बेबाक, ईमानदार छवि से जाने वाले शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार को हटाया, नए शिक्षा सचिव अजोय शर्मा होगे

24 आईएएस, 12 पीसीएस का इधर-उधर तबादला

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

एक बात किसी ने सच ही कहीं है कि कलयुग में ईमानदारी, बेबाक व्यक्तित्व की पहचान धीरे-धीरे राजनीतिक तंत्र धूमिल करता जा रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण पंजाब की चन्नी सरकार में सामने आया है। देश के सबसे ईमानदार, बेबाक आईएएस अफसर कृष्ण कुमार को पंजाब शिक्षा सचिव के पद से हटाकर , उनकी जगह अजोय शर्मा को नियुक्त किया गया। नए शिक्षा तथा खेल मंत्री परगट सिंह के निर्देश पर अहम फैसला लिया गया। पता चला है कि अजोय शर्मा के मंत्री परगट सिंह के बेहद करीबी संबंध है। पूरे पंजाब में सोमवार के दिन 24 आईएएस तथा 12 पीसीएस अधिकारियों को इधर से उधर ट्रांसफर किया गया। 


बताते चलें कि पूर्व शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार, पूर्व पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा पूर्व शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के बेहद करीब थी। कृष्ण कुमार की एक बात खास थी कि वह अपनी ईमानदारी , बेबाक, काबिलियत की वजह से जाने जाते रहे है। उन्होंने पंजाब की शिक्षा नीति में कई सुधार लाए। जिस कारण पंजाब राज्य पूरे देश में शिक्षा के मामले में प्रथम स्थान पर आया। इस उपलब्धि की वजह से पंजाब सरकार को पुरस्कृत भी किया गया। 


शिक्षा सचिव केवल कृष्ण की खास बात रही है कि वह किसी भी मंत्री या फिर गलत काम के साथ कभी नहीं समझौता करते थे। उनके काम में अड़ंगा डालने वाले पूर्व में एक मंत्री ने अपना पद भी छोड़ दिया, जबकि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के रहते हुए उन्हें पद से नहीं हटाया गया। क्योंकि कैप्टन खुद इनकी शिक्षा के प्रति नीतियों को लेकर काफी प्रभावित थे। बताया जाता है कि कृष्ण कुमार ने पूर्व में जिन-जिन जिलों में जिलाधीश पद पर कार्य किया। वहां पर काफी अच्छा बदलाव देखने को मिला। 






कृष्ण कुमार से डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी की नहीं पटती थी

बताया जाता था कि जब ओम प्रकाश सोनी पंजाब के शिक्षा मंत्री थे, तब उस दौरान कई सोनी की पूर्व शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार के साथ अनबन होने की बात भी सामने आई। सोनी के कई ऐसे मामले थे, जिन्हें कृष्ण कुमार जैसे ईमानदारी अधिकारी ने नियमों के प्रतिकूल होने की वजह से इसे करने से साफ इंकार कर दिया। इस बात को लेकर सोनी ने सीएम से कृष्ण कुमार की शिकायत भी की, जबकि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हमेशा ही कृष्ण कुमार का स्टैंड लिया। 


कयास, सोनी के इशारे पर हटाया

कयास, इस बात के भी लगाए जा रहे है कि कृष्ण कुमार को डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी के इशारे पर हटाया गया। क्योंकि, सोनी के शिक्षा मंत्री के कार्यकाल दौरान कृष्ण कुमार उनके कई कार्यों में रुकावट बने थे। सूत्रों से मिली खबर मुताबिक शिक्षा मंत्री परगट सिंह तथा ओम प्रकाश सोनी की आपस में काफी अच्छे संबंध है। 


शिक्षा को नई पहचान देने में कृष्ण कुमार ने निभाई थी अहम भूमिका

पंजाब एक समय देश में शिक्षा के स्तर में काफी नीचे गिर गया था। वर्ष 2017 में कांग्रेस सरकार पंजाब की सत्ता में लौटी। सीएम ने शपथ-ग्रहण करने के उपरांत शिक्षा नीति में बदलाव लाने के लिए सबसे पहले शिक्षा सचिव के तौर पर आईएएस अधिकारी कृष्ण कुमार को लगाया। उन्होंने कृष्ण कुमार को फ्री हैंड कर दिया। कृष्ण कुमार ने भी पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के विश्वास को कायम रखते हुए पंजाब में शिक्षा प्रणाली में बड़े सुधार किए। शिक्षकों को निर्देश जारी किए कि वह अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदारी से निभाए। सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने के देन कृष्ण कुमार की सोच थी। देश में शिक्षा के स्तर पर प्रथम स्थान दिलाना कृष्ण कुमार की महान कोशिश थी। 

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