संपादकीय।
बाबे नानक दी धरती बटाला में इन दिनों गोली चलना अब आम बात हो चुकी है। हमेशा की तरह जिला बटाला पुलिस का कानून व्यवस्था कड़ी होने का दावा , उस समय विफल हो जाता है, जब लुटेरे , गैंगस्टर शहर के भीतर घुसकर , पुलिस की नाक तले अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर फरार हो जाते है। उस दौरान लोगों में तो दहशल का माहौल पैदा हो जाता है। इतना ही नहीं, कई दिनों तक इन गोलियों की गूंज , उनके कान तक सुनाई देती है।
कहने को तो बटाला जिला गुरदासपुर की तहसील के नाम से जाना जाता है। जबकि, क्राईम रेट की बात कीजिए तो पूरे जिला में बटाला इसमें अव्वल स्थान पर रहता है। लोगों के भीतर का खौफ, दूर करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। इसके लिए अभी से पुलिस को इन अपराधियों के खिलाफ शिकंजा कसने की जरूरत समझनी होगी।
ऐसे ही, सुनार के दुकान पर चली अंधाधुंध गोलियां, इस बात का सबूत है कि शहर में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आए दिन लूटपाट, गैंगस्टरों द्वारा फिरौती मांगना, गोली चल जाना, आम-जनता के भीतर खौफ का माहौल पैदा हो रहा है। चाहे, पुलिस इस बात का जरूर दावा कर रही है कि अपराधियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मगर, अपराधियों के पकड़े जाने तक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती का विषय रहेगा। क्योंकि, इस मुद्दे पर पुलिस को राजनीतिक तथा आम-जनता को संतुष्ट करना बड़ी चुनौती होगी। अभी पिछले दिनों ही एक वाइन कंपनी के मैनेजर से गैंगस्टरों द्वारा दो करोड़ की फिरौती मांगने तथा गोलियां चलाने का मामला काफी सुर्खियों में आया था। उस दौरान पुलिस ने चाहे , इस केस में एक अभियुक्त को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर ली थी, जबकि, इसका सरगना अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
कहने का भाव बटाला पुलिस के लिए इन अपराधियों ने नाक में दम कर रखा है। फिर से बटाला पुलिस इस बात को जरुर दोहराती भी है कि उनकी पुलिस द्वारा अपराधियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। चूंकि, गिरफ्तारी तो सिर्फ गुर्गों तक ही हो पाती है। असली किरदार निभाने वाले तो पुलिस को धूल झोंकने में ही लगे रहते है।
क्राईम ग्राफ को कम करने के लिए जिला पुलिस प्रमुख की सबसे बड़ी चुनौती होती है। क्योंकि, हर आऊटपुट का हिसाब, उन्हें अपने पुलिस निदेशक को प्रतिदिन देना होता है। अगर केस कोई तूल पकड़ लें तो जवाब भी, उन्हें अपने सीनियर को देना पड़ता है।
मगर सवाल यहां पर यह है कि अब जिस प्रकार से बटाला में दिन प्रतिदिन क्राईम ग्राफ फिर से बढ़ने लगा है, उस पर लगाम किस प्रकार से लगाए जाए, उसके लिए लगता है कि पुलिस को नई रणनीति तैयार करनी पड़ेगी। फिर जाकर इस अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है।
प्रधान संपादक………..विनय कोछड़ (एसएनई न्यूज़)।