पाक के मुल्तान शहर से आया था शिवाला बाग भाईयां का शिवलिंग…विश्व प्रसिद्ध है यहां की शिवरात्रि

3 दिन पूर्व ही श्रद्धालुओं का लगा है तांता..विभिन्न प्रकार के व्यंजन शिव विवाह दौरान लंगर में किए  वितरित  

इस बार देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु…मंदिर प्रबंधन की तरफ से विशेष इंतजाम…सिविल-पुलिस प्रशासन चौबीस घंटा ड्यूटी पर तैनात

अनिल भंडारी/नितिन धवन/विशाल आनंद/अमृतसर/ गुरदासपुर/चंडीगढ़।

हिंदू धर्म का विश्व प्रसिद्ध उत्सव महा-शिवरात्रि पूरे संसार में धूमधाम से मनाए जाने की खबर है। लेकिन, महाशिवरात्रि अमृतसर के शिवाला बाग भाईयां की सबसे प्रसिद्ध मानी जाती है। इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। देश के विभाजन दौरान पाकिस्तान के मुल्तान से शिवलिंग लाकर , यहां पर स्थापित किया गया। पूर्व में किसी सिख का बाग था। मंदिर के लिए दान के रूप में 10 हजार गज जगह दी गई। 

खास बात यह है कि इस मंदिर में तीन दिन पूर्व ही श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है। विभिन्न प्रकार के व्यंजन लंगर में वितरित किए जा रहे है। बताया जा रहा है कि लंगर तीन दिन तक लगातार जारी रहेगा। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रबंधक कमेटी ने विशेष प्रबंध किए है। सिविल-पुलिस प्रशासन को चौबीस घंटा लगातार ड्यूटी पर लगा दिया गया। 

शिवाला बाग भाईयां अमृतसर रेलवे स्टेशन से तकरीबन ढाई किलोमीटर का सफर है। यहां का शिव विवाह सबसे प्रसिद्ध माना जाता है। विवाह की तरह पूरी तैयारियां तथा सजावट की गई है। बारातियों के लिए हर प्रकार का प्रबंध तथा पंडाल का विशेष बंदोबस्त किया गया। शिवलिंग के समक्ष नतमस्तक होने वाले श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है। भगवान के प्रति अटटू विश्वास रखने वाले शिव भक्तों की आस्था बरकरार है। जय भोले शंकर के जयकारे लग रहे है।

रात के लिए शिव विवाह का मंडप सज चुका है। मंदिर के पुराने पुरोहितों के मुताबिक, विवाह पुरानी प्रथा तथा रीति रिवाज के साथ आरंभ होता है। विवाह में विशेष तौर पर शिव भक्त पहुंचते है। सारी रात मंदिर में प्रभु के प्रति भक्ति होती है। भोले शंकर का विवाह सारी रात चलता है। अल सुबह संपन्न होता है। इस दौरान देश-विदेश से भोले शंकर की कथा सुनाने वाले कई प्रसिद्ध विद्वान पहुंच चुके है।   

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