जगह-जगह सरकारी गुंडों तथा किसानों ने भाजपा के खिलाफ किए गुड़ा नाच….अब सोशल मीडिया से लेकर हर प्लेटफार्म में चन्नी सरकार की हो रही थू-थू…गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
मोदी की विश्वसनीयता को लेकर लगभग तीन लाख से ऊपर लोग पहुंच रहे थे रैली स्थल…….बीच में ही उन्हें रोका गया
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
देश के प्रधानमंत्री अपनी विश्वसनीयता किसी के समक्ष मोहताज नहीं है। हर वर्ग का व्यक्ति, उन्हें दिल से प्यार करता है। खासकर, बच्चों तथा आम-वर्ग में उनकी एक झलक पाने की पूरी-पूरी चाहत रहती है। बुधवार को पंजाब की धरती में पांव रखने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आम अंदाज पंजाब की चन्नी सरकार को बिल्कुल पसंद नहीं आया। बेशर्म तथा बेहूदा चन्नी सरकार इस प्रकार हरकत को अंजाम दे रहें है, शायद इस प्रकार से किसी ने सोचा भी नहीं था। देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक सामने आई कि फिर मोदी ने थैंक्स बोलकर चन्नी का आभार जताते कहा कि शुक्र है बच कर निकल गए।।
जगह-जगह सरकारी गुंडो तथा किसानों ने भाजपा के खिलाफ गुंडा नाच का परिचय दिया। रैली स्थल से पहले उनके रास्ते में बांधा डाल दी गई। इस बीच भाजपाई पर किसानों द्वारा डंडे से वार करने तथा मारपीट करने के भी कुछ छिटपुट मामले सामने आए। अब सोशल मीडिया से लेकर हर प्लेटफार्म पर चन्नी सरकार की थू-थू हो रही है। गृह-मंत्रालय ने इन पूरी परिस्थितियों पर अपनी रिपोर्ट मांग ली है। जबकि राज्य सरकार ने अब तक कोई अपना बयान नहीं जारी कर, इस बात को जन्म दे दिया है कि सब कुछ उनकी तरफ से योजना बंद काम था।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता को लेकर लगभग तीन लाख से ऊपर भीड़ जुटने की पूरी-पूरी आस थी। किंतु, कुछ नीच हरकतें करने वालों की वजह से इस पूरे काम में पानी फेर दिया। प्रधानमंत्री पूर्व में बठिंडा के हवाई-अड्डा पहुंचे थे। अगवानी के लिए राज्य सरकार का एक मंत्री तथा राज्यपाल, भाजपा के वरिष्ठ लीडरशिप , वहां पर पहुंची।
उसके बाद प्रधानमंत्री ने राजमार्ग के रास्त से फिरोजपुर जाने का मन बनाया। रास्ते में किसानों ने उनके काफिले में विघ्न डाली दी। लगभग 25 मिनट तक , उनकी कारों का काफिला बीच सड़क पर बाधित रहा। इस बीच प्रधानमंत्री ने ट्विटर के माध्यम से सीएम का थैक्स कर कहा कि शुक्र मेरी जान बच गई, आपका बहुत धन्यवाद। उसके बाद प्रधानमंत्री वापिस लौट गए।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री लगभग 25 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करने पहुंच रहे थे। खासतौर पर पीजीआई सेटेलाइट केंद्र भी शामिल था। हुसैनीवाल सीमा पर शहीदों को नमन देकर वापिस दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
बारिश में भी पंडाल पर दिखे लोग
रैली स्थल पर मौजूद पंडाल में लोग कुर्सियों पर बैठे दिखाई दिए। लोगों को प्रधानमंत्री के जहां पहुंचने का काफी क्रेज था। दरअसल, पंजाब में भी लोकप्रियता काफी है। हर वर्ग के लोग, उन्हें दिल से प्यार करते है तथा उनके संबोधन की हर बात को बड़े ही ध्यानपूर्वक तरीके से सुनते है। जब वहां मौजूद भीड़ को प्रधानमंत्री द्वारा रैली रद्द होने की बात पहुंची तो उनके चेहरों पर साफतौर पर मायूसी देखी गई।
कैप्टन ने राष्ट्रपति शासन की रखी मांग
पंजाब लोक दल के संयोजक तथा संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक को लेकर राज्य की चन्नी सरकार पर बड़ा सवाल खड़ा करते कहा कि इन्होंने पहले से ही क्यों नहीं सुरक्षा के बंदोबस्त किए। उन्हें मालूम नहीं था कि देश के प्रधानमंत्री आने वाले है। राजमार्ग में तो जानकारी सुरक्षा एजेंसियां या फिर पुलिस को थी। फिर किसानों को कैसे पता चल गया कि प्रधानमंत्री राजमार्ग की माध्यम से पहुंच रहे है। बड़ा जांच का विषय है। प्रदेश सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए।किसानों को मिलना था बड़ा तोहफा
प्रधानमंत्री प्रदेश के किसानों के लिए बड़ा तोहफा देने वाले थे। लेकिन किसानों की मंशा ने सब पर पानी फेर दिया। इस बात की पहले से ही चर्चा थी कि पंजाब में प्रधानमंत्री किसानों के लिए बड़ी घोषणा करने आ रहे है। यह सब मालूम होने के बावजूद इस प्रकार घिनौनी हरकत को अंजाम देना ठीक नहीं कहा जा सकता है। चर्चा, इस बात की भी है कि सबकुछ कांग्रेस तथा राज्य सरकार के इशारे पर हुआ।
भाजपा ने की कड़े शब्दों में निंदा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, जीवन गुप्ता, सुभाष शर्मा, नरेश महाजन जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य सरकार पर हमला बोलते कहा कि उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि पंजाब में देश के प्रधानमंत्री का इस प्रकार से स्वागत किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाए कि यह सब कुछ राज्य सरकार की मिलीभुगत की वजह से हुआ।