कैप्टन, नवांशहर-होशियारपुर पहुंच रहे लोगों के बीच, क्या करने वाले है बड़ी घोषणा, बड़ा सस्पेंस…

कयास—रूठों को मना अपने साथ जुड़ेंगे, क्या पढ़ाएंगे राजनीति पाठ, अंदर खाते तैयारियां शुरु

 प्रवीर अब्बी. नवांशहर/ चंडीगढ़।

विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर पंजाब कांग्रेस के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अभी से तैयारियां शुरु कर दी। पहले चरण के तहत कैप्टन नवांशहर, होशियारपुर में खेतिहर किसान मजदूरों को कर्ज माफी का चेक भेंट करने के लिए पहुंच रहे है। स्थानीय विधायक तथा नेताओं ने एकजुटता का परिचय देते हुए अपने-अपने क्षेत्र में तैयारियां जोरशोर से शुरू कर दी। कयास यह भी लगाए जा रहे है कि चेक बांटना तो एक बहाना है, यहां तो सीएम बड़ी घोषणा करने जा रहे है, ताकि एक साथ अपने विरोधियों को साध सकें।  कुछ पार्टी के भीतर नेता कैप्टन से नाराज चलने की खबरें सामने आ रही है। जबकि पार्टी इन सब बातों को सिरे से नकार रही है तथा कैप्टन की तरफ राजनीति पाठ पढ़ाने की ओर इशारा कर रही है। सस्पेंस इस बात का भी है सीएम कैप्टन का राजनीति का कौन सा पाठ है, जिसे वह पढ़ाने जा रहे है। 


कांग्रेस का लंबे समय से चल रहा अंतर्कलह को समाप्त करने के लिए कैप्टन ने विकास की राजनीति का नया राह ढूंढ लिया। इसके लिए कैप्टन ने दोआबा के नवांशहर, होशियारपुर जिला को चयनित किया। खेतिहर किसान मजदूरों को चेक वितरित करने के लिए वे खुद उनके बीच पहुंच रहे है। चर्चा इस बात की भी चल रही है कि शायद कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से आयोजित किए जाए। क्योंकि, कोविड़-19 की आशंका को देखते हुए वह किसी प्रकार से कोई बड़ा जोखिम नहीं लेना चाहते है। आखिर इन सभी बातों का स्पष्ट कल तक ही हो सकता है। फिलहाल , हर नेता द्वारा तैयारियां जोरशोर से की जा रहे है। क्योंकि , उन्हें मालूम है सूबे के मुखिया तथा पार्टी के सर्वोच्च नेता उनके बीच पहुंच रहे है। 


बताया जा रहा है कि दोआबा के क्षेत्र उपरांत सीएम का अगला टारगेट माझा के गुरदासपुर, अमृतसर , तरनतारन हो सकता है। क्योंकि यह क्षेत्र माझा के लिहाज तथा मतों के हिसाब से काफी अहम किरदार निभाते है। वहां पर भी खेतिहर किसान मजदूरों को कर्ज माफी के लिए चेक बांटने का कार्यक्रम बनाया गया। 


 पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ का मानना है कि सरकार द्वारा साढ़े चार साल में कितना विकास किया। उसे रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से आम जनता के बीच जाना अहम जरूरी है। लोगों को पता चलना चाहिए कि कांग्रेस सरकार ने पूर्व की शिअद-भाजपा गठबंधन से बेहतर काम करके एक नई मिसाल पैदा की। 


 राजनीति विशेषज्ञ इस बात को अहम मानकर चल रहे है कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस को पहले से अधिक परिश्रम करने की जरूरत है। क्योंकि, पार्टी के भीतर खाते की अंतर्कलह ही चुनाव में प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। नाराज नेताओं तथा वर्करों को मनाना सीएम कैप्टन के लिए बहुत बड़ा टारगेट है। 

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