एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर कांग्रेस हाईकमान ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। सबसे बड़ी चर्चित टिकट मानसा की सीट को लेकर कांग्रेस की काफी किरकिरी हो रही है। गैंगस्टरों को बढ़ावा देने वाले पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला को कांग्रेस ने टिकट दे दी।
सवाल उठ रहे है कि कांग्रेस गांधी की विचारधारा से भटक चुकी है। हमेशा से ही देश की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली कांग्रेस पर अब समाज ने थू-थू करनी शुरू कर दी। सवाल उठ रहे है कि पार्टी की ऐसी क्या मजबूरी रही है कि सब कुछ दांव पर लगाकर मूसेवाला पर इतनी बड़ी मेहरबानी कर दी, या फिर हाईकमान पर किस ने इतना तगड़ा दबाव डाल दिया कि उन्हें इस टिकट को लेकर अपनी मोहर ही लगानी पड़ी।
खैर, यह सब राजनीति खेल है। वर्तमान की राजनीति में सब कुछ चलता है। कोई भी पार्टी हो, उसे लगना चाहिए कि इस उम्मीदवार को अगर टिकट आवंटित की गई है तो वह जीत सुनिश्चित करने में सक्षम हो। खैर, कोई राजनीतिक पार्टी हूं, उसे इस बात को भी ध्यान से समझ लेना चाहिए कि लोगों के नेता की समाज में छवि साफ-सुथरी होना प्राथमिकता तौर पर अति अवश्य है, नहीं तो एक टिकट ही सारे राजनीतिक समीकरण बिगाड़ने में ज्यादा समय नहीं लगाती है।
मतदाता भली-भांति पूर्वक समझ चुका है कि उसने मत किसे डालना है , कौन सा प्रत्याशी, उसके उज्जवल भविष्य पर सही फैसला ले सकता है। कांग्रेस की एक भूल, उसके लिए पंजाब की राजनीतिक साख पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।
वर्तमान में कांग्रेस तथा उसके बड़बोले नेता मान कर चल रहे है कि उनका तो इस चुनाव में किसी के साथ कोई मुकाबला ही नहीं है। शायद, यह उसकी सबसे बड़ी भूल है। क्योंकि, जिस प्रकार से पार्टी ने एक गैंगस्टरों को बढ़ावा देने का काम करने वाले को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। उससे, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी का स्तर कितना गिर चुका है। जीत की संभावना ढूंढने के लिए वह इस हद तक गिर सकती है।
खैर, मूसेवाला के लिए कांग्रेस में एक सुनहरी अवसर मिला है। कुछ माह पूर्व पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेस के टकसाली तथा पुराने चेहरे नजरअंदाज हुए तथा मूसेवाला को टिकट मिल गया। मूसेवाला को किसी प्रकार से पार्टी की विचारधारा तथा एबीसी नहीं मालूम होने के बावजूद पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया। पार्टी यह मानकर चल रही है कि वह इस सीट पर जीत के प्रबल दावेदार है।
इस खेल के परिणाम आने तक किसी प्रकार से कयास लगा पाना कोई आसान नहीं है। क्योंकि, बड़े-बड़े प्रत्याशी यह सोच लेते है कि टिकट मिल गई तो उनकी जीत भी सुनिश्चित है। यहीं सोच, आगे जाकर , उनके लिए बड़ी भूल बनकर साबित होती है।