भाई यह सब राजनीति का खेल- शिअद ने किसानों से बातचीत की बढ़ाई पहल-कई मुद्दों पर हुई चर्चा

फोटो कैप्शन-शिअद तथा किसान संयुक्त मोर्चा के साथ बैठक की तस्वीर।

अन्य राजनीतिक पार्टियां भी किसानों से बातचीत करने के लिए बेकरार,किस पार्टी के होते है किसान….. बड़ा सस्पेंस। 

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

भाई राजनीति का खेल भी बड़ा गजब का है। इस बात का प्रमाण तब मिल जाता है , जब शिअद (बादल) अपनी राजनीतिक सभाओं में किसानों द्वारा विरोध को झेल नहीं पाती है तथा किसान संयुक्त मोर्चा के नाम एक पत्र लिखकर , उनसे बातचीत करने का न्योता दे डालती है।  शुक्रवार को किसान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों तथा शिअद के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा तथा डॉक्टर दलजीत सिंह के साथ चंडीगढ़ में बातचीत का दौर शुरु हो जाता है। यहां पर कई मुद्दों को लेकर शिअद-किसानों के बीच लंबे दौर की बातचीत हुई। इस बातचीत से अन्य राजनीतिक पार्टियों को भी किसानों के साथ बातचीत करने का एक रास्ता खुल गया। फिलहाल यह तय होना शेष है कि किसान किस पार्टी की तरफ अपना निर्णय लेते है। यह एक प्रकार से बड़ा सस्पेंस है, जिसके पर्दे के पीछे की तस्वीर का खोलना अभी शेष है।


शिअद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर बादल ने विस चुनाव 2022 को लेकर 100 विधानसभा क्षेत्र में जनसभा करने का ऐलान किया। जिन-जिन जगह सुखबीर बादल का काफिला निकला। वहां पर किसानों का विरोध झेलना पड़ा। या फिर यू कह सकते है कि इन जनसभाओं के कार्यक्रम को किसानों ने पूर्ण नहीं होने दिया। शिअद को इस बात की भी चिंता है कि किसान उनका बहुत बड़ा मत है। इस मत के साथ बातचीत के साथ ही सुलझाया जा सकता है। जिस प्रकार से किसान नेताओं से शिअद के दो वरिष्ठ नेताओं की बातचीत हुई। उससे यह तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन्होंने किसानों के साथ मतभेद को काफी हद तक सुलझा लिया। 


जानिए, कौन-कौन से बातें तय हुईकिसानों तथा शिअद के वरिष्ठ नेताओं के साथ

सुखबीर बादल की जनसभाओं को लेकर लंबे तौर पर चर्चा हुई।  किसानों की रैली दौरान शिअद कोई भी जनसभा नहीं आयोजित करेगा। इससे पूर्व किसानों को शिअद दो दिन पहले सूचित कर देना होगा। रैली रोक पर राष्ट्रीय स्तर पर नीति बनाने पर भी जोर दिया गया। कयास लगाए जा रहे है कि थोड़े दिन के भीतर शिअद अपनी चुनावी जनसभाएं शुरु करने जा रही है। 


कांग्रेस के लिए किसानों से बातचीत  बड़ा मुद्दा

सत्ताधारी कांग्रेस के लिए किसानों के साथ बातचीत करना एक अहम मुद्दा है। क्योंकि , इस दौरान किसान कांग्रेस पार्टी से काफी नाराज चल रहे है। क्योंकि किसानों का रोष है कि सत्ताधारी कांग्रेस के इशारे पर उनके किसान भाईयों के खिलाफ पर्चे दर्ज किए गए। इन पर्चें के रदद करने के बाद ही कांग्रेस के साथ बातचीत करने का फैसला लिया जा सकता है। उधर, चर्चा इस बात की भी है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्वू, जालंधर के विधायक परगट सिंह किसान नेताओं के साथ जल्द ही बातचीत करने वाले है। 


आप किसानों को चुनावी वादों से लुभाएंगी

आम आदमी पार्टी की तरफ से किसानों के हर मुद्दे पर विचार करने को तैयार है। उनकी अहम बातचीत में किसानों के लिए उनके मूल अधिकार दिलाने का वादा होगा। वैसे भी किसानों की आम आदमी पार्टी के साथ अच्छा तालमेल है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि आम आदमी पार्टी का किसानों के साथ बातचीत चुनावों के मद्देनजर अहम भूमिका निभा सकती है।   

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