मजीठिया की उल्टी गिनती शुरू…..वरिष्ठ कांग्रेसियों को शामिल करने का डाल रहे दबाव…..वीआईपी कल्चर की दे रहे मिसाल
राजू-जीवनजोत का शांत मतदाता मजीठिया को देगा बड़ा जवाब…….मतदाता का दावा….झंडिया लगाने से नहीं बन जाता है जीत का माहौल
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
बिक्रम मजीठिया हमेशा से ही अपनी दबंग अंदाज की वजह से चर्चा में रहे है। एसएनई न्यूज के संपादक द्वारा उन्हें (मजीठिया) से सवाल पूछने पर अपनी धौंस बाजी जमाते कहा कि खबर लगानी है तो लगा दो ….नहीं तो मुझे ठोक दो। मुझे किसी की परवाह नहीं है।
विधानसभा हलका मजीठा छोड़ कर, इस बार विधानसभा हलका पूर्वी से अपनी किस्मत आजमा रहे है। मुकाबला पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कड़ा चल रहा है। कुछ मतदाता तथा राजनीति विशेषज्ञ , इस बात को लेकर चल रहे है कि मजीठिया के लिए यह उल्टी गिनती शुरू होने का काम कर सकती है। विधानसभा हलका पूर्वी में शनिवार को एक कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता के घर बैठ , उन्हें शिअद में शामिल होने के लिए दबाव डालते दिखाई दिए। आखिर , उस नेता ने भी इशारों ही इशारों में मजीठिया को जवाब दे दिया कि वे भी कांग्रेस को कदापि छोड़ने वालों में से नहीं है। मजीठिया चुनाव लड़ने के साथ-साथ वीआईपी कल्चर को भी मिसाल दे रहे है।
विधानसभा हलका पूर्वी में आंकड़े काफी चौंकाने वाले सामने आ रहे है कि भाजपा के पूर्व आईएएस डॉक्टर जगमोहन सिंह राजू तथा आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी जीवनजोत कौर से कड़ी टक्कर मिल रही है। उन्हें मजीठिया को हलके में लेना प्रतिकूल असर डाल सकती है। इनका शांत मतदाता 20 फरवरी को मत के माध्यम से जवाब देने वाला है। मतदाता दावा भी कर रहे है कि उन्हें अपने क्षेत्र में नेता वह चाहिए जो कि उनके काम आ सके।
विडंबना इस बात की रही है कि इस क्षेत्र में पूर्व में सिद्धू दंपत्ति लोगों से काफी दूर रहें है। चुनाव दौरान लोगों तक ही पहुंच की, जबकि विधायक बनने के उपरांत लोगों को बिल्कुल भूल जाने की शिकायत कई बार सामने आ चुकी है। इस बार शिअद की तरफ से मजीठिया सिद्धू के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे है। अपनी जीत को सुनिश्चित बता रहे है, जबकि शांत मतदाता मजीठिया को सबक सिखाने की पूरी तैयारी कर चुका है। दरअसल, मतदाता किसी प्रकार का वीआईपी कल्चर वाला नेता नहीं चाहता है। उन्हें तो उनका प्रतिनिधि के बीच काम करने वाला चाहिए। मजीठिया-सिद्धू के साथ सुरक्षाकर्मियों का घेरा कड़ा होता है कि आम जनता से मुलाकात करना मुश्किल हो जाता है। अब चुनाव प्रचार आम जनता से सहानुभूति हासिल करने का पूरा-पूरा प्रयास कर रहे है। जबकि, यहीं लोग शायद इन बड़े नेताओं को मजा चखाने में जुट चुके है।
नेशनल मीडिया दे रही सिद्धू-मजीठिया को पूरी-पूरी तवज्जो
राष्ट्रीय मीडिया अपने-अपने चैनल की टीआरपी बढ़ाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू तथा बिक्रम सिंह मजीठिया को पूरी-पूरी तवज्जो दे रही है। पता चला है कि इन नेताओं ने चैनल में अपने समर्थन में जीत दिखाने के लिए मोटी रकम दे रखी है, जबकि ग्राउंड स्तर पर ये मीडिया कोई काम नहीं कर रही है। मूल मुद्दे जैसे सवाल इन नेताओं से मीडिया बिल्कुल नहीं पूछ रहे है। सिर्फ तो सिर्फ जो नेता जी बोल रहे है, उन्हें ही चलाया जा रहा है। सवाल खड़ा करने वाली मीडिया से इन दोनों नेताओं ने अपनी दूरियां बना रखी है।
मजीठिया हार गए तो कहीं के नहीं रहेंगे
बिक्रम सिंह मजीठिया विधानसभा हलका पूर्वी से अपनी किस्मत का दाव खेल रहे है। मजीठिया के लिए यहां से जीत हासिल करना इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि मैदान में टक्कर देने वाले भी किसी पहचान के मोहताज नहीं है। सिद्धू के साथ-साथ भाजपा की तरफ से पूर्व आईएएस जगमोहन सिंह राजू, आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी जीवनजोत कौर भी कड़ी टक्कर दे रही है। यह प्रत्याशी भी किसी से कम नहीं है। अगर मजीठिया, इस बार चुनाव हार जाते है तो वह कहीं के नहीं रहेंगे।