चंडीगढ़ मामले में सत्ता पक्ष-विपक्ष एकजुट……..सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित..भाजपा ने उठाए सरकार की मंशा पर सवाल

निर्दलीय विधायक राणा इंद्र प्रताप सिंह को सदन से बाहर निकाला…चीमा-रंधावा के बीच हुई बहसबाजी

एसएनई नेटवर्क.चड़ीगढ़।

पंजाब विधानसभा का सत्र आरंभ हो चुका है। सत्र के पहले दिन यानी शुक्रवार को चंडीगढ़ मामले को लेकर भाजपा को छोड़कर सत्ता पक्ष तथा विपक्ष एकजुट दिखाई दिया। इस मामले को लेकर सर्वसम्मति से केंद्र के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। समर्थन करने वालों में कांग्रेस, शिअद, बसपा राजनीतिक दल ने मान सरकार का किया। विधानसभा हलका सुल्तानपुर लोधी के निर्दलीय विधायक राणा इंद्रप्रीत सिंह को स्पीकर के कहने पर सदन से बाहर कर दिया गया। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा तथा कांग्रेस के विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा के बीच काफी समय तक बहसबाजी भी हुई। कुल मिलाकर आज दिन सदन में अहम प्रस्ताव को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने जानबूझ कर चंडीगढ़ पर अपना हक जमाने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपना रहा है। पूर्व में भाखडा ब्यास प्रबंधन बोर्ड को लेकर पंजाब का अधिकार छीन कर अपने अधीन ले लिया। अब चंडीगढ़ के कर्मियों का पंजाब स्केल बंद कर केंद्रीय नियम लागू कर दिया। सरासर पंजाब के साथ धक्का शाही की जा रही है। पंजाब सरकार ऐसा बिल्कुल ही नहीं बर्दाश्त करेगी।  इसलिए, आप की सरकार सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। इस मामले को लेकर वह जल्द देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने जा रहे है। उनके समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा जाएगा। उन्हें इस फैसले को वापस लेने के लिए कहा जाएगा। 

उधर, भाजपा के विधायक अश्विनी शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। लोगों को  सही बताना चाहिए। किसी को गुमराह नहीं करना चाहिए। इस बीच स्पीकर कुलतार सिंह सिंधवा ने शर्मा को यह कहते हुए रोकने का प्रयास किया कि आपका 2 मिनट का समय 4 मिनट हो चुका है, इसलिए अन्य को भी अपनी बात रखने का अवसर दिया जाए। 

शिअद के सभी विधायक तथा गठबंधन बसपा के विधायक ने सरकार के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि वे उनके साथ इस मुद्दे पर खड़े है। सड़कों से लेकर संसद तक धरने की आवश्यकता पड़ी तो पीछे नहीं हटेगे। इस बीच आप विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब तथा केंद्र की सरकार काफी लंबे समय तक रही। सदन में छह बार चंडीगढ़ को राजधानी बनाने का प्रस्ताव लाया गया। लेकिन, एक बार भी नहीं इसे पूरा किया गया। इस मामले को कांग्रेस की सरकार पर अरोड़ा ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आप को सिर्फ अभी 25 दिन हुए तो इस मुद्दे पर सदन में प्रस्ताव भी पारित हो गया। 

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