14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजी कथित अपराधी डॉक्टर की टीम
एसएनई न्यूज़.अमृतसर पठानकोट चंडीगढ़।
मरीजों के लिए भगवान रूपी चेहरा जब लूट की राह पर चल पड़ता है , तब उसका अंत बुरा ही होता है। कहते है भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। ऐसा ही एक मामला पंजाब के जिला अमृतसर, पठानकोट में इलाज करने वाले डॉक्टर के साथ जुड़ा है, जिसने अपनी काबिलियत की धौंस जमाकर मरीज तथा उनके तीमारदारों को काफी ठगा। इतना ही नहीं, अमनदीप अस्पताल के मेन डॉक्टर डॉ. अवतार सिंह का दिमाग इतना फिरा कि उसने मरीजों के साथ धोखाधड़ी करके मोटी रकम ऐंठने के साथ भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) स्कीम के तहत 3.36 करोड़ का भ्रष्टाचार किया।
इस कड़ी में डॉ. अवतार सिंह की पत्नी डॉ. अमनदीप कौर, बेटे डॉ. शहबाज सिंह, जीएम सचिन चड्ढा, डॉ. पुनीत महाजन और फैसिलिटी डायरेक्टर विजय थापा शामिल रहें। शुक्रवार को अदालत ने इन सभी कथित अपराधियों को 14 दिन के लिए पुलिस न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस केस में भ्रष्टाचार की कड़ियां अस्पताल में ही एक-दूसरे के साथ जुड़ी हुई। ऊपर से लेकर नीचे स्टाफ ने खूब सारा भ्रष्टाचार किया। स्कीम का भाजियां बनाकर अपना शासन चलाया। भला हो एक पूर्व सैनिक का, जिसने इस केस की शिकायत पुलिस तथा सेना के कार्यालय को दी।
ऐसे आया मामला सामने
बताया जा रहा है कि पूर्व सैनिक ने जब अस्पताल में इस स्कीम को लेकर बड़ा गोलमाल देखा तो उसे अंदेशा, इस बात का हुआ कि यहां पूरा बड़े स्तर पर स्कीम को लेकर भ्रष्टाचार हो रहा है। खुद ही स्टैंप तथा फर्जी दस्तावेज के माध्यम से अपने हस्ताक्षर कर सरकार तथा मरीज को ठेंगा दिखाया गया। चर्चा इस बात की भी है कि कुछ डॉक्टरों ने इनके भ्रष्ट कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए तथा अपील भी कर रहे है कि इनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। उनके मुताबिक, चंद डॉक्टरों की वजह से इस पेशा बदनाम हो रहा है, अन्यथा वे खुद अदालत का सहारा लेंगे।
उच्च-न्यायालय ने बनाई थी एसआईटी
मामला जब पंजाब एवं हरियाणा उच्च-न्यायालय पहुंचा तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष जांच टीम का गठन किया । टीम में स्पेशल डीजीपी (इन्वेस्टिगेशन) लोकपाल पंजाब खुद लीड कर रहे हैं। आगे प्रबोध कुमार और एआईजी केतन पाटिल की अगुवाई में टीम ने सभी कथित अपराधियों को हिरासत में लिया। जांच-पड़ताल आरंभ हुई तो सारा मामला सामने आया। प्रमाण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता की गतिविधियां सामने आई।
कितने का था घोटाला….जानिए, इस रिपोर्ट में
जांच-पड़ताल करने वाली टीम ने जब पूरा रिकॉर्ड का मिलान किया तो लगभग 3.36 करोड़ का भ्रष्टाचार सामने आया। टीम ने सख्ती से पूछताछ की तो इन कथित अपराधियों ने एक एक बात को विस्तार से कहा। हालांकि जांच दौरान कथित अपराधी इस घोटाले से अपना दूर-दूर तक नाता नहीं होने की कहानी सुनाते रहें, जबकि टीम ने पक्के सबूत के साथ इस भ्रष्टाचार के खेल को उजागर कर दिखाया।
सब कुछ चल रहा था फर्जी
जांच-पड़ताल दौरान सामने आया की कि स्कीम को लेकर अमनदीप अस्पताल सब कुछ फर्जी चला रहा था। पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल स्थित भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) पॉलीक्लिनिक के मेडिकल अफसरों और ऑफिसर इंचार्ज ओआईसी के फर्जी स्टैंप बना रखी थी। स्टाफ खुद सिग्नेचर कर मरीजों को भर्ती और उनके अस्पताल के स्टे को बढ़ा देते थे। पॉलीक्लीनिक इंचार्ज कर्नल दिलबाग सिंह द्वारा पुलिस और सेना के अधिकारियों को शिकायत दी। जिसके बाद यह पूरी कार्रवाई शुरू हुई।