”कैप्टन” का आज होगा ”निर्णायक”, ”निर्णय”- ”भाजपा” या फिर ”कांग्रेस”, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ”नड्डा-अमित शाह” से दिल्ली में मुलाकात।

चर्चा का बाजार गर्म, कैप्टन का भाजपा में जाना लगभग तय, कांग्रेस की राजनीति को लग सकता है बड़ा झटका

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़/दिल्ली।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार शाम तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय जगत पाल नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने जा रहे है। चर्चा इस बात की छिड़ चुकी है कि कांग्रेस से नाराज़ चल रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकती है।  कैप्टन का अब भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात करना इस बात की ओर संकेत देता है कि कैप्टन का भाजपा में जाना लगभग तय है। अगर सच में यह बात हो सटीक साबित हो जाती है तो कांग्रेस की राजनीति में बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि, पंजाब की कांग्रेस राजनीति में वैसे ही कुछ अच्छा नहीं चल रहा है।  


 लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस हाईकमान के फैसले से नाराज चल रहे है। क्योंकि , इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने एक इंटरव्यू दौरान खुद माना था कि उनकी कोई गलती नहीं होने के बावजूद तीन बार दिल्ली तलब करना ठीक नहीं था। इससे उनके आत्म-सम्मान को ठेस पहुंची थी। सिद्धू तथा कुछ सलाहकारों के कहने पर उन्हें इस पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। साढ़े चार साल पंजाब में कई प्रकार से उन्नति हुई। खुशहाल सरकार चल रही थी। इतना सब कुछ ठीक होने के बावजूद हाईकमान ने उनकी एक नहीं सुनी। 


पंजाब कांग्रेस में अब कैप्टन-सिद्धू का वार युद्ध अब तक ठंडा नहीं पड़ा। पहले सिद्धू के तेवर तीखे थे, जबकि इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने सिद्धू के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया। इतना ही नहीं कांग्रेस हाईकमान द्वारा कैप्टन को इस प्रकार की बयानबाजी से दूर रहने की सलाह दे डाली। अब कैप्टन के लिए एक रास्ता ही बचा है कि वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाए। क्योंकि , इसका फायदा भाजपा तथा कैप्टन दोनों को ही है। 


भाजपा के लिए इस बात का फायदा पहुंच सकता है कि कैप्टन पंजाब में किसान आंदोलन को समाप्त करने तथा केंद्र-किसानों के बीच फिर से वार्ता शुरू करा सकते है। इतना ही नहीं, इस आंदोलन को समाप्त करने के लिए कैप्टन के पास खास रणनीति भी है, जिसे लागू कर किसानों का आंदोलन शांत  किया जा सकता है। फिर से पंजाब में भाजपा अपनी साख कायम कर सकती है। 


इधर, कैप्टन के लिए सबसे बड़ा फायदा यह हो सकता है कि अगर पंजाब की सत्ता में उनके प्रयासों से वापिस आती है तो कैप्टन को पंजाब का सीएम पद मिल सकता है। फिलहाल, अभी तक इन सभी बातों की चर्चा चल रही है। सब कुछ स्पष्ट कैप्टन-भाजपा लीडरशिप की मुलाकात के बाद होगा। 

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