कृषि कानून वापस लेने पर, पंजाब में नई राजनीतिक सुगबुगाहट

चूंकि , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने का निर्णय लिया गया। इस बात को लेकर अब पंजाब में नई राजनीतिक सुगबुगाहट शुरु हो गई। कयास, इस बात के भी लगाए जा रहे है कि शिअद, कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के साथ मिलकर ,विधानसभा चुनाव 2022 के चुनाव लड़ सकते है। जबकि, इसमें सिर्फ कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ही अकेले , इस बात का बयान दिया है कि विधानसभा चुनाव 2022 दौरान भाजपा के साथ सीट शेयर कर सकते है, जबकि शिअद के भीतरी सूत्रों की तरफ अभी से चर्चा शुरु हो गई कि वह भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है। 

खैर, इस बात का प्रमाण तब ही स्पष्ट होगा, जब शिअद सार्वजनिक तौर पर भाजपा के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान करती है। शिअद ने तीन कृषि कानून की वजह से पंजाब में भाजपा के साथ राजनीति तौर पर अपना साथ छोड़ दिया था। शिअद को भीतर ही भीतर अहसास होने लग पड़ा था कि उसकी पंजाब में राजनीति साख समाप्त हो रही है।

पूर्व में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, फिर पंजाब से शिअद (सुखबीर बादल) द्वारा राजनीति गठबंधन का नाता तोड़ लिया गया। इतना ही नहीं, शिअद ने शहरी मतदाता को अपनी तरफ खींचने के लिए बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया। अब जैसा कि टिकट आवंटन में दोनों पार्टियों की आपसी सहमति तक बन चुकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर सच में शिअद भाजपा के साथ गठबंधन कर लेता है तो बसपा के साथ क्या अपना राजनीतिक नाता तोड़ लेगा। इस बात को लेकर राजनीतिक जानकारों को फिर से सोचने के लिए मजबूर कर दिया। 

पंजाब में प्रधानमंत्री के निर्णय उपरांत राजनीतिक समीकरण अलग बनने लगे है। क्योंकि, जिन कृषि कानूनों की वजह से किसानों से लेकर आम-जनता भाजपा के खिलाफ हो चुकी थी। अब इन तीन कानून को प्रधानमंत्री द्वारा वापस लेने के बाद वोट बैंक भाजपा के तरफ जाने की ओर एक बड़ा संकेत मिल रहा। 

राजनीति जानकार, यह भी बता रहे है कि चुनाव से पूर्व भाजपा ने एक मास्टर स्ट्रोक खेलकर हर राजनीति पार्टी को चुका दिया। क्योंकि चर्चा, इस बात की भी रही है कि प्रधानमंत्री अपने फैसले पर अड़ियल है, इसलिए कृषि वापस लेने का कोई औचित्य नहीं बनता है। मगर, प्रधानमंत्री ने भी अपने विरोधियों को खामोश करने के लिए इस प्रकार का मास्टर स्ट्रोक खेलकर , सभी को हैरान कर दिए। 

भाजपा शुरू करेगी चुनावी रणनीति

विधानसभा चुनाव 2022 को समय बिल्कुल कम रह चुका है। ऐसे में भाजपा कोई किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती। दिल्ली भाजपा हाईकमान तथा चुनाव संबंधी कमेटी ने ऐलान कर दिया है कि पंजाब में मजबूत पकड़ बनाने के लिए नई तकनीक के साथ अपनी रणनीति तय कर ली है। फिलहाल भाजपा ने इस रणनीति को अभी सार्वजनिक नहीं किया।

जबकि, भाजपा के विश्वसनीय सूत्रों से इस बात के संकेत मिल रहे है कि पार्टी की तरफ से आने वाले दिनों में पंजाब में बड़ा कुछ करने के बारे सोच रही है।

कॉरिडोर खोलने से की थी शुरुआत

देश के प्रधानमंत्री ने कुछ दिनों पहले पंजाब भाजपा के सीनियर लीडरशिप के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी। उस दौरान सबसे बड़ा मुद्दा था कि कॉरिडोर खोलने का। प्रधानमंत्री ने उनकी बात पर गहनता से विचार किया तथा 17 नवंबर से कॉरिडोर खोलने का आदेश जारी कर दिया। अब गुरु पर्व वाले दिन तीन कृषि कानून वापिस लेने का प्रधानमंत्री ने फैसला कर दिया। 

सिख चेहरा ही सीएम घोषित करेगी भाजपा

विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए, भाजपा ने भी अन्य पार्टियों की तरह सिख चेहरा घोषित करने का ही फैसला किया, जबकि कैप्टन अमरिंदर का बयान भाजपा के सीट शेयर करने का सामने आया है। उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा कैप्टन को ही अगले सीएम का चेहरा घोषित करने पर विचार कर सकती है।

क्योंकि, भाजपा को मालूम है कि कैप्टन की पंजाब में अच्छी पकड़ है। इसलिए वह कैप्टन पर दाव खेल सकती है।

कैप्टन की शुरू से रही है मांग, कृषि कानून लिए जाए वापस

किसानों आंदोलन को सबसे अधिक समर्थन पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का ही रहा है। उन्होंने ही पंजाब के किसानों को दिल्ली में धरना देने के लिए राजनीतिक तौर पर मदद की थी। इतना ही नहीं, वर्तमान में भी कई किसान संगठन के नेता कैप्टन की बात को मानते है। पिछले समय किसान बलबीर सिंह राजेवाल के साथ चंडीगढ़ में कैप्टन की तस्वीरें मुंह-मीठा कराने की काफी वायरल हुई।

उस दौरान कैप्टन ने किसानों के गन्ना के समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग को मान लिया था। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने भाजपा के दिल्ली सीनियर लीडरशिप के साथ मुलाकात दौरान भी तीन कृषि कानून वापस लेने की मांग को दोहराया था।

कयास, इस बात के भी लगाए जा रहे है कि कैप्टन की मुलाकात दौरान , उनके द्वारा केंद्रीय भाजपा टीम को समझाने वाली बातों कृषि कानून वापस लेने के फैसले को मजबूर कर दिया हों। कानून वापिस लेने में कैप्टन की भी अहम भूमिका हो सकती है। इस बात को भी बिल्कुल सिरे से नकारा नहीं जा सकता।

कई विधायक-मंत्री कैप्टन के साथ जुड़े

विश्वसनीय सूत्रों से पक्की खबर मिली है कि वर्तमान में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ  पंजाब के कई कांग्रेसी विधायक एवं मंत्री, उनके साथ जुड़े है। भीतर खाते सरकार के हर काम का ब्यौरा, कैप्टन को देते है। यह सभी इस इंतजार में बैठे है कि अगर कैप्टन कोई बड़ा फैसले लेते है तो वे उसका समर्थन कर देगे। 

अन्य दलों के पास नहीं रहा कोई मुद्दा

विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस तथा अन्य दलों के पास पंजाब विधानसभा 2022 को लेकर तीन कृषि कानून बड़ा मुद्दा था, जबकि आज देश के प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानून वापिस लेकर , विपक्ष के हाथ लगा गर्म मुद्दा , उनसे छीन लिया गया।

खबर, इस बात की भी सामने आ रही है, कई अन्य पार्टियों के नेता जो भाजपा में शामिल होने के इच्छुक थे। सिर्फ तीन कृषि कानून भाजपा सरकार द्वारा वापिस लेने का इंतजार कर रहे थे। अब वे भी भाजपा में शामिल हो सकते है।

 विनय कोछड़……प्रधान संपादक (एसएनई न्यूज़)।

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