आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से कांग्रेस v/s कांग्रेस का चले आ रहे ड्रामे पर लगा विराम
राजनीतिक विश्लेषण टीम, नितिन धवन/विकास कौड़ा/शम्मी शर्मा /जालंधर/चंडीगढ़।
मंगलवार को कांग्रेस की हाईड्रामा पालिटिक्स का नाज़ारा देखने को मिला। दरअसल, कांग्रेस विधानसभा हलका आदमपुर में बसपा से आए प्रत्याशी सुखविंदर सिंह कोटली को टिकट दिया था। जबकि, मंगलवार सुबह नाराज़ होकर बैठे कांग्रेस शीर्ष नेता मोहिंदर सिंह केपी को मोबाइल पर संदेश आ गया कि आप कांग्रेस के उम्मीदवार हों। यह सुनकर मोहिंदर सिंह केपी तथा उनके समर्थकों में खुशियों का ठिकाना नहीं बचा। अंतिम दिन नामांकन होने के कारण वे नगर-निगम कार्यालय पत्र भरने गए तो मैसेज आ गया कि अब आप वहां से वापिस आ जाए तो कोटली ही कांग्रेस उम्मीदवार होगे।
कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले से मोहिंदर सिंह केपी तथा उनके समर्थकों में काफी रोष है। समर्थकों ने तो उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए खूब मनाया। मगर, इन परिस्थितियों में केपी सिंह ने उन्हें शांत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया।
उधर, सुखविंदर सिंह कोटली ने प्रेस के सवाल का जवाब देते कहा कि मोहिंदर सिंह केपी , उनके काफी सीनियर नेता है। चुनाव प्रचार में वह उनके साथ होगे। हमारी आपस में कोई नाराज़गी नहीं। टिकट कटने पर कोई जवाब नहीं दिया। बता दे कि केपी सिंह इस टिकट कटने के पीछे कांग्रेस लीडरशिप को कसूरवार ठहरा रहे है। इसमें कुछ स्थानीय नेता में परगट सिंह की तरफ भी उनका इशारा था।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों उनके समर्थकों ने परगट सिंह के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए बोला था। अहम समय फैसला भी ले लिया गया, जबकि राहुल गांधी, चन्नी ने केपी सिंह से मुलाकात कर उन्हें निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ने पर मना लिया। पता चला है कि मोहिंदर सिंह केपी ने चुनाव प्रचार दौरान घर में ही बैठने का फैसला लिया। अगर ऐसा संभव होता है तो कांग्रेस को इस सीट पर नुकसान झेलना पड़ सकता है।
क्योंकि , केपी सिंह का इस क्षेत्र में काफी अच्छा रसूख है। सीट आरक्षित है। इस बिरादरी की अधिक संख्या के मतदाता केपी सिंह के साथ अच्छा संबंध है। केपी सिंह वैसे भी सीएम चन्नी के रिश्तेदार भी है। केपी सिंह को टिकट दिलाने में वह कामयाब नहीं रहे। इसके अलावा हाईकमान के समक्ष एक भी नहीं चला।
पता चला है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस ने टिकट आवंटन से पूर्व सर्वे कराया था। उस सर्वे में सामने आया था कि मोहिंदर सिंह केपी इस क्षेत्र से जीत हासिल नहीं कर सकती है। इसलिए सुखविंदर सिंह कोटली को टिकट दिया गया। बताया जाता है कि कोटली का इस क्षेत्र में अच्छा रसूख है।