लक्की कुमार.अमृतसर/चंडीगढ़।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अब लावारिस व पालतू कुत्ते के काटने के मामले में प्रति दांत के निशान पर 10 हजार रुपये मुआवजा तय किया है। इसके साथ ही मांस नोचने की स्थिति में प्रति 0.2 सेंटीमीटर के लिए 20 हजार रुपये का भुगतान करना होगा। मुआवजा राशि जारी होने में देर न हो इसके लिए हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर सरकार की जिम्मेदारी तय की है, हालांकि बाद में इसे संबंधित विभागों या दोषियों से वसूल किया सकेगा।
बिना जंजीर कुत्ता घुमाने पर लगा सकता हैं जुर्माना
सरकार चाहे तो कुत्तों को बिना जंजीर लेकर घूमने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने जैसा रास्ता अपना सकती है। कुत्तों का शिकार हुए लोगों को मुआवजा मिलने में देरी नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने प्रशासन को इस बारे में 2012 में नीति बनाने का आदेश दिया था, लेकिन इस आदेश का आज तक पालन ही नहीं किया गया।
इतने समय में देना होगा मुआवजा
हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य की सभी एजेंसियों के लिए राज्य जिम्मेदार है और ऐसे में मुआवजा देने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर राज्य सरकार की होगी। हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन को मुआवजे का निर्धारण करने के लिए समितियां बनाने को कहा है। इन समितियों को आवेदन मिलने के बाद 4 माह के भीतर मुआवजा राशि जारी करनी होगी।
साढ़े छह लाख लोगों को कुत्तों ने काटा
पंजाब सेहत विभाग के अनुसार बीते पांच साल के दौरान राज्य में 6,50,904 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा। वर्ष 2022 में कुत्तों के काटने से घायल हुए लोगों की संख्या 1,65,119 रही, जो 5 साल के दौरान सबसे अधिक है। राज्य में 2018 में कुत्तों को काटने के 113637 केस दर्ज हुए। वहीं, 2019 में इनकी संख्या 134827, 2020 में 110478, 2021 में 126843 और 2022 में 165119 रही। पंजाब में नगर निगमों और नगर परिषदों को हर साल करीब 5 करोड़ रुपये की राशि आवारा कुत्तों की नसबंदी करने पर खर्च करने के लिए राज्य सरकार जारी करती है।