मांग-सूबे भर की स्टाफ नर्स को मिले सातवें पे-कमिशन पर पगार
चेतावनी…चन्नी सरकार की बजा देंगे ईट से ईट
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
ज्वाइंट एक्शन नर्सिंग स्टाफ के बैनर तले सूबे की लगभग 6,000 हजार नर्सिंग स्टाफ पिछले कुछ दिन से हड़ताल पर है। इस हड़ताल की वजह से प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पताल की वार्ड में सन्नाटा पसर आया। जबकि, इस मसले पर सरकारी अस्पताल के प्रबंधक यहीं हवाला दे रहे हैं कि कोविड-19 महामारी के उपरांत रोगियों का रुझान अस्पताल में कम दिखाई दे रहा है। चूंकि ग्राउंड स्तर की रिपोर्ट नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने के कारण रोगियों का अस्पताल में कम उपस्थिति बताई जा रही है।
संयुक्त एक्शन नर्सिंग स्टाफ की मेन कोऑर्डिनेटर राज बेदी का कहना है कि सरकार वर्ष 2010 से उन्हें सातवें पे-कमीशन की रिपोर्ट मुताबिक पगार नहीं दे रही है। मेडिकल विभाग ने इस बाबत लिखित में एक पत्र जारी कर , सभी नर्सिंग स्टाफ को सातवें पे-कमीशन के आधार पर पगार दिए जाने का वचन दिया था। अब यहीं अपने किए वादे से साफतौर पर मुकर गई।
लगभग पंजाब की 6,000 नर्सिंग स्टाफ से संबंधित नर्स हड़ताल कर रही है। उन्होंने बताया कि इस हड़ताल की वजह से आम रोगियों को जरूर परेशानी हो रही है, जबकि, इसी बात का अंदेशा जताते हुए सरकार को लिखित में दिया भी था। उनकी तरफ से परेशान हो रहे मरीजों के लिए हाथ जोड़कर माफी मांगें जाने की बात भी सामने आई। उन्होंने प्रदेश की चन्नी सरकार से मांग की कि वे जल्द ही सातवें पे-कमीशन के आधार पर उन्हें हर सुविधा दें, जिसके लिए उन्होंने लिखित रूप में उनसे वचन दिया है।
चेतावनी देते कहा कि अगर पंजाब की चन्नी सरकार ने उनकी जायज एवं लंबित मांग पर जल्द ही गौर नहीं किया तो वे सरकार की ईट से ईंट बजा देंगे। अपना अधिकार लेना हर सरकार मुलाजिम का दायित्व है। इस अवसर पर पलविंदर कौर, जतिंदर कौर समेत कई उपस्थिति थे।
सरकार का पुतला फूंक जताया रोष
सूबे भर में संयुक्त एक्शन नर्सिंग कमेटी के आह्वान पर चन्नी सरकार के खिलाफ पुतला फूंक कर रोष जताया गया। इस बीच सभी सरकारी अस्पताल में काम काज बंधित रहा। मरीजों को कई प्रकार की परेशानियों से जूझना पड़ा। जबकि, अस्पताल प्रशासन, इस बात का हवाला देता रहा कि मरीजों को दिक्कतों के समाधान करने के लिए पूर्व में ही अन्य स्टाफ से काम ले लिया गया।
रिवाइज्ड स्केल नहीं मिल रहा
वर्ष 2010 में तत्कालीन सरकार के आदेश पर मेडिकल विभाग ने एक पत्र जारी कर 4600 रुपए के हिसाब से रिवाइज स्केल नर्सिंग स्टाफ का तय हुआ था, जबकि वर्तमान में भी नई भर्ती स्टाफ को 3200 रुपए के हिसाब से स्केल दे रहा है। ऐसे में इन नर्सिंग स्टाफ में सरकार के प्रति रोष है। इस बार, उन्होंने सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई का मन बना लिया।
अभी तक कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ नहीं हुआ पक्का
सूबे में नर्सिंग स्टाफ , पिछले 10 वर्ष से अपनी नौकरी को पक्का कराने के लिए सरकार के समक्ष कई बार गुहार लगा चुके है। इतना ही नहीं, कई इस संघर्ष में अपनी जिंदगी में बहुत कुछ गंवा चुके है। लेकिन समय-समय की सरकार ने अभी तक इनके लिए कुछ नहीं किया।
ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, इन्हें पगार भी काफी कम मिलती है। घर का गुजारा करना असंभव हो रहा है।
सीएम से होगी जल्द मुलाकात
नर्सिंग स्टाफ की महिला नेत्री राज बेदी ने बताया कि उन्हें सीएम से मुलाकात करने का समय मिला है। इसके लिए जल्द ही मुलाकात होने जा रही है।
उम्मीद जताई कि सीएम उनकी मांगों पर विचार कर सकते है। समाधान होने के बाद काम रूटीन वाइज शुरू हो जाएगा।