पंजाब की हॉट सीट विधानसभा हलका फतेहगढ़ चूड़ियां सर्वे….आम-जनता बड़े बदलाव के मूड में…तृप्त बाजवा की जीत आसान नहीं…शिअद, आप दे रही कड़ी टक्कर..इसलिए बाजवा हाईकमान से मांग रहे बटाला से सीट

कैप्शन-कांग्रेस प्रत्याशी तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा।

बेरोजगारी, नशा है इलाके के प्रमुख समस्या….किसी ने नहीं दिया कोई ध्यान…इस बार जनता भी सुनाएंगी अलग फैसला

सियासी पिच सजी….कौन खिलाड़ी मारेगा चौका-छक्का या फिर किसकी उड़ेगी गिल्ली…मतगणना के दिन हो जाएगा सब स्पष्ट

फिलहाल मुकाबला है रोचक-दिलचस्प….हर कोई जीत का कर दावा…खेल में सस्पेंस है बरकरार

राजनीतिक विश्लेषक टीम.फतेहगढ़ चूड़ियां/गुरदासपुर/चंडीगढ़।

पंजाब की सबसे हॉट सीट कहलाने वाली विधानसभा हलका फतेहगढ़ चूड़ियां में इस बार मुकाबला काफी रोचक तथा दिलचस्प होने जा रहा है। एसएनई न्यूज़ की राजनीतिक विश्लेषण टीम ने ग्राउंड स्तर की टीम ने सर्वे किया तो सामने आया कि इस बार आम-जनता बदलाव करने के मूड में है। इससे संकेत , इस बात की ओर जाता है कि मौजूदा विधायक तथा कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह के लिए जीत इतनी आसान नहीं है, जितना वह दावा कर रहें हैं। सामने आए तथ्यों के आधार पर बाजवा को उनके चिर प्रतिद्वंद्वी शिअद के विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल, आम आदमी पार्टी के बलबीर सिंह पन्नू कड़ी टक्कर दे रहें है। 

सियासी पिच सज चुकी है। प्रत्येक खिलाड़ी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुका है। अपनी जीत को हर कोई सुनिश्चित बता रहा है। इस बार खेल मैदान में चौका-छक्का मारने की कौन सा खिलाड़ी क्षमता रखता है। इस बारे अभी कुछ कहना ठीक नहीं हो सकता है। इतना जरूर कहा जा सकता है कि इस बार का मुकाबला काफी रोचक तथा दिलचस्प होने जा रहा है। किस खिलाड़ी की गिल्ली उड़ती है या फिर बोलड़ होता है, इस बारे मतगणना वाला दिन तय हो चुका है। उस दिन राजनीतिक खिलाड़ियों का जीत-हार का फैसला हो जाएंगा। 

अलबत्ता, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा अपने समर्थकों तथा खुद दूसरी टिकट हाईकमान से बटाला विधानसभा क्षेत्र से मांग रहे हैं, जबकि हाईकमान ने अन्य सीट देने से बाजवा को तो साफतौर पर इंकार कर दिया। बाजवा इस बात का भी दावा कर रहें है कि हर किसी का मौलिक अधिकार है कि वह पार्टी से दो टिकट मांग सकता है। यह उनका व्यक्तित्व अधिकार है। टिकट देना या नहीं देना पार्टी का फैसला होता है। अपनी जीत को लेकर दावा भी रहें हैं। लोगों का प्यार मिलने से भी नहीं पीछे हट रहे हैं। अधिक लीड से सीट जीतने का भी दावा किया जा रहा है। जबकि, ग्राउंड लेवल की तस्वीरें कुछ और बयां करती है। 

विधानसभा हलका फतेहगढ़ चूड़ियां में दो सबसे बड़े मुद्दें बेरोजगारी तथा नशा है। मौजूदा विधायक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा नशे को लेकर पूरे पंजाब में नशा होने की बात बता रहे है, जबकि बेरोजगारी को लेकर कोई जवाब नहीं दे पा रहे है। इन दो मुद्दों को लेकर जनता में आक्रोश भी है। सिर्फ, इस बार उन्होंने भी बदलाव का संकेत देकर बड़ा कुछ करने का मन भी बना लिया है। तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा दो बार इस सीट से विजय रह चुकें है। पूर्व विधानसभा स्पीकर निर्मल सिंह काहलों को पराजित कर चुके है। इन दो मुकाबलों में जीत-हार का अंतर कुछ खास नहीं रहा है। 

फोटो कैप्शन- शिअद प्रत्याशी लखबीर सिंह लोधीनंगल।

विधानसभा हलका बटाला से मौजूदा शिअद विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल इस बार फतेहगढ़ चूड़ियां से चुनाव लड़ रहे है। सुखबीर बादल के खास है। दावा कर रहे है कि जीत उनकी पक्की होगी। किसी के साथ उनका कोई मुकाबला नहीं है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता आप में शामिल हो रहें हैं। उसका फायदा शिअद को होने का दावा भी कर रहे है। जबकि, ग्राउंड लेवल रिपोर्ट में इनके साथ टकसाली शिअद नेता तथा वर्करों की नाराजगी भी सामने आ रही है। नाराज़गी , उनके जीत के राह को कठिन भी बना सकती है। जबकि, लोधी नंगल इस बात को लेकर कह रहे है कि एक-दुक्का नाराजगी हर पार्टी में वर्करों समर्थकों की नेता के साथ होती रहती है। कोई बड़ी बात नहीं, इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। यहां भी जा रहा हूं तो वहां पर शिअद को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। इस बार जीत शिअद की होने का दावा किया जा रहा है। जीत का दावा कितना सच होगा, इस बात का प्रमाण नतीजा निकलने पर साफ हो जाएगा। 

फोटो कैप्शन- आप प्रत्याशी बलबीर सिंह पन्नू।

आम आदमी पार्टी ने विधानसभा हलका फतेहगढ़ चूड़ियां से पूर्व सेना अधिकारी बलबीर सिंह पन्नू को टिकट दिया। वह आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बेहद करीब है। उनके मुताबिक क्षेत्र में दो समस्या बेरोजगारी, नशा है। कांग्रेस, शिअद ने हमेशा वादे किए पूरा किसी ने नहीं किया। जनता से हमेशा ही धोखा हुआ। फतेहगढ़ चूड़िया में 50 फीसद युवा नशे में ग्रस्त है। लोगों के पास जा रहा हूं, उन्हें आर्शीवाद पूरा मिल रहा है। इन दो समस्याओं को अरविंद केजरीवाल के समक्ष रखा है। जीत कर इस हलके में इंडस्ट्री तथा नशा बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। परिवार को मेडिकल तथा शिक्षा जैसी सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर हासिल होगी। 

फोटो कैप्शन- संयुक्त समाज मोर्चा के प्रत्याशी बलजिंदर सिंह।

संयुक्त समाज मोर्चा की तरफ से परिचित किसान चेहरे को इस सीट पर अवसर दिया। बलजिंदर सिंह को किसी पहचान के मोहताज नहीं है। दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के अधिकार के लिए लगातार डटे रहें। उनके मुताबिक लड़ाई सच और झूठ की है। गंदी राजनीति को जड़ से समाप्त करना है। स्कूल बंद पड़े है, जबकि शराब ठेके खुल रहे है। हर वर्ग के लिए नई सोच के साथ आगे बढ़ने का प्रण किया। सीट मिलने पर लोग खुद घर आकर बधाई देने वालों का तांता लगा है। गंदी राजनीति के नेताओं ने समाज को लूटा तथा वादा एक भी नहीं पूरा किया। मेरा किसी के साथ मुकाबला नहीं है, जबकि उनका मेरा साथ कोई मुकाबला कुछ खास कह नहीं सकता। सच्चाई की हमेशा ही जीत होती है। विधायक बनने पर उन्नति की तरफ नए कदम बढ़ाना प्राथमिकता होगी। 

फोटो कैप्शन- भाजपा (पंजाब लोक कांग्रेस) के प्रत्याशी तेजिंदर सिंह उर्फ ब्यूटी रंधावा। 

भाजपा के सहयोगी दल कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस ने यहां से युवा चेहरा तेजिंदर सिंह उर्फ बयूटी रंधावा को अवसर दिया है। ब्यूटी रंधावा अपनी जीत सुनिश्चित का दावा कर अपने आपको को पहले नंबर पर आने का भी दावा कर रहे है। जबकि इस विधानसभा हलका में सबसे देरी से इनकी टिकट घोषित की गई। मान कर चल भी रहें है देरी तो जरुर हुई, जबकि कुछ खास फर्क नहीं पड़ने का भी दावा किया जा रहा है। नशा, बेरोजगारी जैसे दो मुद्दों को अहम मान कर चल रहे है। 

लोगों का मत होगा अंतिम फैसला

चाहे, इस विधानसभा क्षेत्र से हर राजनीतिक पार्टी से जुड़ा प्रत्याशी अपनी जीत को सुनिश्चित रूप से पक्की मानकर चल रहा है। जबकि ध्यान देने वाली बड़ी बात यह है कि लोगों के मत को किसी भी पार्टी द्वारा भांपना तब तक सही नहीं होगा, जब तक नतीजा नहीं सामने आ जाता है। मत ही राजनीति के खेल के समीकरण बदलने में अहम भूमिका निभाती है। फिलहाल, इस बार लोगों की चुपी ही बड़ा फैसला देने की तरफ इशारा कर रही है। किस खिलाड़ी के सिर पर ताज सजेगा, इस बात की परिणाम मतगणना वाले दिन फाइनल हो जाएगा।

बेरोजगारी-नशा है बड़ा मुद्दा

जानकारी मुताबिक 50 फीसद से अधिक युवा नशे के ग्रस्त है। अभिभावक किसी के सामने बताने से डरते है। कुछ शिक्षित युवा यहां रहने के लिए तैयार नहीं है। वह धड़ल्ले से विदेश में अपना भविष्य देख रहे है। बेरोजगारी सबसे बड़ी चिंता का विषय है। लोगों का आरोप है कि उनके हलके के मौजूदा विधायक कैबिनेट मंत्री रहने के बावजूद, इस समस्या का निदान निकालने में असफल साबित हुए। वह खुद चाहते है कि इस क्षेत्र में बदलाव होना अति जरूरी है। 

नेताओं के दावे कितने कारगर…..जानिए, इस रिपोर्ट में सब कुछ

इस राजनीतिक खेल के मैदान में हर राजनीतिक पार्टी का खिलाड़ी बड़े-बड़े दावे कर रहा है। जिनमें बाजवा कह रहे है कि क्षेत्र का विकास सबसे अधिक हुआ, जबकि जनता ने उन्हें दिए जीरो नंबर। शिअद के प्रत्याशी लखबीर सिंह लोधीनंगल ने कहा कि वह इस क्षेत्र में जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर , आय के साधन में बढ़ोत्तरी करेंगे। जबकि, इस मुद्दे पर किसानों की राय मिली जुली ही रही। कुछ ने कहा दावा है करता कोई कुछ नहीं। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी बलबीर सिंह पन्नू क्षेत्र में इंडस्ट्री लगाने की बाद तो जरुर कर रहे है, जबकि, उसे विधानसभा क्षेत्र से अलग जगह पर। नशा को जड़ से समाप्त करने तथा नशे कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात को भी दोहराया जा रहा है। जबकि, लोगों का मानना है जब तक इस पर काम पूरा नहीं हो जाता है, तब तक हर नेता के वादे एक-जैसे लगते है। 

कुल मतदाता 

विधानसभा हलका फतेहगढ़ चूड़ियां में कुल मतदाता 174927 , पुरुष मतदाता-92590, महिला मतदाता-82334, अन्य-3 है। कुल गांव 83 है। कुल पोलिंग स्टेशन-226, कुल पोलिंग स्टेशन लोकेशन-173 है। इतिहास के मुताबिक, कांग्रेस, शिअद-भाजपा गठबंधन का इस सीट पर अधिकतम शासन रहा है। जबकि इस बार मुकाबला कड़ा चल रहा है। 

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