बीएसएफ का अधिकार बढ़ाने पर सीएम के साथ सर्वदलीय बैठक शुरु, भाजपा का बहिष्कार

दावा-पंजाब सरकार केंद्र पर बढ़ा सकती है फैसला वापिस लेने के लिए दबाव

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार बढ़ाने पर पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी ने सोमवार को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई है। पंजाब कांग्रेस की तरफ से प्रधान नवजोत सिद्धू भी शामिल हुए। वहीं, आम आदमी पार्टी की तरफ से विपक्षी दल के नेता हरपाल चीमा और अमन अरोड़ा हैं। अकाली दल ने प्रेम सिंह चंदूमाजरा और डॉ. दलजीत चीमा को भेजा है। भाजपा ने इस मीटिंग का बहिष्कार किया है। उनका कहना है कि पंजाब सरकार सुरक्षा के मामले पर सियासत कर रही है।

वहीं, इस मीटिंग के जरिए पंजाब सरकार केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी। जिसमें बीएसएफ के नए अधिकार का नोटिफिकेशन वापस लेने की मांग की जाएगी। मीटिंग खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसमें लिए फैसले की जानकारी दी जाएगी।

पढ़िए… क्यों है पंजाब को एतराज
पंजाब का करीब 600 किलोमीटर सरहद पाकिस्तान से सटी हुई है। पहले बीएसएफ सरहद तक सीमित थी। अब केंद्र ने यह अधिकार बॉर्डर से 50 किमी भीतर तक बढ़ा दिया है। इसके बाद पंजाब के कुल 50 हजार में से करीब 27 हजार किमी एरिया बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ गया। पंजाब में इससे करीब 7 जिले बीएसएफ के अधीन आ गए।जिनमें उन्हें सर्च, गिरफ्तारी और बरामदगी का अधिकार मिल गया। एनडीपीएस, कस्टम और पासपोर्ट एक्ट के यह अधिकार मिले हैं। इसके बाद पंजाब सरकार ने विरोध जताया। उनका कहना है कि जो पंजाब पुलिस आतंकवाद को खत्म कर सकती है, वह इन चीजों से भी निपट सकती है।

पूर्व सीएम कैप्टन बीएसएफ की कर चुके हिमायत

इससे पूर्व पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह बीएसएफ का दायरा बढ़ाने की हिमायत कर चुके है। उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत भी किया था। जिसके बाद पंजाब में राजनीति शुरु हो गई। कैप्टन पर भाजपा के साथ मिलने के आरोप भी लगे, जबकि, उन्होंने पलटवार करते कहा कि देश की सुरक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए। 

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