एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की कारों का काफिला पंजाब के किरतपुर साहिब घुसने के बाद किसानों द्वारा विरोध किया गया। किसानों के समक्ष कार से बाहर निकल कर कंगना को माफी मांग कर अपनी जान छुड़ानी पड़ी। कंगना ने साफतौर पर कहा कि, उसने कभी किसानों के प्रति कोई अपशब्द नहीं बोलें। उसके बाद कंगना ने कार में लाइव होकर मॉब लिंचिंग के शिकार होने के आरोप लगाए।

कंगना हिमाचल से अपने गृह आवास से वापिस मुंबई लौट रही थी। शुक्रवार शाम को ऊना के उपरांत पंजाब की सीमा वाले क्षेत्र में किसान टोल-प्लाजा में धरना लगा कर बैठे थे। ऐसे में कंगना रनौत की कारों का काफिला वहां से गुजरा तो किसानों ने पुलिस से पूछा कि कार सवाल कौन से वीआईपी है। पुलिस ने बताया कि यह कारों का काफिला कंगना रनौत का है। फिर क्या था किसान भड़क गए तथा कंगना के कार काफिले के समक्ष जुट गए।
वहां पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मौके पर अधिक पुलिस बल बुलाने पड़े। आखिरकार कंनाग अपनी कार से बाहर आई। अपना हाथ हिलाकर , किसानों से माफी मांग ली। उसके बाद कंगना ने राहत की सांस ली। थोड़ी आगे जाकर कंगना रनौत ने लाइव होकर आरोप लगाए कि यह एक प्रकार से उसे मॉब लिंचिंग के लिए शिकार किया जा रहा था। शुक्रिया करती हूं अपने सुरक्षाकर्मियों का, जिन्होंने स्थिति को सही ढंग से भांपते हुए उसे महफूज तरीके से वहां से सही सलामत बाहर निकाला।
क्या था मामला
दरअसल, फिल्म अभिनेत्री पर पिछले समय आरोप लगे थे कि इन्होंने किसानों के बारे अपशब्द बोले थे। आंदोलन को खालिस्तान के साथ जोड़ा गया। किसान महिलाओं के बारे 100-100 रुपए लेकर शामिल होने की टिप्पणी करने का आरोप लगा था। जबकि रनौत ने कहा कि उसने बारे बिल्कुल कुछ नहीं कहा, सिर्फ शाहीन पार्क में आंदोलन के बारे टिप्पणी की थी।