर सवाल खड़ा होता है कि क्या विज्ञापन में इन झूठी बातों का विवरण कर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। खासकर, डेंगू से संबंधित एक दवा भी अस्पताल के स्टाक में मौजूद नहीं है। 

टेस्ट नामात्र

डेंगू टेस्ट को लेकर डेंगू मरीजों को अस्पताल के डॉक्टर, भीतर से टेस्ट कराने के नाम पर ऐसा उलझा देते है कि मजबूरन, उन्हें बाहर से टेस्ट कराने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इससे एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि सरकार अस्पताल से डेंगू टेस्ट निशुल्क कराने का दावा बिल्कुल फेल साबित हुआ। 

पढ़ाई करने वाले पीजी के हाथ कमान

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पीजी के हाथ में गुरु नानक अस्पताल के अधीक्षक तथा सीनियर डॉक्टरों ने डेंगू की बीमारी से निपटने के लिए कमान दे दी। इतना ही नहीं, कई बार तो गंभीर डेंगू मरीज के इलाज में उत्पन्न होने वाली समस्या को भालि-भाांति समझ नहीं पाते। आखिरकार मरीज की परिस्थितियां अंतिम स्टेज में पहुंच जाती है। आनन-फानन में उन्हें पीजीआई य़ा फिर अन्य अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। 

ऐसी परिस्थितियां रही तो मौत का आंकड़ा बढ़ेगा

स्वास्थ्य संबंधी निशुल्क सेवा देने वाले कुछ जानकारों ने सरकारी डॉक्टरों को नसीहत देते कहा कि सरकारी डॉक्टरों को मरीजों की दिल से इलाज करना चाहिए, क्योंकि मरीज की आंखों में हमेशा ही डॉक्टर एक भगवान का रूप होता है। मरीज का विश्वास कायम रखने के लिए, दिल से सेवा करनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर चिंता जताते कहा कि डेंगू की परिस्थिति, जिस प्रकार से विकराल रूप धारण कर चुकी है, उससे शहर में डेंगू मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। 

उपमुख्यमंत्री के खास केडी

विश्वसनीय सूत्रों से पुख्ता जानकारी मुताबिक पंजाब के उपमुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी के श्री गुरु नानक देव अस्पताल में कार्यरत अधीक्षक डाक्टर केडी काफी खास है। उपमुख्यमंत्री की सिफारिश पर डाक्टर केडी को इस ओहदे पर बैठाया गया। जबकि, सच्चाई यह है कि डाक्टर केडी के पद्भार संभालने के उपरांत श्री गुरु नानक देव अस्पताल की व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। डाक्टर केडी की नियुक्ति को लेकर अब विपक्ष ने उपमुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी पर भी सवाल खड़े करने शुरु कर दिए।   

(ध्यानार्थ, एसएनई के पाठकों, अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में चली रही अव्यवस्था तथा उसके साथ जुड़ी हर समस्या को हमारा पोर्टल लगातार प्रकाशित करेगा, अगर आपके पास भी कोई गुरु नानक देव अस्पताल से जुड़ा मुद्दा है तो हमारे साथ शेयर कर सकते है। इन नंबरों पर संपर्क करें-9478444129, 98776-96678,हमारा संकल्प सच्चाई के साथ चलना, झूठ के खिलाफ लड़ना है।)

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