दिल्ली हाईकमान ने सिद्वू के जिला अध्यक्ष फार्मूले पर लगाई अंतरिम मोहर……चुनाव समिति में भी मिला अहम स्थान
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
कांग्रेस पार्टी में जब तक गांधी परिवार का दबदबा है, तब तक पंजाब में नवजोत सिंह की बल्ले-बल्ले ही रहेंगी। इस बात का प्रमाण तब ही मिल गया, जब सिद्वू के पंजाब में प्रत्येक जिला में एक अध्यक्ष तथा तीन कार्यकारी अध्यक्ष लगाने के फार्मूले को हाईकमान ने अंतिम मोहर लगा दी।
इतना ही नहीं, पंजाब चुनाव कांग्रेस समिति में नवजोत सिंह सिद्वू को प्रथम स्थान मिल गया, जबकि चरणजीत सिंह को दूसरा स्थान मिला। पिछले कुछ दिनों से सिद्वू पंजाब की राजनीति में हाशिये पर चल रहे थे। अब उन्हें पार्टी में फ्रंट फुट के तौर पर पारी खेलने का फिर से अवसर मिल गया।
कांग्रेस हाईकमान के इस ऐलान के बाद सिद्वू समर्थकों में काफी खुशी लहर पाई जा रही है, जबकि चन्नी भीतर से हाईकमान के फैसले से नाराज भी दिखाई दे रहे है। हालांकि, उन्होंने हाईकमान के इस फैसले पर अभी तक कोई टिप्पणी तो नहीं की। इतना जरूर कहा कि वह हाईकमान के फैसले का दिल से स्वागत करते है। इससे अब पंजाब कांग्रेस संगठन में मजबूती पैदा हो गई। पंजाब विधानसभा चुनाव -2022 को लेकर कांग्रेस को काफी फायदा मिलेगा।
दरअसल, कांग्रेस हाईकमान के सूत्र बता रहे है कि पंजाब में पार्टी किसी प्रकार से कोई भी टकराव की स्थिति नहीं चाहती है। इसलिए, उसने सिद्वू के एक जिला अध्यक्ष तथा 3 कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने के सुझाव पर सहमति जताते हुए, उस पर अंतिम मोहर लगाने का निर्णय लिया।
पार्टी मानकर चल रही है कि इसका फायदा पंजाब कांग्रेस संगठन तथा आगामी विधानसभा चुनाव में होगा। पार्टी तथा संगठन का आपसी तालमेल बेहतर रहेगा। आम कार्यकर्ता की समस्याएं का भी निवारण जल्द होगा। इस बात का भी पता चला है कि पंजाब के जिला अध्यक्ष तथा तीन कार्यकारी अध्यक्ष पद पर सिद्वू के बेहद करीबी नेताओं को स्थान मिला है।
पहले सिद्वू के फार्मूले को लगा था धक्का
पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह द्वारा प्रदेश की सरकार पर आक्रामक हमले को लेकर दिल्ली हाईकमान , उनसे काफी खफा थी। पार्टी को अंदेशा इस बात का होने लगा था कि अगर इस गतिरोध जल्द ही समाप्त नहीं किया गया तो पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए तत्काल प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तथा नवजोत सिंह सिद्वू को तलब किया गया। उस दौरान पार्टी ने सिद्वू के जिला अध्यक्ष तथा तीन कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के फार्मूले को भी अपनाने से साफ इंकार कर दिया था। इससे सिद्वू के प्रपोजल काफी धक्का लगा था।
सिद्वू बनना चाहते सीएम
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्वू अगली सरकार में पंजाब का सीएम बनना चाहते है। इस बारे वह कई बार अनौपचारिक तौर पर इस बात पर जोर भी दे चुके है। फिलहाल, पार्टी ने इस मसले को लेकर अभी तक कोई संकेत नहीं दिया। एक बात को स्पष्ट है कि गांधी परिवार की वजह से अब तक पार्टी हाईकमान ने सिद्वू द्वारा सरकार के खिलाफ कई बार मोर्चा खोलने के बावजूद आज तक कोई एक्शन नहीं लिया। उल्टा, जिसका सिद्वू विरोध करते रहें, उन्हें ही पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। इससे प्रतीत होता है कि सिद्वू का कांग्रेस में काफी मजबूत पकड़ बन चुकी है, चाहकर भी उन्हें कोई नहीं हिला सकता।
सिद्वू पर लगाम जरूरी
कांग्रेस सूत्र, इस बात का भी संकेत देते है कि कांग्रेस की एक राष्ट्रीय लीडरशिप सिद्वू को बिल्कुल पसंद नहीं करती। उन्होंने कई बार राहुल गांधी के समक्ष सिद्वू के खिलाफ मुद्दा उठाकर, इस बात का संकेत दे चुके है कि इसके परिणाम आने वाले समय में घातक साबित हो सकते है। उन्होंने , इस बात पर भी जोर देते कहा कि अगर पंजाब में कांग्रेस की सरकार फिर से सत्ता में लानी है तो सिद्वू पर लगाम लगानी अति अनिवार्य है। क्योंकि, बार-बार सिद्वू द्वारा बेवजह अपनी पार्टी की सरकार के खिलाफ हमला किया जा रहा है। यह बात, इस लीडरशिप को बिल्कुल नागवार लग रही है।
चन्नी दौड़ में पीछे
पंजाब कांग्रेस चुनाव समिति में सिद्वू को प्रथम स्थान, जबकि चन्नी को दूसरा स्थान, इस बात की ओर बल मिल जाता है कि अब दिल्ली की कांग्रेस हाईकमान सिद्वू को अपना धावक घोषित करना चाहती है तथा चन्नी को इस दौड़ में पछाड़ना चाहती है। जबकि, कांग्रेस हाईकमान को इस बात का भी ध्यान देना जरूरी है कि चन्नी की पंजाब की जनता में लोकप्रियता पार्टी को आगामी चुनाव में बड़ा फेरबदल भी कर सकती है।