पाक का दावा—-भगत सिंह इस्लामी विचारधारा के थे दुश्मन, भारत ने जताया विरोध

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़। 

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि लाहौर उच्च न्यायालय में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के बारे में किए गए ‘आपत्तिजनक’ संदर्भ के बारे में पाकिस्तान के समक्ष ‘कड़ा विरोध’ दर्ज कराया गया है। चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री कृतिवर्धन सिंह ने कहा, “भारत सरकार ने पाकिस्तान में भगत सिंह के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के बारे में हाल ही में आई रिपोर्टों पर गौर किया है और राजनयिक माध्यमों से इस घटना पर पाकिस्तान सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।” 

तिवारी ने पूछा था, “क्या केंद्र सरकार लाहौर उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में भगत सिंह के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों से अवगत है?” हालांकि तिवारी ने मामले का उल्लेख नहीं किया, लेकिन नवंबर के दूसरे सप्ताह में पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि लाहौर शहर प्रशासन ने ‘फवारा चौक शादमान’ का नाम बदलकर भगत सिंह के नाम पर रखने की योजना को रद्द कर दिया है। 

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि एक सेवानिवृत्त पाकिस्तानी नौसेना अधिकारी ‘जागरूकता’ ब्रीफ से भाग गया और उसने भगत सिंह की कहानी को फर्जी बताया। पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि पाक नौसेना अधिकारी ने दावा किया कि “भगत सिंह पाकिस्तान के लिए विदेशी थे और उसकी इस्लामी विचारधारा के दुश्मन थे”। इस बीच, आज लोकसभा में विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार और पूरा देश भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भगत सिंह के अमूल्य योगदान को मान्यता देता है।

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