कांग्रेस में फिर से दो नए गुट बने-सीएम चन्नी v/s नवजोत सिंह सिद्वू।

लखीमपुर खीरी में प्रियंका गांधी के समर्थन में पंजाब कांग्रेस के कूच दौरान साफतौर पर देखी गई गुटबाजी

सिद्धू ने कांग्रेस भवन के बजाय पंजाब भवन में की बैठक, भाजपा तथा यूपी सरकार के खिलाफ ट्वीट के माध्यम से सुनाई खरी-खोटी

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

कांग्रेस में फिर से दो नए गुट बन चुके है। इसका कांग्रेस को आने वाले समय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस बात के प्रमाण , उस वक्त मिल गए जब नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के मामले को लेकर एक बैठक पंजाब कांग्रेस भवन की बजाय पंजाब भवन में रखी। इस दौरान चन्नी के बेहद खास कुलजीत सिंह नागरा नहीं पहुंचे, जबकि कार्यकारी प्रधान में सुखविंदर डैनी, पवन गोयल और मंत्री संगत सिंह गिलजियां मौजूद रहे। पता चला है कि सीएम चन्नी तथा नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कुछ दिनों से कई ऐसे मुद्दे है, जिनको लेकर काफी अनबन हो चुकी है। सिद्धू ने इस बैठक के उपरांत अपने ट्वीट के माध्यम से यूपी तथा केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोला। 


सिद्धू के ट्वीट से एक बात तो साफ साबित हो चुकी है कि वह गांधी परिवार के बेहद करीब रहना चाहते है तथा उनकी हर मुश्किल में शामिल होने से पीछे नहीं हटना चाहते है। गांधी परिवार का भी सिद्धू के प्रति प्यार, इस बात से झलक उठता है, जब सिद्धू के आक्रामक रुख अपनाने के बावजूद किसी प्रकार से कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है। अब जब प्रियंका गांधी के खिलाफ लखीमपुर खीरी हिंसा के प्रभावित परिवारों से संवेदना देने के दौरान यूपी पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में ले लिया जाता है, तब सबसे पहले सिद्धू ने प्रियंका गांधी के समर्थन में अपनी आवाज को बुलंद किया। 


सिद्धू ने ट्वीट में साफ लिखा है कि प्रियंका गांधी को अवैध तरीके से 24 घंटे के करीब समय हिरासत में लिया गया, जबकि इस पूरी हिंसा तथा अपराध में शामिल मंत्री तथा उसके बेटे को यूपी पुलिस गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो पाई। पता चला है कि सिद्धू ग्रुप पंजाब के जीरकपुर से यूपी के लखीमपुर खीरी के सड़क माध्यम से रवाना हो रहा है। अब तक कितने लोग पंजाब से यूपी के लिए रवाना हुए है, इनकी संख्या के बारे पुष्टि नहीं हो पाई। 


बता दें कि यूपी शासन ने लखीमपुर खीरी में धारा-144 लगा रखी है। किसी को वहां आने की अनुमति पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा रखा है। इससे पहले उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह सुखी रंधावा, विधायक कुलजीत सिंह नागरा, कुलबीर सिंह जीरा, अंगद सैनी द्वारा अपने समर्थकों सहित धरना दिया गया। जिसके बाद यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। 


मुद्दे पर हो रही राजनीति

राजनीति जानकारों की मानें तो उनके मुताबिक इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। किसान आंदोलन की आड़ में कांग्रेस राजनीति फायदा उठाना चाहती है। पंजाब में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव है। इसलिए पंजाब कांग्रेस की तरफ से लखीमपुर खीरी मुद्दे को लेकर सरकार के मंत्रियों तथा संगठन को इस मुद्दे को लेकर पूरी जान फूंकने का इशारा मिल चुका है।  


कार्रवाई के बावजूद विरोध किस बात का

इस पूरे प्रकरण को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मंत्री के बेटे सहित लगभग चौदह के खिलाफ हत्या की धारा सहित कई संगीन धाराएं लगाकर मामला दर्ज कर लिया। इतना कुछ होने के बावजूद कांग्रेस इस मुद्दे पर विरोध कर राजनीति फायदा लेना चाहती है। जबकि, इस केस में एक पत्रकार सहित तीन लोगों की मौत हुई। उस मामले को लेकर कांग्रेस शांत होकर बैठी हुई है। इस बात से साफ जाहिर हो जाता है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर साफतौर पर राजनीति कर रही है। 

50% LikesVS
50% Dislikes