पंजाब विधानसभा हलका बटाला की सबसे हाॅट सीट पर भाजपा की तरफ से फतेहजंग बाजवा लड़ सकते है चुनाव….कादियां से मिल सकता है यादविंदर सिंह बुट्टर को अवसर

भाजपा की आज जारी होने वाली सूची में हो जाएगा सब कुछ स्पष्ट….कांग्रेस का भी अब तर फंसा है पेंच

राजनीतिक विश्लेषक.नितिन धवन/चंडीगढ़।

पंजाब की सबसे सबसे हाॅट सीट माने जाने वाली बटाला विधानसभा हलका से मिल रहे संकेत के मुताबिक, भाजपा की तरफ से फतेहजंग सिंह बाजवा चुनाव लड़ सकते है, जबकि उनकी कादियां सीट पर भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता यादविंदर सिंह बुट्टर को अवसर दे सकती है। दोनों ही सिख चेहरा है तथा मतदाता के बीच अच्छा वर्चस्व है।

संकेत मिल रहे है कि भाजपा हाईकमान अपने प्रत्याशियों की पहली सूची किसी भी समय जारी कर सकती है। सीट बंटवारे को लेकर सहयोगियों के साथ आम सहमति बन चुकी है। विधानसभा हलका बटाला से कांग्रेस की टिकट को लेकर भी पेंच फंसा है। क्योंकि, हिंदू चेहरा अश्विनी सेखड़ी की लगभग फाइनल टिकट होने के उपरांत , पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने अपने समर्थकों समेत कई बैठकें कर इस बात को लेकर विरोध जताया कि इस हलका से उनके बेटे को टिकट दिया जाए। जबकि , हाईकमान ने इस बात पर पहले कह दिया है कि एक परिवार में दूसरी टिकट नहीं दी  जा सकती है।

इससे साफ साबित हो जाता है कि बाजवा को अपने बेटे के लिए मांगी जा रही टिकट अब नामुमकिन ही लग रही है।अटकलों का बाजार इस बात को लेकर भी गर्म है कि पार्टी किसी तीसरे को टिकट दे सकती है। पार्टी को इस बात का भयं भी सता रहा है कि अगर, उसने बाजवा या फिर सेखड़ी को टिकट दिया तो चुनाव में विरोध खड़ा हो सकता है। सीट उनके हाथ से निकल सकती है, इसलिए कांग्रेस चुनाव में किसी प्रकार से जोखिम नहीं लेना चाहती है। अन्य किस को अवसर मिल सकता है फिलहाल पार्टी ने इस पर अपने पत्ते नहीं खोले है। 

उधर, भाजपा पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों से , इस बात का प्रमाण मिल चुका है कि फतेहजंग सिंह बाजवा का विधानसभा हलका बटाला से चुनाव लड़ना लगभग तय है। बाजवा एक अच्छा चेहरा है। बटाला में भी , उनके अच्छा खासा समर्थकों की संख्या है। इसके अलावा , भाजपा तथा आरएसएस एवं हिंदू संगठनों का समर्थन भी बाजवा को मिल सकता है। 

जबकि, इस बीच एक सबसे बड़ी बात यह भी सामने आ रही है कि बटाला से भाजपा के स्थानीय नेताओं ने भी अपनी-अपनी दावेदारी ठोकी थी। अगर , उन्होंने खुलकर बाजवा का समर्थन नहीं किया तो फतेहजंग सिंह के लिए चिंता का विषय बन सकता है। जबकि , नेताओं का मानना है कि पार्टी की तरफ से उन्हें यहां कही लगाया जाता है , वे उस ड्यूटी को मौलिक तरीके से निभाएंगे। अब देखना होगा कि भाजपा प्रत्याशियों की सूची में बटाला, कादियां प्रत्याशियों की टिकट जारी की जाती है या फिर देरी हो सकती है। 

आरएसएस की सहमति

सूत्रों से पता चला है कि आरएसएस ने भी इस सीट पर बाजवा को हरी झंडी दे दी। उन्होंने विश्वास दिलाया है कि इस सीट पर वे पूरी जी-जान से काम करेंगे। इसके अलावा स्थानीय भाजपा नेताओं ने भी खुलकर समर्थन देने का ऐलान कर दिया। फिलहाल पार्टी की रणनीति मुताबिक, इस हाट सीट पर अपने प्रत्याशी की विजय दिलाना , उनकी प्राथमिकता होगी। परंपरागत तरीके से देखा जाए तो इस सीट पर भाजपा ने कई बार परचम लहराया। दिवंगत नेता जगदीश राज साहनी कई विधायक तथा संसदीय सचिव भी रह चुके है। 

हिंदू बहुल क्षेत्र

पंजाब की राजनीति में बटाला एक हिंदू बहुल क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। अधिकांश राजनीतिक पार्टियां भी यहां से किसी न किसी हिंदू चेहरे को चुनाव में अवसर देती है। उन्हें मालूम है कि हिंदू चेहरा ही हिंदुओं की सहमति लेकर जीत को सुनिश्चित कर सकता है। जबकि पिछली बार से यह ट्रेंड कुछ बदल सा गया है। क्योंकि पिछली बार शिअद-भाजपा की तरफ से सिख चेहरा लखबीर सिंह लोधीनंगल ने जीत हासिल की थी। उनकी जीत के बाद राजनीतिक विश्लेषण करने वालों को सोचने के लिए इस बात पर मजबूर कर दिया कि इस सीट से सिख चेहरा भी चुनाव में जीत हासिल कर सकता है। 

जानिए….कैसे होगा मुकाबला

इस हाट सीट पर आम आदमी पार्टी ने युवा चेहरा शैरी कलसी, शिअद-बसपा गठजोड़ की तरफ छोटेपुर, कांग्रेस तथा भाजपा ने अब तक अपना चेहरा फाइनल किया। भाजपा के सूत्रों ने तो पक्का कर दिया कि फतेहजंग बाजवा, इस सीट पर लड़ने जा रहे है। कांग्रेस किस प्रत्याशी पर दांव खेलती है। अभी तक फाइनल नहीं हुआ। इस बार बटाला विधानसभा हलका का मुकाबला बहुकोणीय होगा। क्योंकि , प्रत्येक पार्टी का प्रत्याशी जनता के बीच अपनी साख मजबूत होने का दावा कर रहा है। 

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