एसएनई न्यूज़.पटियाला/चंडीगढ़।
पटियाला से कांग्रेस सांसद परनीत कौर ने अपने ट्विटर अकाउंट की प्रोफाइल तस्वीर में अपने पति कैप्टन अमरिंदर सिंह की वर्ष 2022 चुनाव के लिए तस्वीर लगा दी। इस तस्वीर ने कांग्रेस की राजनीति में नया बवाल मचा दिया। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी द्वारा नोटिस भेजने जाने के बाद, इस प्रकार का घटनाक्रम सामने आने के बाद, इस बात के संकेत मिल जाते है कि अब महारानी परनीत कौर ने कांग्रेस के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर लिया है तथा पति के द्वारा बनाई पार्टी का समर्थन देने का फैसला ले लिया है।
फिलहाल, परनीत कौर ने इस बारे कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की वह कांग्रेस में बनी रहेंगी या फिर अगले विधानसभा चुनाव को लेकर पति के पार्टी का समर्थन करेगी। कयास, इस बात के भी लगाए जा रहे है कि परनीत कौर कभी भी कांग्रेस को अलविदा कह सकती है। क्योंकि, वह कांग्रेस पार्टी में अपने पति कैप्टन अमरिंदर सिंह की वजह से ही आई थी। अब, जबकि पति कैप्टन ने पार्टी को छोड़ दिया है तथा नई पार्टी का गठन कर लिया।
उधर, चर्चा इस बात की भी चल रही है कि सिद्वू दंपति कैप्टन परिवार पर राजनीतिक हमला कर , उन्हें बिल्कुल जीरो करना चाहता है, जबकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो उनके मुताबिक, कैप्टन परिवार ने हमेशा ही सत्ता में रहकर राजकाल किया। इसलिए, उन्हें राजनीति में धूल चटाने में इतना आसान किसी के लिए नहीं होगा।सिद्वू के निशाने पर अब उनकी पत्नी है। क्योंकि, वह बिल्कुल नहीं चाहते है कि कांग्रेस में कैप्टन परिवार का कोई भी सदस्य आगे निकल सके।
इसलिए, चर्चा इस बात की भी चल रही है कि पिछले दिनों महारानी परनीत कौर को नोटिस भिजवाने में भी सिद्वू का अहम रोल रहा है। अब देखना इस बात का होगा, दिल्ली हाईकमान सांसद परनीत कौर पर कौन सा बड़ा फैसला लेता है या फिर खुद परनीत कौर कांग्रेस में इस्तीफा देकर, पति के साथ उनकी नई पार्टी में राजनीति आगाज़ शुरु करती है।
फिर से चर्चा कई कांग्रेसी कैप्टन के संपर्क में
चर्चा, इस बात की भी शुरू हो चुकी है कि कैप्टन के संपर्क में कई दिग्गज कांग्रेसी उनके संपर्क है। भीतर ही भीतर वह चन्नी तथा सिद्वू की नीतियों की वजह से तंग है तथा किसी भी समय कांग्रेस को छोड़ कर कैप्टन की नई पार्टी में शामिल हो सकते है। फिलहाल, इस पूरे प्रकरण को लेकर कैप्टन ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले है। क्योंकि, कैप्टन पहले भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहते है, जबकि, भाजपा की तरफ से अभी तक कैप्टन को अपना साथी बनाने में कोई चर्चा शुरु नहीं की।