बड़ी खबर….. सात कथित खालिस्तानियों के खिलाफ एनआईए ने दायर की चार्जशीट

व्यापारियों को धमकाने तथा फिरौती मांगने के आरोप

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

एनआईए ने सात कथित खालिस्तानियों के खिलाफ मोहाली की एनआईए विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किए। इस केस को लेकर जल्द ही अदालत सुनवाई शुरु कर सकती है। इस बात की पुष्टि, एनआईए के एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी दौरान बताया है।

मोगा के रहने वाले लवप्रीत सिंह, कमलजीत सिंह, अर्शदीप सिंह, फिरोजपुर के राम सिंह, यूपी के मेरठ निवासी गगनदीप सिंह, मोहम्मद आसिफ अली, जालंधर के रहने वाले हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ एनआईए ने भारतीय दंड संहिता के मुताबिक गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्तता, एनडीपीएस एक्ट, शस्त्र एक्ट के अधीन मामला दर्ज किया। 

प्रवक्ता के मुताबिक, इन कथित अपराधियों के खिलाफ पंजाब के बड़े-बड़े व्यापारियों से पैसे मांगने (फिरौती) , जान से मारने के संगीन आरोप लगे है। यह लोग विदेश में बैठे खालिस्तानियों के इशारे पर पंजाब में इन गतिविधियों को अंजाम देते थे। जांच-पड़ताल दौरान, इनका संबंध खालिस्तान मूवमेंट के साथ रहने की बात सामने आई।

प्रवक्ता के मुताबिक, पूर्व में मामला पंजाब की एजेंसियों के पास था। मई में इनकी गिरफ्तारी हुई थी, जबकि जून में इस केस को एनआईए के हवाले कर दिया गया। चूंकि , एनआईए ने मोहाली के विशेष अदालत में इनके खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी।

उम्मीद, इस बात की लगाई जा रही है कि जल्द ही अपराधियों के खिलाफ आरोप तय हो सकते है। 

दो कथित अपराधी विदेश में

इस केस में दो कथित अपराधी कनाडा में रह रहे है। इसलिए, उनकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई, जबकि एनआईए ने इस केस में कनाडा के विदेशी दूतावास के साथ संपर्क किया। किसी दस्तावेज की अड़चन कारण, इनकी भारत में अभी वापिस नहीं हो सकी। जबकि, प्रवक्ता ने दावा किया कि जल्द ही उनकी टीम इन्हें भारत वापस लाने में सफल हो जाएगी। 

बताया जा रहा है कि अर्शदीप सिंह, हरदीप सिंह निज्जर ही कनाडा में बैठकर पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट को जीवित करने के लिए राष्ट्र विरोधी हरकतों को अंजाम दे रहे है। पिछले दिनों जितने भी खालिस्तान गतिविधियों में लिप्त आतंकियों को पंजाब में पकड़ा गया। पूछताछ में इन दोनों कथित अपराधियों का नाम सामने आया। 

एक अपराधी की हो चुकी मौत

प्रवक्ता ने बताया कि वैसे तो इस केस में आठ के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, जबकि फरीदकोट के रहने वाले पंकज शर्मा की केस के बीच ही मौत हो गई। जिस कारण इस मामले में उसका नाम हटा दिया गया।  

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