वर्ष 2017 में गलती से मछली पकड़ते पाक समुद्री सीमा में घुस गए थे, पाक समुद्री फोर्स ने पकड़ लिया था, 4 वर्ष से बंद थे कराची की लांधी जेल
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
वैसे तो पड़ोसी देश पाक अपनी नापाक हरकतों की वजह से जाना जाता है। जबकि, इस बार पाक ने अच्छी पहल की मिसाल देते हुए, भारतीय 20 मछुआरों को छोड़ने का ऐलान किया। इससे एक बात तो साफ स्पष्ट हो जाती है कि पाक विश्व में बिगड़ी अपनी गलत पहचान को सुधारने का प्रयास कर रहा है। वैसे भी भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने की वजह से हमेशा ही विश्व बिरादरी के निशाने पर रहता है। मगर इस बार के पाक कदम ने अपनी छवि सुधारने का संदेश दे दिया।
बताया जा रहा है कि पकड़े गए 20 मछुआरे गुजरात के रहने वाले है। चार वर्ष पहले गलती से पाक समुद्री तट सीमा में मछली पकड़ते समय प्रवेश कर गए थे। उस दौरान पाक की समुद्री फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ मामला कराची में दर्ज किया गया। अदालत में मामले चलने के बाद चार वर्ष की सजा सुनाई गई।
चूंकि , पाक ने इन 20 मछुआरों को भारत भेजने का ऐलान कर दिया। इस बात की खबर, इनके परिजनों को पता चलने पर काफी खुशी माय माहौल है। परिजनों ने बताया कि स्पेशली थैंक्स फार भारतीय सरकार तथा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को। उन्हीं के कहने पर विदेश मंत्रालय ने पाक के विदेश मंत्रालय से बातचीत कर उनके सदस्य को भारत लाने में अहम भूमिका निभाई।
कोविड़ के कारण कई कैदी नहीं लौटे भारत
बताया जा रहा है कि वर्ष 2020 में कोविड-19 की वजह से दोनों देशों ने अपने -अपने यहां से कैदियों की सजा पूरा होने के बावजूद वापिस नहीं भेजा गया। इनमें से कई ऐसे कैदी है जिनकी वर्ष 2020 में सज़ा पूरी हो चुकी थी। अब उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देश अपने यहां बंद एक-दूसरे के कैदियों को सजा पूरे होने पर वापस उनके देश भेज देगी।
लगभग कराची के जेल में बंद है भारतीय 600 कैदी
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पकड़े गए मछुआरे कराची की लांधी जेल में लगभग 600 कैदी बंद है। इनमें कई कैदियों की सजा भी पूरी होने की जानकारी हासिल हुई। आधिकारिक अड़चनों की वजह से उनको जेल से छुड़ाना मुश्किलें पैदा कर रहा है। इन कैदियों के साथ पाक की तरफ से काफी अत्याचार करने की खबरें समय-समय पर आती है। जिसका मानव अधिकार संस्था कई बार विरोध कर चुका है।
बेसब्री से इंतजार
भारत-पाक सीमा (अटारी) में गुजरात से पहुंचे पाक से रिहा होकर भारत लौटने वाले मछुआरों के परिजनों ने अपना नाम नहीं सार्वजनिक के शर्त पर बताया की कि वह अपने सदस्यों को बेसब्री से इंतजार कर रहे है। हर दिन कैसे काटा , यह उनसे कोई बेहतर नहीं जानता है। चार साल बाद लौट कर अपने आ रहे है , उनके साथ वहां क्या बीती तथा कैसे होगे, इसे लेकर चिंता भी है। बताया जा रहा है कि सरकारी दस्तावेज को पूर्ण होने में लगभग शाम के पांच बज सकते है।
मेडिकल होने के बाद जा सकते है घर
बताया जा रहा है कि अमृतसर प्रशासन द्वारा इन मुछआरो का पूर्व में मेडिकल टेस्ट होगा। अंदेशा, इस बात का भी जताया जा रहा है कि इनके टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही घर लौटने की इजाजत मिल सकती है। अटारी में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच चुकी है। कोविड़-19 का फिर से प्रकोप बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, इसलिए प्रशासन किसी प्रकार से कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है।