बड़ी खबर—–पूर्व उप-मुख्यमंत्री रंधावा की कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के मामले में बढ़ सकती है मुश्किलें….आप मंत्री बैंस ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट

एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान यूपी के कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल में वीवीआईपी सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की मुश्किल बढ़ सकती है। राज्य के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस संबंध में मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंपी रिपोर्ट में पूर्व जेल मंत्री के अलावा जेल विभाग के कई आला अफसरों के अलावा दिल्ली से सियासी सांठगांठ की बात कही है।


सभी सुख-सुविधाओं के साथ रहता रहा अंसारी
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी केवल नाम के लिए ही जेल में बंद था जबकि वह रोपड़ जेल में बने अफसर क्वार्टर में सभी सुख-सुविधाओं के साथ रहता रहा। वहां उनकी पत्नी भी अक्सर आया-जाया करती थी। जेल मंत्री बैंस ने हालांकि अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि इस मामले में कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे। उन्होंने बताया कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने एक उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी का गठन कर दिया है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई होगी।


बिल्डर से 10 करोड़ की रंगदारी मांगने का था आरोप
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी पर पंजाब में मोहाली के बिल्डर से 10 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप था। उसे पंजाब पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर मोहाली लेकर आई थी। 24 जनवरी 2019 को कोर्ट में पेश कर उसे रोपड़ जेल में भेज दिया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले साल अप्रैल में उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश पुलिस ले गई। पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जेल मंत्री बैंस ने सदन में गैंगस्टर अंसारी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने का मुद्दा उठाया था, जिसे लेकर सदन में कांग्रेस के सदस्यों ने काफी हंगामा भी किया था।


रंधावा ने बैंस को सदन में दी थी चुनौती
पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने इस आरोप पर बैंस को सदन में चुनौती दी थी कि अंसारी की पत्नी जेल में रहती थी, मंत्री इसे साबित करके दिखाएं। तब मंत्री बैंस ने जांच के बाद सच बाहर आने का दावा किया था। बैंस ने सदन में खुलासा किया था कि अंसारी को फर्जी एफआईआर दर्ज करके 2 साल, तीन महीने तक पंजाब की जेल में रखा गया जबकि उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए यूपी सरकार ने 26 बार कोशिश की, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। इस तरह पंजाब की कांग्रेस सरकार ने अंसारी को यूपी पुलिस और सरकार से बचाए रखा।

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