एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
पंजाब में पराली प्रबंधन के लिए प्रयुक्त होने वाली मशीनों के वितरण में 150 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ है। प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ है कि 90422 मशीनों के वितरण में 13 फीसदी ऐसे लाभार्थी हैं जिनके पास मशीनें ही नहीं हैं। पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं।
स्थलीय निरीक्षण में गड़बड़ी का हुआ खुलासा
कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से साल 2018-19 से साल 2021-22 तक सेंट्रल सेक्टर स्कीम प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप रेज्ड्यू (सीआरएम) लागू की गई थी। इस स्कीम के तहत साल 2018-19 से साल 2021-22 तक लाभार्थी किसानों, रजिस्टर्ड किसान समूहों, सहकारी सभाओं, एफपीओ और पंचायतों को कुल 90422 अलग-अलग मशीनें लाभार्थियों को उपलब्ध करवाई गईं। इन मशीनों में से 83986 मशीनें कृषि विभाग की तरफ से मुहैया करवाई गई थीं और बाकी रहती मशीनें रजिस्ट्रार सहकारी सभाओं की तरफ से मुहैया करवाई गई थीं। मशीन वितरण में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए सरकार के द्वारा मशीनों का स्थलीय निरीक्षण करवाया गया। जिसमें खुलासा हुआ कि योजना के तहत सब्सिडी और मुहैया करवाए गए यंत्र फील्ड में उपलब्ध नहीं हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि 16 अगस्त 2022 तक विभाग की तरफ से मुहैया करवाई गई 83986 मशीनों में से 79295 मशीनों का स्थलीय निरीक्षण किया जा चुका है, जो कि कुल 94.4 प्रतिशत है। इन वेरीफाई की गई मशीनों में से कुल 11275 मशीनों ( 13 फीसदी) मशीनें लाभार्थियों के पास उपलब्ध नहीं हैं।
20 जिलों का हुआ स्थलीय निरीक्षण
कृषि मशीनरी का पता लगाने के लिए विभाग के द्वारा 20 जिलों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने लाभार्थी का नाम, गांव का नाम, सब्सिडी की राशि, आधार कार्ड नंबर और मशीनरी की जानकारी जुटाई गई। यह कार्य 15 दिनों में पूरा किया गया।
केंद्र ने दी 1178 करोड़ की सब्सिडी
पराली प्रबंधन के लिए केंद्र के द्वारा सूबे को 1178 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई। इससे पहले पूर्व कृषि मंत्री रणदीप नाभा ने भी दावा किया था कि मशीनरी खरीदने के लिए चार साल के लिए केंद्र द्वारा दी गई सब्सिडी की राशि में घपला हुआ है।
ईडी कर रही जांच
केंद्रीय सब्सिडी में घपले के इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय भी जांच कर रहा है। ईडी के द्वारा हाल ही में सरकार से कृषि मशीनरी से संबंधित दस्तावेज भी तलब किए थे, जिसके बाद सरकार की ओर से सभी अधिकारियों को संबंधित कागज तैयार रखने के लिए कहा गया था।
कार्यवाही के लिए विजिलेंस विभाग को लिखा
कृषि मंत्री, पंजाब सरकार कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि मूलभूत तौर पर की गई जांच के दौरान यह घपला 125-150 करोड़ रुपए तक लगता है, जिसकी बारीकी से जांच और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए विजिलेंस विभाग को लिखा गया है।