राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब के अधिकारों के लिए नेता एक मंच पर इकट्ठा होने की जाखड़ ने की अपील
पंजाब स्टेट ब्यूरो नितिन धवन.अनिल भंडारी/चंडीगढ़।
चंडीगढ़ में यूटी कैडर के पुलिस अधिकारी कार्यरत करने को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया। पंजाब के राजनीत से जुड़े बड़े नेताओं ने केंद्र सरकर की प्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए। पूर्व पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सुनील जाखड़ तथा कांग्रेस के शीर्ष नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने केंद्र की नीति पर सवाल खड़े करते कहा कि भाखड़ा ब्यास मैनेंजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के नियमों को ताक पर रख, केंद्र सरकार सरेआम उल्लंघना कर रही है। उन्होंने हर राजनीति पार्टी से राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब के अधिकारों की लड़ाई के लिए एक मंच पर इकट्ठा होने की अपील की। अब देखना होगा कि इस मुद्दे को लेकर पंजाब के विभिन्न राजनीति दल के बड़े नेता अपना रुख क्या एख्तियार करते है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में पंजाब सिविल सर्विस तथा हरियाणा सिविल सर्विस के पुलिस अधिकारियों को नजरअंदाज कर अंडोमान निकोबार के पुलिस अधिकारियों को चंडीगढ़ में कार्यरत किया। जबकि, इसका असल हकदार पंजाब तथा हरियाणा के पुलिस अधिकारी है। चंडीगढ़ पंजाब तथा हरियाणा की राजधानी है। चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश माना जाता है। इस पर केंद्र का हक है।
शुक्रवार को इस मुद्दे को प्रमुखता से पंजाब के शीर्ष नेता सुनील जाखड़ ने चंडीगढ़ में रखी प्रेसवार्ता में उठाया था। उन्होंने तो कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल , सुखबीर बादल, सुखदेव सिंह ढींढसा, भगवंत मान, चरणजीत सिंह चन्नी को कहा था, जैसा कि चुनाव समाप्त हो चुके है। इसलिए पंजाब के अधिकारों की लड़ाई के लिए हम सब को राजनीति से ऊपर उठकर एक मंच पर इकट्ठा होना होगा।
इधर, भुल्लत्थ से निर्वतमान विधायक तथा कांग्रेस के शीर्ष नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ प्रशास में सरेआम नियमों की उल्लंघना करने हुए नफरत की राजनीति कर रही है। साफ तौर पर संघीय ढांचे को हमला करार दिया। एक मंच में सभी नेता को इकट्ठा होने की अपील की।