नितिन धवन.चंडीगढ़।
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के अंतर्कलह तथा पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की खींचतान से तंग आकर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक , कैप्टन कभी भी भाजपा में शामिल हो सकते है। क्योंकि , प्रधानमंत्री नरेंद्र मंत्री के साथ लंबे समय से नजदीकियां, इस बात की ओर इशारा करती है कि कैप्टन का भाजपा में जाना लगभग तय माना जा रहा है। फिलहाल, इस बारे कैप्टन या उनके करीबी की तरफ से किसी प्रकार की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सिसवां फार्म हाउस से निकलकर अपनी सेक्टर दो स्थित अपनी सरकारी रिहायश पर पहुंचे थे। वहां उन्होंने अपने समर्थक मंत्रियों ,विधायकों व सांसदों से मीटिंग की। इस मीटिंग में सांसद मोहम्मद सद्दीक, जसबीर सिंह डिंपा, मनीष तिवारी, रवनीत बिट्टू, गुरजीत औजला भी मौजूद थे। इसके अलावा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ,साधू सिंह धर्मसोत, डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी, राकेश पांडे, रमनजीत सिंह सिक्की, राजकुमार चब्बेवाल, राणा गुरमीत सिंह सोढी, ब्रह्म मोहिंदरा, नवतेज सिंह चीमा, तरसेम सिंह डीसी, राजेंद्र सिंह, हरप्रताप सिंह अजनाला और केवल ढिल्लों भी बैठक में शामिल हुए।
उधर, कैप्टन के इस्तीफा देने के पीछे पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्वू कारण बताया जा रहा है। ऊपर से हाईकमान भी , इस अंदरुनी खींचतान को रोक पाने में सफल नहीं रही। जिस प्रकार से कांग्रेस में इस प्रकार से राजनीति हालात पैदा हुए है, उससे एक बात साबित हो जाती है कि पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगना तय माना जा रहा है। क्योंकि कैप्टन के अलावा किसी के पास विधायकों की अधिक संख्या नहीं है।