पिछले साल मोहाली में शार्प शूटरों ने गोली मार कर दी थी बेरहमी से हत्या…सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गई थी वारदात
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
यूथ अकाली दल नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या के मामले में पंजाब पुलिस छह माह बीत जाने के उपरांत भी किसी निष्कर्ष पर तक नहीं पहुंच पाई। अब तक हत्या को अंजाम देने वाले कथित अपराधी पुलिस गिरफ्त से दूर है। पीड़ित परिवार पंजाब पुलिस की अब तक की जांच प्रक्रिया से नाखुश है। परिवार ने कहा कि वह जल्द ही इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात कर उनसे सीबीआई जांच की मांग करने जा रहा है। पिछले साल अगस्त को मोहाली में मिड्डूखेड़ा का शार्प शूटरों द्वारा कार में ही गोलियां बरसाकर बेरहमी से कत्ल कर दिया था। सारी वारदात पास में लगे सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गई थी। मोहाली के थाना में कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया था।
चंडीगढ़ में रखी गई एक प्रेस वार्ता दौरान विक्की मिड्डूखेड़ा के भाई अजय पाल मिड्डूखेड़ा ने केस के प्रमाण रखते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस मामले को लेकर वह परिवार समेत पंजाब के निर्वतमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह, पंजाब के निवर्तमान उप-मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह से मुलाकात कर , उन्हें लिखित में इंसाफ की गुहार लगा चुके है। इसके अलावा अब वे शहर में हस्ताक्षर अभियान भी छेड़ने जा रहे है। इस मामले को लेकर परिवार ने ठान लिया है कि वे अब चुप नहीं बैठने वाले है। हत्या की वारदात को अंजाम देने वालों को पुलिस की गिरफ्त में जाते है। पता लगना चाहिए कि कथित अपराधियों ने किसके इशारे पर हत्या को अंजाम दिया।
बता दें कि मिड्डूखेड़ा की हत्या उपरांत प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई थी कि यह एक प्रकार से गैंगवार है। क्योंकि, मिड्डूखेड़ा के संबंध भी पुराने गैंगस्टरों के साथ रह चुके है। यहां तक भी कहा गया था कि जिन्होंने इस हत्या को अंजाम दिया था, उनका मिड्डूखेड़ा के साथ पुरानी रंजिश थी। फिलहाल, इस बारे किसी ने कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की थी।
पता चला है कि मिड्डूखेड़ा ने गैंगस्टरों के संबंध को छोड़ कर राजनीति का रास्ता अपना लिया था। वह शिअद के यूथ विंग में पंजाब स्तरीय पद पर अपनी सेवा निभा रहे थे। शिअद के सुप्रीमों सुखबीर सिंह बादल के बेहद करीबी थी। उनके साथ कई तस्वीरें सोशल मीडिया में पाई गई। मिड्डू खेड़ा के भोग में बादल ने शामिल होकर इंसाफ दिलाने की बात कहीं थी तथा पंजाब सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे।