बजट 2025-26——पंजाब के नेता नहीं रहे खुश….बोले, राज्य को फिर किया नजरअंदाज

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़। 

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में किसानों और उद्योगों को मजबूती देने के लिए कई बड़े एलान किए गए हैं। हालांकि पंजाब और चंडीगढ़ के सांसद बजट से नाखुश ही दिखे।


शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय बजट पर कहा कि जिन राज्यों में चुनाव आने वाले हैं, उनके नाम सबसे ज्यादा लिए गए। बिहार फिर असम का नाम लिया गया। पंजाब का नाम भी नहीं लिया जहां किसान एमएसपी  की गारंटी के लिए धरने पर बैठे हैं। किसानों की लड़ाई को बिल्कुल भी नहीं सुना गया, इसलिए मुझे दुख है।
वहीं चंडीगढ़ के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मैं यह समझने में असफल रहा कि यह भारत सरकार का बजट था या बिहार सरकार का? क्या आपने केंद्रीय वित्त मंत्री के पूरे बजटीय भाषण में बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य का नाम सुना है। जब आप देश के बजट की बात करते हैं तो उसमें पूरे देश के लिए कुछ होना चाहिए। यह दुखद है कि जिस बैसाखी पर सरकार चल रही है उसे स्थिर रखने के लिए देश के बाकी हिस्सों के विकास को दांव पर लगा दिया गया है।


केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने गिनाई खासियतें


आम बजट पर केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि बजट में मध्य वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा। इसी तरह 36 जीवन रक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम्स ड्यूटी से पूरी तरह से छूट दी गई है, जिससे आवश्यक उपचारों तक पहुंच बढ़ गई है। बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी गई है, जिससे अधिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। कृषि उत्पादकता में वृद्धि पर विशेष फोकस किया गया। खासकर विशेष रूप से उच्च उपज वाली फसलें और कपास को प्रोत्साहन दिया गया है। भारतीय रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय में 15-20% की महत्वपूर्ण वृद्धि, जिससे आधुनिक वंदे भारत ट्रेनों और सुरक्षा उपायों का मार्ग प्रशस्त होगा। बिहार में एक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देना है।

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