ज्यूरी का तर्क,फिल्म में अंग्रेजों के प्रति नफरत दिखाई
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
अभिनेता विक्की कौशल की फिल्म ‘सरदार ऊधम’ को ऑस्कर अवार्ड 2022 के भारतीय नॉमिनेशन से फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की ज्यूरी ने बाहर कर दिया है। ज्यूरी के तर्क से देश के इस महान शहीद की जन्मभूमि के लोग और परिजन आहत हैं। ज्यूरी का तर्क है कि फिल्म में अंग्रेजों के प्रति नफरत दिखाई गई है।
ज्यूरी की यह दलील, लोगों और शहीद के परिजनों को हजम नहीं हो रही है। देश को अंग्रेजी हुकूमत की जंजीरों से मुक्त करवाने के लिए ऊधम सिंह ने फांसी का फंदा चूमा था। ब्रिटिश सरकार ने 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में नरसंहार करवाकर सैकड़ों देशवासियों की जान ले ली थी।
सुनाम के ऊधम सिंह ने इस नरसंहार का बदला लेने के लिए न सिर्फ 21 वर्ष तक इंतजार किया था बल्कि लंदन में पहुंचकर इसके लिए जिम्मेदार अंग्रेज अधिकारी को मार गिराया था।
शहीद की कुर्बानी का अपमान
शहीद पर लंबे समय से खोज कर रहे लेखक राकेश कुमार, परिजन हरदियाल सिंह, जतिंदर जैन ने कहा कि क्या यह शहीद की कुर्बानी का अपमान नहीं है? देश पर अत्याचार करने वालों से बदला लेना समय की मांग की थी। पूरा देश इस महान शहीद की बहादुरी को सलाम करता है।
भारतीय ज्यूरी का तर्क बिल्कुल अनुचित
लेखक राकेश कुमार ने कहा कि फिल्म का कुछ हिस्सा भले की सच्चाई से दूर है पर शहीद ऊधम सिंह की कुर्बानी का अपमान नहीं किया जा सकता है। देश के महान शहीद को लेकर भारतीय ज्यूरी का तर्क बिल्कुल अनुचित है। शहीद के परिजन हरदियाल सिंह ने मांग की कि सरकार इस संवेदनशील विषय पर अपना रुख सपष्ट करके शहीद ऊधम फिल्म को भारतीय नॉमिनेशन के रूप में ऑस्कर के लिए भेजे।